ट्रंप की पुलिस ने भारतीय इंजीनियर को मारी गोली, मौके पर हुई मौत... पिता ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मांगी मदद, जानें पूरा मामला
अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थानीय पुलिस की गोलीबारी में तेलंगाना के महबूबनगर निवासी 29 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद निजामुद्दीन की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि रूममेट से झगड़े के बाद पुलिस ने बिना जांच चार गोलियां चला दीं. मृतक के पिता ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और सरकार से बेटे का शव भारत लाने की भावुक अपील की है.
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अमेरिका से भारत के लिए एक दर्दनाक खबर सामने आई है. कैलिफोर्निया में स्थानीय पुलिस ने भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद निजामुद्दीन (29) को गोली मार दी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. इस घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के परिवारजन सदमे में हैं और उनका कहना है कि बेटे को बिना किसी ठोस जांच के गोली मार दी गई. अब मृतक के पिता ने भारत सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बेटे के शव को भारत लाने में मदद की भावुक अपील की है.
झगड़े से शुरू हुई घटना
जानकारी के मुताबिक यह घटना 3 सितंबर 2025 को कैलिफोर्निया की सांता क्लारा में हुई. मृतक मोहम्मद निजामुद्दीन मूल रूप से महबूबनगर जिले के रहने वाले थे. बताया जा रहा है कि उनका अपने रूममेट से एसी को लेकर विवाद हुआ था. मामूली कहासुनी बढ़ते-बढ़ते झगड़े में बदल गई और मामला चाकू तक पहुंच गया. शोर सुनकर पड़ोसी ने पुलिस को कॉल कर दिया. पुलिस मौके पर पहुंची और उसने दोनों युवकों से हाथ ऊपर करने को कहा. गवाहों के अनुसार, एक युवक ने तुरंत पुलिस की बात मान ली, लेकिन निजामुद्दीन ने हाथ ऊपर नहीं किए. इसी बीच पुलिस ने उस पर चार गोलियां चला दीं. गोली लगते ही निजामुद्दीन ने मौके पर दम तोड़ दिया. परिजनों का कहना है कि यह कार्रवाई बिना उचित जांच और जल्दबाजी में की गई, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
10–15 दिनों से नहीं हो पा रहा था संपर्क
परिवार ने बताया कि पिछले 10 से 15 दिनों से उनका अपने बेटे से संपर्क नहीं हो पा रहा था. शुक्रवार को सोशल मीडिया और जान-पहचान वालों के जरिए उन्हें इस घटना की जानकारी मिली. परिवार को यह विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि पढ़ाई और नौकरी के सपनों के लिए विदेश गए उनके बेटे की जिंदगी इस तरह खत्म हो गई. मृतक इंजीनियर मोहम्मद निजामुद्दीन 2016 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए थे. उन्होंने फ्लोरिडा कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और उसके बाद वहीं एक कंपनी में नौकरी शुरू की. मेहनत और लगन के दम पर उन्हें प्रमोशन भी मिला और वे कैलिफोर्निया शिफ्ट हो गए. वहीं उनकी जिंदगी अचानक इस दर्दनाक मोड़ पर आकर थम गई.
पिता की सरकार से भावुक अपील
निजामुद्दीन के पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने भावुक होकर कहा, 'मेरा बेटा पढ़ाई के लिए 2016 में अमेरिका गया था. वहां पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने नौकरी की. बाद में वह प्रमोशन पाकर कैलिफोर्निया चला गया. अब मेरी अपील है कि सरकार मेरे बेटे का शव जल्द से जल्द भारत वापस लाने में मदद करे.' उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और तेलंगाना सरकार दोनों से गुहार लगाई है कि वे मिलकर शव को भारत लाने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कराएं. परिजनों का कहना है कि उनका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता और वे सिर्फ इतना चाहते हैं कि बेटे को अंतिम विदाई अपने देश की मिट्टी में दी जाए.
बता दें कि अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए यह खबर एक झटका है. विदेश में पढ़ाई और नौकरी करने जाने वाले युवाओं के परिवार अब सुरक्षा को लेकर और भी चिंतित हो सकते हैं. फिलहाल सबकी निगाहें भारत सरकार और अमेरिकी प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं. परिवार उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्द ही बेटे का शव भारत लाया जाएगा और उसे अपने गांव में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
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