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ब्रिटेन में चचेरे भाई-बहन की शादी पर क्यों छिड़ा बवाल? बैन करने की मांग, सरकार को हटानी पड़ी रिपोर्ट

हाल ही में ब्रिटेन में कजिन मैरिज को लेकर ऐसी रिपोर्ट आई जिसने सरकार को विवादों में ला दिया. नतीजा ये रहा कि सरकार ने चुपचाप इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड से हटा लिया.

कजिन मैरिज, यानी अपने चचेरे, ममेरे, मौसेरे भाई-बहन की आपस में शादी. ऐसी प्रथा जिसके ज्यादातर मामले मुस्लिम देशों से आते हैं लेकिन मुस्लिम ही नहीं यूरोपीय देश भी कजिन मैरिज को जायज मानते हैं. क्या आपको पता है ब्रिटेन में फर्स्ट कजिन से शादी पूरी तरह लीगल है और यहां ये प्रथा रोमन काल से ही चली आ रही है. लेकिन अब इसे लेकर ब्रिटेन में नई बहस छिड़ गई. 

हाल ही में ब्रिटेन में कजिन मैरिज को लेकर ऐसी रिपोर्ट आई जिसने सरकार को विवादों में ला दिया. नतीजा ये रहा कि सरकार ने चुपचाप इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड से हटा लिया. दरअसल, ये रिपोर्ट ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस की ओर से जारी की गई थी. जिसमें फर्स्ट कजिन से शादी के फायदे बताए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया था कि, इससे लोगों को परिवारों के विस्तार का फायदा मिलता है और आर्थिक फायदे भी होते हैं. 

‘बीमारी का जोखिम’

हेल्थ सर्विस की रिपोर्ट का शीर्षक था, ‘क्या ब्रिटेन सरकार को चचेरे भाई-बहनों के बीच विवाह पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए?' जिसमें कहा गया कि, वंशानुगत बीमारियों के बढ़ते जोखिम के कारण अंतर-पारिवारिक विवाह लंबे समय से वैज्ञानिक चर्चा का विषय रहे हैं. जबकि शोध से पता चला है कि इससे अन्य समस्याओं के अलावा, वंशानुगत आनुवंशिक विकारों और सीखने की अक्षमता का खतरा बढ़ जाता है. NHS का ये ब्लॉग चुपचाप वेबसाइट से हटा लिया गया है. 

इस पोस्ट में दलील दी गई थी कि “रिश्तेदारों के बीच विवाह” समाज में मजबूत पारिवारिक सपोर्ट सिस्टम और आर्थिक लाभ का माहौल तैयार करता है. हालांकि रिपोर्ट में ये भी माना है कि, ऐसी शादियों से जेनेटिक बीमारियों और विकलांगता का खतरा बढ़ सकता है. रिपोर्ट में इसके उपाय भी बताए गए हैं. कहा गया है कि, फर्स्ट मैरिज से बीमारियों के जोखिम को शिक्षा और वैकल्पिक जेनेटिक स्क्रीनिंग के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है. 

रिपोर्ट पर क्यों उठा विवाद? 

ऐसा माना गया कि इस रिपोर्ट में चचेरे भाई-बहनों की शादी को महिमामंडित किया गया है. जबकि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोखिम भरा है. फर्स्ट कजिन से होने वाली शादी को लेकर रिपोर्ट में दिए गए तर्कों पर सवाल उठे. आलोचकों ने NHS पर आरोप लगाया कि वह वैज्ञानिक तथ्यों को नजरअंदाज कर रहा है. वहीं, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील इस विषय पर पक्षपात दिखा रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि ये कदम ‘आनुवंशिक बीमारियों की रोकथाम’ के बजाय जोखिम को बढ़ा सकता है. वहीं, विवाद इसलिए भी है क्योंकि कजिन मैरिज पर NHS की ये गाइडलाइन सरकारी कार्यक्रम के दौरान जारी की गई. 

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री वेस स्ट्रीटिंग ने भी NHS की रिपोर्ट को चौंकाने वाला बताया. उन्होंने NHS से माफी की मांग की है. उनका मानना है कि, चचेरे भाई-बहनों के बीच शादी बड़े स्तर पर जोखिम भरा और असुरक्षित होता है. सांसद रिचर्ड होल्डन ने भी इसका कड़ा विरोध जताया. उन्होंने कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली सरकार पर दमनकारी सांस्कृतिक प्रथाओं के आगे घुटने टेकने का आरोप लगाया. विपक्ष ने इस रिपोर्ट का तीखा विरोध करते हुए कहा, NHS लोगों को गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान या शराब न पीने के लिए बहुत कुछ कहता है, लेकिन चचेरे भाई-बहनों की शादी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहता. 

कजिन मैरिज पर क्या सोचते हैं ब्रिटिश नागरिक? 

ब्रिटेन के मूल नागरिक फर्स्ट कजिन के साथ शादी के पक्षधर नहीं हैं. लगभग 77% लोग ऐसे शादी को लीगल मानने का विरोध जताते हैं. केवल 9% लोग इसको लीगल मानने के पक्ष में हैं. यानी आम से लेकर राजनेता तक कजिन मैरिज को बैन करने के पक्ष में हैं. 

कजिन मैरिज पर क्या है PM कीर स्टार्मर का रुख? 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर इस विवाद बेहद नरमी बरती है. उन्होंने कहा, हम इसे प्रतिबंध करने वाले फैसले को थोप नहीं सकते हैं. उन्होंने कजिन मैरिज से होने वाली बीमारियों जैसे सिकल सेल डिजीज और सिस्टिक फाइब्रोसिस के बारे में कहा, ये गलत जीन्स के मेल का नतीजा हैं. ब्रिटेन सरकार इसे बैन करने की बजाय समाधान की तलाश कर रही हैं. 

मुस्लिम सांसद ने किया कजिन मैरिज का बचाव 

वहीं, ब्रिटेन के मुस्लिम सांसद ने इकबाल मोहम्मद ने कजिन मैरिज का बचाव किया है. उनका कहना है कि, ये कई परिवारों के लिए सांस्कृतिक रूप से अहम है. हालांकि इकबाल मोहम्मद ने स्वास्थ्य संबंधी खतरों से भी इंकार नहीं किया है. उन्होंने कजिन मैरिज को बैन करने की बजाय आनुवांशिक जांच की सिफारिश की.

क्या होती है फर्स्ट कजिन मैरिज? 

फर्स्ट कजिन का यह भी मतलब होता है कि जिनके बीच रिश्ता जोड़ा जा रहा है उनके दादा-दादी या नाना-नानी एक ही हों. यानी किसी लड़की की शादी उसके सगे चाचा के बेटे यानी पापा के भाई के बेटे से की जाए. इसे फर्स्ट कजिन मैरिज कहा जाता है. ये सगे भाई-बहन तो नहीं होते लेकिन इनके बीच खून का रिश्ता होता है. 

 

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