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Diwali Special: भाग्य की देवी के रूप में विराजमान हैं महालक्ष्मी, त्रिदेवी के साथ देती हैं अद्भुत दर्शन

मुंबई के समुद्र किनारे स्थित महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली पर त्रिदेवी यानि लक्ष्मी, काली और सरस्वती एक साथ दर्शन देती हैं. कहा जाता है कि यहां मुरादें पूरी होती हैं और भाग्य बदल सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, इस मंदिर के पीछे छुपी है एक रहस्यमयी पौराणिक कथा, जिसे आपको भी जानना चाहिए.

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19 Oct 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:08 PM )
Diwali Special: भाग्य की देवी के रूप में विराजमान हैं महालक्ष्मी, त्रिदेवी के साथ देती हैं अद्भुत दर्शन

साल के सबसे बड़े त्योहार दीपावली को आने में कुछ ही दिन बचे हैं और मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए लोगों ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे मौके पर मां लक्ष्मी के मंदिर में दर्शन करने जाना भी बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि उन्हें धन की देवी माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुंबई में एक प्रसिद्ध महालक्ष्मी का मंदिर है, जहां मां त्रिदेवियों के साथ दर्शन देती हैं? ये मंदिर लोगों का भाग्य बदलने के लिए जाना जाता है.

महालक्ष्मी मंदिर कहां स्थित है? 

दक्षिण मुंबई के समुद्र किनारे मुंबई के भूलाभाई देसाई मार्ग पर मां महालक्ष्मी का मंदिर है, जो अपनी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. माना जाता है कि यहां मांगी मुराद हमेशा पूरी होती है और मां भाग्य का लिखा भी पलट सकती है. दीपावली के दिन मंदिर का नजारा बहुत अद्भुत होता है.

दिवाली पर त्रिदेवियों के दर्शन के लिए लगती है भक्तों की भीड़ 

दीपावली के लिए खास तौर पर भक्त त्रिदेवियों का दर्शन करने के लिए आते हैं. सन 1831 में बने इस मंदिर को लेकर कई लोक-कथाएं प्रचलित हैं. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण धकजी दादाजी नाम के शख्स ने करवाया था, जिसे मां ने सपने में दर्शन दिए थे. कहा जाता है कि आक्रमणकारियों के हमले से लोगों ने छोटे से मंदिर में स्थापित देवी महाकाली, देवी महासरस्वती और देवी महालक्ष्मी की प्रतिमा को वर्ली खाड़ी में विसर्जित कर दिया था, लेकिन फिर बाद में धकजी दादाजी को मां ने सपने में दर्शन दिए और अपने स्थान के बारे में जानकारी दी. इसके बाद नदी के किनारे पर देवी महाकाली, देवी महासरस्वती और देवी महालक्ष्मी को पुनर्स्थापित किया गया.

मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा

एक और किंवदंती के अनुसार कभी मुंबई शहर में वर्ली और मालाबार हिल को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण होना था, लेकिन किसी न किसी वजह से पुल के बनने का काम पूरा नहीं हुआ. तंग आकर पुल को बनाने का काम रोक दिया गया, लेकिन फिर इसी बीच एक कारीगर को मां लक्ष्मी ने दर्शन दिए और बताया कि समुद्र किनारे मेरी प्रतिमा है, पहले उसकी स्थापना करो. सभी लोगों ने मिलकर मंदिर का निर्माण कराया और उसके बाद पुल के निर्माण का काम पूरा हुआ.

मंदिर का गर्भगृह भी है अद्भुत

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प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर का गर्भगृह बहुत सुंदर है, जहां मां लक्ष्मी, मां काली और मां सरस्वती तीनों एक साथ भक्तों को दर्शन देती हैं. मां की प्रतिमा भी हमेशा सोने और चांदी के आभूषणों से लदी रहती है. दीपावली के दिन भाग्य की देवियों के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करके लौटते हैं.

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