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प्रधानमंत्री आवास से अंडर गारमेंट लूटने वाले हिजाब का रोना रो रहा !

बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी में छात्राओं ने बीते 1 फ़रवरी को हिजाब के समर्थन में एक बड़ी रैली निकाली…जिसे Protest Against Hijabophobia नाम दिया गया

भारत का पड़ोसी बांग्लादेश जहां कट्टरपंथियों ने देश को अपने क़ब्ज़े में लेकर वहां जो उत्पात मचाया। उसकी तस्वीरें पूरी दुनिया ने देखीं।कैसे तख्ता पलट के बाद कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यकों को सताया। ख़ासकर हिन्दुओं को प्रताड़ित किया।मंदिरों में तोड़फोड़ कर अपने एजेंडे को सिद्ध किया गया। लेकिन अब इस कट्टरता को बढ़ावा देने के लिए हिजाब को ढाल बनाया गया है।और हिजाब के समर्थन में बक़ायदा रैली निकाली गई है। जी हां सही सुना आपने हिजाब के समर्थन में रैली। ये तस्वीरें बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी की बताई जा रही हैं।जहां छात्राओं ने बीते 1 फ़रवरी को हिजाब के समर्थन में एक बड़ी रैली निकाली।जिसे Protest Against Hijabophobia नाम दिया गया। एक तरफ जहां ईरान में हिजाब के खिलाफ हकुमत को घुटनों पर लाने के लिए प्रदर्शन किए गए महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर जबरन थोपी गई हिजाब प्रथा के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाया वहीं कभी आज़ाद सोच और प्रगतिशील विचार रखने वाली ढाका यूनिवर्सिटी में हिजाब के समर्थन में रैली निकालकर कट्टरपंथी सोच को थोपने का काम किया जा रहा है।

ईरान जैसे कट्टर इस्लामिक मुल्क में हिजाब के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर हुकूमत की जड़े हिलाकर रख देने वाली महिलाओं के लिए पूरी दुनिया से समर्थन आया।लेकिन ढाका में जो ये हो रहा है इसे कौन सही बताएगा। और बताएगा तो उसे इस Protest Against Hijabophobia रैली के आगे तख्ता पलट के दौरान पूर्व महिला मुस्लिम प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद उनके कपड़ों को बड़ी बेशर्मी से कैमरे के सामने लहराकर अपनी जीत का प्रमाण देने वाले भी सही लगेंगे। जब 40 से 50 हजार लोगों की भीड़ एक महिला के कपड़े उनके अंडर गारमेंट को लूटकर हंस हंस कर उसका भद्दा मज़ाक बना रही थी। तब ये नहीं बोले। लेकिन अब इस मजहबी एजेंडे के नाम पर कट्टरथा को बढ़ावा देना और दोहरी सोच के साथ बड़ी बेशर्मी से इस रैली का आयोजन करने वालों को बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर लताड़ा है।उन्होंने एक्स पर लिखा, 

शर्म, शर्म, शर्म! मेरा सिर आज शर्म से झुक रहा है। आज मुझे अपने देश की महिलाओं के कारण शर्म महसूस हो रही है बहुत से लोग कहते हैं कि औरतें ही औरतों की दुश्मन होती हैं। मैं आमतौर पर ऐसा नहीं मानती। लेकिन ढाका में हिजाब के पक्ष में मार्च करने वाली महिलाओं को देखकर मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वे औरतों की दुश्मन हैं। ईरान बांग्लादेश से बहुत दूर नहीं है। क्या ये महिलाएं यह नहीं जानतीं कि उनकी ही साथी मुस्लिम महिलाओं को ईरान में जबरन हिजाब के विरोध में विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। क्योंकि उनके देश में हिजाब विकल्प नहीं बाध्यता है हजारों महिलाओं को जेल में डाला गया है, उन्हें पीट-पीट कर मार डाला गया है और वह भी किसलिए या तो उन्होंने हिजाब नहीं पहना था या सही से नहीं पहना था ।
 
अब बांग्लादेश का तो हाल बुरा है।मोहम्मद युनूस कट्टरपंथियों की कट पुतली बने हुए हैं। पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश भी दुनिया से अलग थलग पड़ता चला जा रहा है।भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगलने का काम भी बांग्लादेश में खूब हो रहा है।

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