बंधकों की रिहाई, लड़ाकों का सरेंडर... गाजा में ट्रंप का पीस प्लान लागू, शुरू हुआ Hamas के The End का काउंटडाउन
इजरायल और हमास शांति समझौते के लिए तैयार हो गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव के पहले चरण पर इजरायल और हमास ने सहमति जता दी है. इसके तहत हमास की ओर से बंधकों की रिहाई और इजरायली सैनिकों की चरणबद्ध वापसी होगी. इस प्लान के लागू होने के बाद वैसे तो शांति आने की संभावना है लेकिन हमास के खात्मे की भी शुरुआत हो जाएगी, जैसा कि पीस प्लान में भी जिक्र है. ऐसा अल-फतह के साथ भी हो चुका है.
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मिडिल ईस्ट में शांति के प्रयासों को लेकर दुनियाभार के नेताओं के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है. इसका क्रेडिट ट्रंप को भी जाता है जिनके गाजा पीस प्लान पर इजरायल और हमास ने अपनी सहमति जता दी है. इजरायल ने घोषणा की है कि कैबिनेट बैठक के 24 घंटे के भीतर गाजा में युद्धविराम लागू कर दिया जाएगा. शांति प्रस्ताव के पहले चरण के तहत हमास की ओर से बंधकों की रिहाई और इजरायली सैनिकों की चरणबद्ध वापसी से होगी. इस पर बुधवार सुबह मिस्र में हस्ताक्षर हुए थे.
इजरायली सरकार के प्रवक्ता ने इस संबंध में कहा कि, 'कैबिनेट की बैठक के 24 घंटे के भीतर गाजा में युद्धविराम लागू हो जाएगा. इसके तहत बंधकों की रिहाई के बाद सेना गाजा के लगभग 53% हिस्से पर नियंत्रण रखेगी. पहले चरण के अंतिम ड्राफ्ट पर मिस्र में हस्ताक्षर किए गए हैं.' जब प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, तो इजरायली सरकार की प्रवक्ता ने कहा, 'योजना को आज सुबह मिस्र में अंतिम रूप दिया गया है.'
मारवान बरगौती को रिहा नहीं करेगा इजरायल
ट्रंप के पीस प्लान पर अपनी सहमति जताने के शर्तों के तहत हमास अपने चहेते लीडर मारवान बरगौती की रिहाई की भी मांग कर रहा था, लेकिन इजरायल ने साफ कर दिया कि वो इस पर पीछे नहीं हटेगा. यानी कि उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा. इजरायल ने आगे कहा कि बरगौती इस रिहाई का हिस्सा नहीं होंगे. आपको बता दें कि फिलिस्तीन के जाने-माने नेता बरगौती लंबे समय से इजरायल की जेल में बंद हैं.
ट्रंप के नेतृत्व में बीते दिनों हुए पीस प्लान के तहत हमास सभी 48 बंधकों को रिहा करेगा जिसमें 20 जीवित और बाकी मृत लोगों से शव शामिल हैं. वहीं बदले में इजरायल भी फिलिस्तीनी लोगों और मृत फिलिस्तीनियों के शव वापस करने पर राजी हो गया है. आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. फिलिस्तीन संगठनों की लगातार कोशिशों के बावजूद इजरायाल उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ने को तैयार नहीं है.
क्या होगा Hamas का The End?
ट्रंप के 20 सूत्री गाजा पीस प्लान में वैसे तो कई बिंदु हैं लेकिन अभी फिलहाल लोगों का ध्यान तत्काल शांती और सीजफायर पर है. इसके तहत ही इजरायल अपनी कार्रवाई को रोकेगा और हमास 72 घंटे के अंदर 20 जीवित इजरायली बंधकों की रिहा करेगा. इतना ही नहीं हमास को 20 मृत बंधकों के शव की वापसी भी करनी है. प्लान के तहत गाजा से अपनी 50% सेना को इजरायल पीछे हटने को कहेगा.
1,700 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा इजरायल
प्रस्ताव के अनुसार हमास की तरफ छोड़े जाने वाले इजरायली बंधकों के बदले में इजरायल भी लगभग 1,700 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. जानकारी के मुताबिक हर मृत इजरायली बंधक के बदले इजरायल 15 मृत गाजा निवासियों के शव लौटाएगा.
हमास को पंगु बनाने की तैयारी!
जानकारी के मुताबिक पीस प्लान में हमास के पूर्ण निरस्त्रीकरण की भी बात है. यानी कि फिलिस्तीनी हथियारबंद समूह हमास के जो सदस्य हथियार डालकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध होंगे, उन्हें माफी प्रदान की जाएगी. जो भी हमास का लड़ाका गाजा छोड़ना चाहेगा उसे अन्य देशों में सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा. इतना ही नहीं समझौते के तहत हमास को अपनी सुरंगें और हथियार बनाने के ठिकाने नष्ट करने होंगे.
फिलिस्तीन का क्या होगा?
इजरायल और पूरी मुस्लिम उम्मा के बीच विवाद की जड़ फिलिस्तीन की स्थापना को लेकर भी कुछ स्पष्ट संकेत पीस प्लान में नहीं मिल पाए हैं. कहा जा रहा है कि ये जस का तस रहेगा. हालांकि प्लान में बस ये कहा गया है कि रामल्लाह स्थित फिलिस्तीनी अथॉरिटी को फिर से गठित किया जाएगा और इसके बाद फिलिस्तीनियों के आत्म-निर्णय और स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र के लिए एक भरोसेमंद रास्ता तैयार हो सकता है.
मजबूत, स्थायी और शाश्वत शांति की ओर पहला कदम: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि इजरायल और हमास दोनों ने हमारी शांति योजना के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इसका मतलब है कि सभी बंधकों को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा और इजरायल अपने सैनिकों को एक निश्चित सीमा तक वापस बुला लेगा, जो एक मजबूत, स्थायी और शाश्वत शांति की ओर पहला कदम होगा."
राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे लिखा, "सभी पक्षों के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाएगा. यह अरब और मुस्लिम देश, इजरायल, आसपास के सभी देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक महान दिन है. हम कतर, मिस्र और तुर्की को मध्यस्थता के लिए धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस ऐतिहासिक और अभूतपूर्व घटना को संभव बनाने के लिए हमारे साथ काम किया."
नेतन्याहू ने भी लगाई मुहर!
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा पर मुहर लगाई. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक पोस्ट में लिखा, "योजना के पहले चरण की स्वीकृति के साथ हमारे सभी बंधकों को स्वदेश लाया जाएगा. यह एक कूटनीतिक सफलता है और इजरायल राज्य के लिए एक राष्ट्रीय व नैतिक विजय है."
उन्होंने आगे लिखा, "मैंने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया था, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक हमारे सभी बंधक वापस नहीं आ जाते और हमारे सभी लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते. दृढ़ संकल्प, शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई और हमारे महान मित्र व सहयोगी राष्ट्रपति ट्रंप के अथक प्रयासों से, हम इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचे हैं." बेंजामिन नेतन्याहू ने पोस्ट में लिखा, "मैं राष्ट्रपति ट्रंप को उनके नेतृत्व, उनकी साझेदारी और इजरायल की सुरक्षा व हमारे बंधकों की आजादी के प्रति अटूट समर्पण के लिए धन्यवाद देता हूं."
अक्टूबर 7 हमले के बाद इजरायल ने शुरू की थी कार्रवाई
दो साल पहले 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बर्बर हमला किया था, जिससे यह संघर्ष शुरू हुआ था. हमास ने उस हमले में लगभग 1,250 इजरायली नागरिकों की हत्या कर दी थी और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था. इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमास संगठन को गाजा से लगभग खत्म कर दिया है. हमास से सभी टॉप लीडर्स को इजरायल ने मार गिराया. हालांकि, हमास के आतंकियों पर इजरायल की कार्रवाई से गाजा पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया.
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