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हिंदुस्तानियों के साथ ये कैसा सलूक ? Trump ने हाथ में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधकर भेजा !

America ने अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को अपने सैन्य विमान से भारत भेज दिया. भारत लौटे प्रवासियों को प्लेन में हाथ बांधकर, बेड़ियों में जकड़कर प्लेन में बैठाया. भारत लौटे 104 प्रवासियों ने अपनी कहानी बयां कि तो बवाल मच गया. Trump के इस तरीके पर दुनियाभर में उनकी आलोचना की जाने लगी.

साल 2024 में आई शाहरुख खान की फिल्म डंकी तो आपने देखी ही होगी। इस फिल्म में दिखाया गया कि कैसे अमेरिका जाकर कमाने के लालच में भारतीय नागरिक खुद को बड़े खतरे में डाल देते हैं।अमेरिका जाने का एक ऐसा रूट जो नरक से कम नहीं था।अमेरिका जाने की चाहत ऐसी की कांटों भरी राह भी मंजूर।इस मुश्किल राह के लिए भी कोई अपनी जमीन बेचता है।तो कोई गहने। तो कोई कर्जा लेकर ये चाहत पूरी करता है। चाहत के साथ जरूरत और कुछ सपने भी थे।लेकिन 5 फरवरी 2025 को जब अमेरिका का C 7 ग्लोब मास्टर विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ तो ये सपने भी मर गए।

राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया।

इनमें कुछ भारतीय भी शामिल हैं जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। अमेरिकी विमान  से करीब 104 भारतीयों को भारत लाया गया। अमेरिकी कानून के हिसाब से ये सभी लोग अवैध तरीके से वहां रह रहे थे। ट्रंप ने अपने कैंपेन में ही इमिग्रेशन पॉलिसी को सख्त करने का ऐलान कर दिया था।और शपथ लेते ही डिपोर्टेशन अभियान चला कर हड़कंप मचा दिया। ऐसे में इसकी आशंका तो पहले से थी लेकिन सवाल अमेरिका के तरीके पर उठ रहे हैं।अमेरिका से लौटे भारतीयों ने अपने साथ हुए सलूक कि कहानी बयां की। इनमें से एक जसपाल सिंह ने बताया कि"40 घंटे के रास्ते में विमान के अंदर उनके हाथों में हथकड़ियां थीं।104 लोगों को ठूंस-ठूंसकर प्लेन में भरा गया था। इस लंबे सफर में उन्होंने खाना भी हथकड़ियों के साथ ही खाया था। पांव में भी बेड़ियां थीं। भारत पहुंचने के बाद बेड़ियां खोली गईं। हम बहुत दुखी और हताश हैं किसी को नहीं खुदकी किस्मत को दोष दे रहे हैं। कर्जा लेकर अमेरिका गए थे"


अमेरिका ने खुद एक वीडियो साझा कर बताया कि किस तरह अप्रवासियों के साथ कैदियों जैसा सुलूक किया गया है। US बॉर्डर पैट्रोल के अध्यक्ष माइकल डब्ल्यू।बैंक्स ने ये वीडियो शेयर किया है. जिसमें देख सकते हैं। लाइन में लगे लोग धीरे धीरे आगे बढ़ रहे हैं। क्योंकि इनके पैरों में बेड़ियां बंधी हैं। दोनों हाथों में हथकड़ी है। इस वीडियो के साथ बकायदा लिखा गया कि। "अमेरिकी बॉर्डर पैट्रोल USBP ने अवैध एलियंस को सफलतापूर्वक भारत वापस भेजा। यह अब तक की सबसे लंबी डिपोर्टेशन फ्लाइट थी। जिसके लिए मिलिट्री एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया। यह मिशन अवैध प्रवासियों के निष्कासित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। आप अवैध रूप से सीमा पार करते हैं तो आपको वापस भेजा जाएगा"
GFX OUT 

हाथ में हथकड़ियों वाली कई तस्वीरें भी सामने आईं। जिसके बाद ट्रंप के इस तरीके की आलोचना होने लगी। इन प्रवासियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। बावजूद इसके ट्रंप ने नरमी नहीं बरती और सैन्य विमान और सैनिकों को डिपोर्टेशन अभियान में लगाया। उनको किसी अपराधी की तरह अपने देश भेजा गया। जबकि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। हां..वे अमेरिका में बिना किसी वैध कागज के रह रह थे।और अमेरिका में किसी अपराध से कम नहीं है। ट्रंप कई मौकों पर अवैध प्रवासियों को एलियंस और अपराधी भी कह चुके हैं। वहीं, डिपोर्टेशन से पहले प्रवासियों के परिवार को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।अमेरिका से लौटी गुजरात की एक महिला के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी कैदी नहीं थी। ऐसे में बेड़ियां पहनाना टॉर्चर है।

हरियाणा के अंबाला के सुशील कुमार ने बताया कि उनका बेटा एजेंट के जरिए 40-45 लाख रुपए देकर अमेरिका गया था। वो 4 महीने में अमेरिका पहुंचा। एजेंट की बातों में आकर उन्होंने अपनी दुकान बेच दी। पेंशन के सारे पैसे दे दिए। सुशील कुमार ने इस दौरान डंकी रूट बताने वाले एजेंट पर भी कार्रवाई की मांग की।

20 जनवरी को शपथ लेते ही ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन के लिए एग्जीक्यूीटिव ऑर्डर पर साइन कर दिया था।ट्रंप का मानना है कि दूसरे देशों से आए अप्रवासियों के कारण अमेरिकी नागरिकों के रोजगार पर असर पड़ा है।

वहीं भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी और बेड़ियों में भेजने के दावे पर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया। संसद के बाहर विपक्षी सांसदों ने हाथ में हथकड़ियां लगाकर प्रदर्शन किया। ससंद के अंदर भी भारतीयों के डिपोर्टेशन पर जमकर हंगामा हुआ।

इस पर संसद में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा अवैध रूप से विदेश में रहव रहे नागरिकों को वापस लेना सभी देशों का दायित्व है। हम अमेरिकी सरकार से ये सुनिश्चित करने के लिए बात कर रहे हैं कि भारतीय नागरिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार ना किया जाए।
साथ ही उन्होंने राज्यसभा में पहले हुए भारतीयों के डिपोर्टेशन का आंकड़ा भी पेश किया।

2018 से 2023 तक डिपोर्ट हुए प्रवासियों का आंकड़ा 

साल 2018 में 611 भारतीय डिपोर्ट हुए। साल 2019 में 1616 भारतीय डिपोर्ट हुए। साल 2020 में 2312 भारतीय डिपोर्ट हुए। साल 2021 में 292 भारतीय डिपोर्ट हुए । साल 2022 में 276 भारतीय डिपोर्ट हुएसाल 2023 में 370 भारतीय डिपोर्ट हुए 

आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका ने अप्रवासियों को पहले भी डिपोर्ट किया है।लेकिन इस बार सवाल ट्रंप के तरीके पर उठ रहे हैं।

डंकी रूट एक ऐसा रास्ता है जो कई देशों से गुजरता है। अगर भारत से अमेरिका जाने के लिए डंकी रूट का इस्तेमाल करेंगे तो करीब 4 महीने अमेरिका पहुंचने में लग जाएंगे। यह रूट काफी खतरनाक और जोखिम भरा होता है। पहले अपराधी भागने के लिए करते थे। वहीं, पंजाब में डंकी शब्द का मतलब एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए करते हैं। इसलिए भी इस रास्ते को डंकी रूट कहा जाने लगा। 


सब कुछ दांव लगाकर अमेरिका गए इन प्रवासियों के सारे सपने भी दफन हो गए। ऐसे में जब ये लौट आएं हैं तो क्या करेंगे ? आगे इनका भविष्य क्या होगा ? ये सवाल सबके मन में हैं। अमेरिका के पास इन सभी का रिकॉर्ड है ऐसे में लीगल तरीके से भी ये लोग अमेरिका नहीं जा पाएंगे। इसी के साथ उनके अन्य देशों में जाने पर भी सवाल गहरा गया है क्योंकि अमेरिका की ही नीति को ब्रिटेन, कनाडा न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत 20 देश फॉलो करते हैं।वहीं, अगर भारत में इनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है तो इनके लिए आगे की राह आसान है। वरना ये कानूनी पचड़े में भी फंस सकते हैं। 

पासपोर्ट में हेराफेरी की जांच होगी। मानव तस्करी के एंगल की जांच होगी । अवैध रूप से सीमा पार कर भागने में कार्रवाई हो सकती है।

अवैध इमिग्रेशन पर एक्शन पहले भी हुआ। लेकिन इस बार अमेरिका अपने बर्ताव को लेकर दुनिया की नजर में आ गया। 

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