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भारत में नहीं तो किस देश में है दुनिया की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा? सबसे अलग इस प्रतिमा का क्या महत्व है, जानें

थाईलैंड टूरिज्म डायरेक्टरी के अनुसार इस प्रतिमा का निर्माण कार्य चाचोएंगसाओ स्थानीय संघ समूह ने 2009 में शुरू करवाया था. बता दें कि गणपति जी की प्रतिमा करीब 854 हिस्सों को मिलाकर बनाई गई है और 40,000 वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में फैली है.

22 Aug, 2025
( Updated: 07 Dec, 2025
10:25 PM )
भारत में नहीं तो किस देश में है दुनिया की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा? सबसे अलग इस प्रतिमा का क्या महत्व है, जानें
भगवान गणेश की प्रतिमा

इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 27 अगस्त को मनाया जाएगा. इसलिए बप्पा के भक्तों के लिए यह जानना बेहद खास रहेगा कि बप्पा की सबसे बड़ी मूर्ति अगर भारत में नहीं है तो फिर कहां है, क्योंकि हिंदुस्तान में जब भी किसी शुभ कार्य की शुरुआत करनी होती है तो सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. उनके बिना हर शुभ कार्य अधूरा ही रहता है. इस वजह से हिंदू धर्म में गणेश जी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.

भगवान गणेश, जो हिंदुस्तान के हर सनातनी घर में पूजे जाते हैं. लेकिन इनकी ये प्रतिमा भारत में न होकर बल्कि थाईलैंड के ख्लॉन्ग ख्वेन शहर के गणेश इंटरनेशनल पार्क में स्थित है. इस जगह स्थापित भगवान गणेश की ये प्रतिमा न सिर्फ 128 फुट लंबी बल्कि मनमोहक रूप के लिए भी पूरी दुनिया में विख्यात है और अब जब गणेश चतुर्थी नजदीक है तो यह मूर्ति सभी बप्पा के भक्तों के लिए और भी ज्यादा खास बन चुकी है.

दाएं हाथ में कटहल, जो समृद्धि का प्रतीक है और बाएं हाथ में गन्ना, जो मिठास और खुशी का प्रतीक है, निचले दाएं हाथ में केला, जो शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त माना जाता है और बाएं हाथ में आम, जो ज्ञान और बुद्धि से जुड़ा हुआ फल है, लिए हुए हैं, ये इनके स्वरूप को और बढ़ा देता है.

प्रतिमा का इतिहास

थाईलैंड टूरिज्म डायरेक्टरी के अनुसार इस प्रतिमा का निर्माण कार्य चाचोएंगसाओ स्थानीय संघ समूह ने 2009 में शुरू करवाया था. बता दें कि गणपति जी की प्रतिमा करीब 854 हिस्सों को मिलाकर बनाई गई है और 40,000 वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में फैली है.

बौद्ध धर्म में भगवान गणेश का महत्व

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थाईलैंड की लगभग 90 प्रतिशत आबादी बौद्ध धर्म से जुड़ी है और हिंदू आबादी 0.1 से 0.3 प्रतिशत है, लेकिन फिर भी यहां भगवान गणेश की सबसे बड़ी मूर्ति है क्योंकि यहां बौद्ध धर्म के लोग भगवान गणेश को बाधाएं दूर करने वाला मानते हैं. इसलिए यहां बनी भगवान गणेश की मूर्ति न सिर्फ वास्तुकला का शानदार उदाहरण है बल्कि बप्पा के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, इसलिए अगर आप भी बप्पा के भक्त है तो अपनी जिंदगी में एक न एक बार तो इस मूर्ती के दर्शन जरुर कीजिएगा. 

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