उत्तराखंड की इस झील के पास मौजूद है भगवान गणेश का घर, गणेश चतुर्थी के दौरान बढ़ जाता है इस जगह का महत्व
सनातन धर्म में भगवान गणेश को बहुत महत्व दिया जाता है. हर शुभ कार्य के शुरु होने से पहले बप्पा को याद किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बप्पा का जन्म कहां और कैसे हुआ था?
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गणेश चतुर्थी के दौरान पूरे देश में बप्पा के आगमन की धूम है. मान्यता है कि इन दिनों भगवान गणेश का अवतरण हुआ था. 10 दिनों तक चलने वाला ये त्यौहार सभी भक्तों के लिए बेहद ही खास होता है. इस दौरान बप्पा के भक्त बप्पा के मंदिरों में जाते हैं, बप्पा से जुड़ी चीजों को घर लेकर आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, बप्पा से जुड़ी उत्तराखंड में एक ऐसी जगह भी है जो गणेश चतुर्थी के दौरान भक्तों को बहुत ज्यादा आकर्षित करती है. यहां की लोकमान्यताओं के अनुसार यहीं भगवान गणेश का घर है. लेकिन अब ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर कौन सी है ये जगह? किन लोककथाओं के कारण इसे भगवान गणेश का घर माना जाता है. आइए जानते हैं…
आखिर कैसे हुआ भगवान गणेश का जन्म?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार मां पार्वती ने डोडीताल झील के पास स्नान करने से पहले चंदन के लेप से एक पुतला तैयार किया था. मां पार्वती ने नहाने से पहले उस पुतले में प्राण डाल दिए और अपने पुत्र को आदेश दिया कि मैं स्नान के लिए जा रही हूं, तुम इस कक्ष की रक्षा करना और किसी को अंदर मत आने देना. कुछ देर बाद भगवान शिव अपने घर की तरफ वापस लौटे. लेकिन न ही भगवान गणेश शिव जी को जानते थे और न ही भगवान शिव जानते थे कि भगवान गणेश कौन हैं. इसलिए भगवान गणेश ने महादेव को कक्ष में प्रवेश करने से रोक दिया. भगवान शिव ने इसे अपना अपमान समझा और इस बात से बेहद ही क्रोधित हो गए. इस दौरान दोनों के बीच युद्ध छिड़ा और भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काट दिया. जब ये बात मां पार्वती को पता चली तो वह बेहद ही क्रोधित और दुखी हो गईं. मां पार्वती के दुख को कम करने के लिए भगवान शिव ने अपने गणों को आदेश दिया कि उत्तर दिशा में जो भी प्राणी दिखे उसका सिर ले आना. उन्होंने एक हाथी का सिर लाकर भगवान शिव को सौंप दिया. भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से गणेश जी के धड़ से हाथी के बच्चे का सिर जोड़ दिया. सभी देवताओं ने अपना-अपना आशीर्वाद देकर बप्पा के महत्व को बढ़ाया.
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भगवान गणेश का जन्म कहां हुआ था?
लोक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित डोडीताल झील के पास हुआ था. समुद्रतल से 3,310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मंदिर को भगवान गणेश से संबंधित माना जाता है. माना जाता है कि भगवान गणेश अपनी मां पार्वती के साथ इस झील में विराजमान हैं. इस गणेश चतुर्थी के दौरान कई भक्त यहां भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने आते हैं.
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