VIDEO: ‘हताश है ट्रंप, मोदी का कुछ नहीं कर सकता…’, टैरिफ पर भारत के सख्त स्टैंड का कायल हुआ पाक पत्रकार, कहा- दुनिया में हिंदुस्तान की बड़ी इज्जत
भारत और प्रधानमंत्री मोदी ने जो अमेरिका और ट्रंप के खिलाफ स्टैंड लिया है, उसकी पाकिस्तान में खूब चर्चा हो रही है. PAK पत्रकार ने ट्रंप की कॉल पीएम मोदी द्वारा नहीं उठाने पर कहा कि भारत का ट्रंप कुछ नहीं कर सकते, होंगे वो अमेरिका के राष्ट्रपति, हिंदुस्तान ने भी कह दिया है, जो करना है कर लो, लेकिन झुकेंगे नहीं. और तो और पाकिस्तानी विश्लेषक ने कहा कि आज न कल ट्रंप को टैरिफ वाला फैसला वापस लेना पड़ेगा, क्योंकि भारत कोई छोटा देश नहीं है जिसे धमकाया जा सके. यहीं नहीं, इंडियंस की पूरी दुनिया में इज्जत है.
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अमेरिका के बारे में कहा जाता है कि यहां का राष्ट्रपति इतिहास लिख भी सकता है और इतिहास का रुख मोड़ भी सकता है. डोनाल्ड ट्रंप जब से 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति बने हैं, भारत-अमेरिका के बीच करीब 25 सालों की कड़ी मेहनत, संघर्ष, नेगोशिएशन और पर्सनल योगदान की वजह से बने संबंधों और साझेदारी पर पानी फेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
हालांकि भारत बड़ी होशियारी से अपने पत्ते खोल रहा है. इन सबसे इतर एक प्रतिष्ठित जर्मन अखबार FAZ ने दावा किया है कि ट्रंप ने बीते दिनों करीब 4 बार पीएम मोदी को कॉल किया और उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन, प्रधानमंत्री ने उनकी कॉल को रिजेक्ट कर दिया. इसके बाद से ही चर्चा जारी है कि एक सुपर पावर देश के राष्ट्रपति के साथ मोदी ने ऐसा क्यों और क्या सोच कर किया?
कहा जा रहा है कि भारत ने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हुई ट्रंप की बातचीत और उसके मिनिट्स को ट्रंप द्वारा एकतरफा लीक कर देना इसकी मुख्य वजह बनी है. इसे पीएम मोदी की तरफ से अमेरिका को जवाब के तौर पर माना गया. अब इसकी चर्चा पाकिस्तान में भी हो रही है. पाकिस्तान के दिग्गज पत्रकार, पीसीबी के पूर्व चेयरमैन और नवाज शरीफ के करीबी नजम सेठी ने न चाहते हुए इस पर भारत की तारीफ की है.
नजम सेठी पाकिस्तानी चैनल समा टीवी पर 'सेठी से सवाल' शो करते हैं. यहां उनसे पाकिस्तानी एंकर सैयदा आयशा नाज पूछती है कि सेठी साहब, एक जर्मन प्रेस (अखबार) ने दावा किया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने चार हफ़्तों में चार बार नरेंद्र मोदी से डायरेक्ट बात करने की कोशिश की, लेकिन फोन अटेंड नहीं किया गया. ऐसा क्यों है? क्या भारत ऐसा कर के एहतियात बरत रहा है या अपने गुस्से का इजहार कर रहा है?
इसके जवाब में सेठी कहते हैं कि ट्रंप के बयानों और स्टैंड की वजह से भारत में काफी गुस्से का इजहार किया जा रहा है. PM मोदी एक पॉपुलर प्रधानमंत्री हैं, तो उन्हें दिखाना तो पड़ेगा कि वो मजबूत हैं. आखिरकार भारत खुद को ऊंचे कद का आंकता है. और ऐसा मानने के पीछे की वजह भी है. अमेरिकी सहित यूरोपीय देशों ने हिंदुस्तान को ऐसा मानने और आंकने का मौका भी दिया है.
भारत की दुनिया भर में इज्जत!
नजम सेठी ने भारत और भारतीयों की दुनिया के देशों में इज्जत की तारीफ करते हुए कहा कि इंडियंस की दुनियाभर में काफी पूछ है, उन्हें अच्छी नज़र से देखा जाता है. उनकी इंटरनेशनल कम्युनिटी में बड़ी इज्जत है. इसलिए वो नाराज हैं.
उन्होंने आगे कहा कि भारत और अमेरिका में झगड़ा ही इस बात पर है कि भारत किसी की डिक्टेशन नहीं लेता है. उन्होंने कहा कि भारत का यह भी कहना वो मेडिएशन (मध्यस्थता) और हाईफेनेशन नहीं चाहता है और ना ही स्वीकार करेगा. इसलिए हिंदुस्तान के लोगों में भी नाराजगी है.
‘होगा अमेरिका का राष्ट्रपति, करना है कर ले…’
सेठी ने आगे कहा कि भारत ने, पीएम मोदी ने ट्रंप की कॉल को रिजेक्ट कर साफ कर दिया है कि होंगे "आप (ट्रंप) अमेरिका के राष्ट्रपति, जो करना है, कर लें. हम कोई (भारत) छोटे देश नहीं जो झुक जाएं." उन्होंने आगे कहा कि भारत साफ बता रहा कि वह छोटे देशों की कतार में खड़ा कोई छोटा देश नहीं है, जिसे धमकाया जा सके.
यही वजह है कि BRICS ब्लॉक- रूस, चीन, ब्राज़ील के साथ भारत की पोज़िशनिंग और मज़बूत हुई है. सेठी ने आगे कहा कि इंडिया ने यह महसूस किया है कि हर अंडा अमेरिकन बास्केट में रखना ठीक नहीं, इसलिए अब अपनी पॉलिसी में बैलेंस और डाइवर्सिफिकेशन ला रहा है.
अमेरिका ने सख़्त अल्फ़ाज़ में इंडिया पर इल्ज़ाम लगाया है कि रूस से सस्ता तेल लेकर वह यूक्रेन जंग को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है. मगर मोदी सरकार ने साफ़ कर दिया है कि उसका राष्ट्रहित जहां होगा, वहीं से खरीदारी होगी, उसी को प्राथमिकता देगा.
अमेरिका के लिए रूस के साथ अपने संबंध नहीं खराब करेगा भारत
रूस के साथ भारत के संबंधो पर नजम सेठी ने कहा कि मोदी ने साफ कर दिया है कि मॉस्को के साथ हमारे बड़े ऐतिहासिक रिश्ते हैं, वो हम नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया बदल रही है, भारत भी अपनी फॉरेन पॉलिसी को ठीक कर रहा है, जिसकी बात मैं भी करता रहा हूं. सेठी ने भारतीयों की सोच के बारे में आगे कहा कि अब वो सोच रहे हैं अमेरिकी कैंप में रहना और दिखना भी अफोर्ड नहीं कर सकते हैं.
ट्रंप और उसके ट्रेड सेक्रेटरी ने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया
सेठी ने आगे कहा कि भारत जो कर रहा है और सोच रहा है उसकी वजह भी हैं. ट्रंप जो कर रहा है वो भी कोई छोटी चीज नहीं है, उसके ट्रेड सेक्रेटरी ने भी बड़े सख्त अल्फाज़ इस्तेमाल किए. अमेरिका का मानना है कि इंडिया की वजह से यूक्रेन की जंग लंबी चल रही है. अमेरिका कहता है कि रूस के ऊपर सेंशन लगाए गए हैं ताकि रूस कमजोर रहे, तगड़ा ना हो. अगर वो मजबूत होता है तो यूक्रेन के अंदर और भी ज्यादा जोर लगाएगा और जीतेगा. इसलिए हम चाहते हैं कि यूक्रेन के वॉर के अंदर यह तगड़ा ना हो. उसके लिए हमने सेंशन लगा दिए रूस के ऊपर, जिसे इंडिया ने तोड़ दिया. प्रतिबंधों को कमजोर बनाने के साथ-साथ इंडिया ने रूस को और तगड़ा कर दिया है. और जब रूस तगड़ा हो जाता है तो फिर वो लड़ाई करता है, यूक्रेन वाले चीखें मारते हैं और अमेरिका से कहते हैं कि भाई हमें हथियार दो, हमारी मदद करो, पैसे दो.
जिसके कारण आखिर में जेब तो हमारी (अमेरिका की) कटती है और हथियार हम हमें देने पड़ते हैं. और जो लोग मरते हैं वो भी हमारे खाते में पड़ जाता है कि आप (USA) वॉर को आगे बढ़ा रहा है. तो इस तरीके से अमेरिका ने घुमा के एक सर्कुलर सा आर्गुममेंट बना दिया. जिसके लिए अब सारे अमेरिका के स्टेट्समैन, डोनल्ड ट्रंप की साइड वाले सब इंडिया के पीछे पड़ गए. चाइना को तो कह भी नहीं सकते क्योंकि उन पर उल्टा ही दांव पड़ जाएगा. जबकि रूस पर कुछ करते हैं मगर उल्टा हो जाता है, पुतिन पर करके देख लिया है.
भारत अब रूस से ऑयल इंपोर्ट बढ़ा भी देगा
नजम सेठी ने भारत के कड़े रुख पर भविष्यवाणी करते हुए कहा कि इंडिया ने भी अब कह दिया है और मुझे लगता है कि भारत क्रूड ऑयल के इंपोर्ट्स को बढ़ा भी देगा.
ट्रंप को वापस लेना पड़ेगा टैरिफ वाला फैसला
पाकिस्तानी पत्रकार ने आगे कहा कि ये जो है ना ये अस्थायी दौर है, कुछ ही दिन का मामला लग रहा है. ये जो एक्स्ट्रा 25% टैरिफ ट्रंप ने लगाया है, वो शायद कैंसल कर दे, इतनी जल्दी, नहीं लेकिन करेगा.
'ट्रंप फ्रस्ट्रेट हो गया है'
नजम सेठी इसी शो में आगे कहते हैं कि मुझे लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप थोड़ा फ्रस्ट्रेट हो गया है. उसकी बात रूस मान नहीं रहा है. उसकी बात यूरोपियंस नहीं मान रहे. उसकी बातें यूक्रेन नहीं मान रहा. जिसकी वजह से वो सीजफायर नहीं हो रही और उसके अलावा भी कोई प्लान नहीं बन रहा कि आगे पर क्या करना है और क्या नहीं करना. इसलिए डोनाल्ड ट्रंप बहुत फ्रस्ट्रेशन का शिकार है इस वक्त. जिसकी वजह से वो जल्दी-जल्दी फैसले कर रहा है. अब ये इंडिया के खिलाफ जो फैसला लिया गया है, ये चलेगा नहीं.
ट्रंप को रद्द करना ही होगा फैसला, लेना होगा यू-टर्न
सेठी से सवाल शो में नजम सेठी ने कहा कि मेरा मानना ये है कि आज न कल ट्रंप को अपना फैसला वापस लेना ही पड़ेगा. भारत को और ज्यादा ब्रिक्स कैंप में धकेलना बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. वो जानते हैं कि BRICS पहले से ही बड़ा स्ट्रांग है और भी ज्यादा स्ट्रांग हो जाएगें. डोनाल्ड ट्रंप को ज्यादा फॉरेन पॉलिसी एक्सपीरियंस नहीं है. वो समझता है कि जैसे वो बिजनेस करता था इसी तरीके के साथ फॉरेन पॉलिसी को भी चला सकते हैं. इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग उसके खिलाफ खड़े हो रहे हैं.
सेठी ने ट्रंप की कॉल नहीं उठाने पर और क्या कहा, प्वांइटर्स में समझें.
ट्रंप, मोदी का व्यक्तिगत तौर पर कुछ नहीं कर सकता.
नाराज तो होगा कि वो मेरी बात नहीं सुन रहे. मेरी कॉल नहीं ले रहे. ये तो है इसमें तो है कोई शक नहीं. ये काम नरेंद्र मोदी ने ये अपनी आवाम के लिए किया है.
मोदी ने उनको दिखाने के लिए ये किया है कि मैं तगड़ा हूं, हमारी भी सेल्फ रिस्पेक्ट है, हम स्वतंत्र हैं. इंडिया का यही सोचना है कि चलो थोड़े, महीने दो महीने जो मुश्किल गुजरेंगे, बाद में शायद ये टैरिफ वाला फैसला हटा लिया जाए. मगर निगोशिएशन करने के लिए तो फिर थोड़ी बहुत टफ लाइन दोनों साइड्स को देनी पड़ती है.
आत्मनिर्भरता की ओर जाएगा भारत
उन्होंने भारत की 1992 वाली LPG पॉलिसी की सफलता पर कहा कि नरसिम्हा राव के दौर में पहले भी सेल्फ रिलायंस की तरफ इंडिया को जाना पड़ा था. अगर मैं ठीक हूं तो अब मौजूदा जो हालात हैं उसमें भी भारत में हौसला अफजाई की जा रही है कि और भी मार्केट तलाशें, बैंक्स को भी खास पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए गए हैं. तो घरेलू तौर पर इंडिया इस परेशानी से निकलने के काबिल हो सकता है. फिलहाल वहां जो परेशानी छाई है, वो खत्म हो जाएगी.
विश्लेषकों का मानना है कि यह नुकसान शॉर्ट टर्म का होगा. 6% की रफ़्तार से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था थोड़ी धीमी ज़रूर होगी लेकिन डाइवर्सिफिकेशन के बाद फिर पटरी पर लौट आएगी.
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