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एक तरफ PM मोदी की तारीफ, दूसरी ओर भारत 'बदनाम' करने की साजिश... ट्रंप प्रशासन का दोहरा रवैया, जानें हिंदुस्तान को किस लिस्ट में डाला

अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाए जाने के बाद बावजूद मोदी सरकार की सख्त रूख को देखते हुए एक तरफ तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तनाव को कम करने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अमेरिका का दोहरा रवैय्या ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल, अमेरिका ने कांग्रेस में एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें भारत समेत 23 देशों को ड्रग्स ट्रांजिट और अवैध उत्पादन से जुड़ा बताया गया है.

Donald Trump (FilePhoto)

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद हालात ऐसे बनते जा रहे हैं कि देश पर भरोसा करना मुश्किल होता जा रहा है. एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति कभी भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हैं, यहां तक कि उनके जन्मदिन पर फोन कर शुभकामनाएं भी देते हैं. लेकिन दूसरी ओर, भारत को कमतर और नीचा दिखाने की अमेरिका की कोशिशें फिलहाल खत्म होती नज़र नहीं आ रही हैं. ताजा मामला अमेरिकी कांग्रेस में पेश की गई ऐसी रिपोर्ट का है. जिसमें भारत को ड्रग्स ट्रांजिट और अवैध ड्रग्स उत्पादन करने वाला देश बताया गया है.

ड्रग्स रिपोर्ट में भारत का नाम

दरअसल, टैरिफ अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक मुद्दों पर वार्ता भी हुई थी. संकेत साफ हैं कि दोनों देश रिश्तों को फिर से पटरी पर लाना चाहते हैं.लेकिन इसी बीच ट्रंप सरकार ने अमेरिकी कांग्रेस में एक ऐसी रिपोर्ट पेश कर दी है जिसने भारत को चौंका दिया है. अमेरिका ने प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन के तहत कांग्रेस को एक रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में 23 देशों को सूचीबद्ध किया गया है, जिन्हें ड्रग्स ट्रांजिट और अवैध ड्रग्स उत्पादन से जुड़ा बताया गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में भारत का भी नाम शामिल है.

किन-किन देशों का नाम शामिल है?

इस सूची में भारत के अलावा अफगानिस्तान, बहामास, बेलीज, बोलीविया, म्यांमार, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डोमिनिकन रिपब्लिक, इक्वाडोर, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, हैती, होंडुरास, जमैका, लाओस, मैक्सिको, निकारागुआ, पाकिस्तान, पनामा, पेरू और वेनेज़ुएला शामिल हैं. अमेरिका का दावा है कि ये देश या तो नशीले पदार्थों के निर्माण में शामिल हैं या फिर इनसे होकर ऐसे रसायन और ड्रग्स अमेरिका तक पहुंचते हैं.

पांच देशों पर अमेरिका का गंभीर आरोप

ट्रंप सरकार ने रिपोर्ट में विशेष तौर पर पांच देशों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन देशों में अफगानिस्तान, बोलीविया, म्यांमार, कोलंबिया और वेनेज़ुएला शामिल हैं. अमेरिका ने कहा है कि ये देश मादक पदार्थों के खिलाफ अपने कर्तव्यों को निभाने में नाकाम रहे हैं. साथ ही इनसे अपेक्षा की गई है कि वे काउंटर-नार्कोटिक्स प्रयासों को मज़बूत करें. यह बयान उन देशों पर सीधा दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

चीन पर सबसे सख्त टिप्पणी

रिपोर्ट में चीन पर बेहद कड़ा रुख अपनाया गया है. अमेरिका का कहना है कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा प्रीकर्सर केमिकल सप्लायर है. यानी वहां से ऐसे रसायन बड़े पैमाने पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचते हैं जिनका इस्तेमाल नशे के नए-नए रूप बनाने में किया जाता है. विशेष रूप से फेंटेनिल जैसे सिंथेटिक ड्रग्स का जिक्र किया गया है. अमेरिका का आरोप है कि चीन से निकले केमिकल्स दुनिया भर में ड्रग्स की नई लत को जन्म दे रहे हैं और इससे सबसे ज्यादा नुकसान खुद अमेरिका को उठाना पड़ रहा है.

अमेरिका के भीतर संकट गहराया

ड्रग्स संकट अमेरिका के लिए अब सिर्फ एक सामाजिक समस्या नहीं बल्कि राष्ट्रीय आपात स्थिति जैसा बन चुका है. अमेरिकी सरकार का कहना है कि फेंटेनिल और अन्य केमिकल आधारित नशों ने स्थिति को भयावह बना दिया है. आंकड़ों के अनुसार, 18 से 44 साल की उम्र के अमेरिकी नागरिकों की मौत का सबसे बड़ा कारण अब यही ड्रग्स संकट बन गया है. अमेरिका इसे 'ट्रांसनेशनल ऑर्गनाइज्ड क्राइम' यानी सीमाओं के पार फैला अपराध मानता है, जिसने पूरे देश की कानून व्यवस्था और समाज को झकझोर दिया है.

भारत की छवि पर उठाया सवाल 

अब सवाल यह है कि भारत का नाम इस सूची में आने से भारत-अमेरिका रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा. भारत लंबे समय से नशा और ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कड़े कदम उठाता रहा है. चाहे पंजाब से जुड़ा नशे का जाल हो या फिर अंतरराष्ट्रीय तस्करी को रोकने के प्रयास, भारत लगातार अपनी एजेंसियों के जरिए इस चुनौती से लड़ रहा है. लेकिन अमेरिकी रिपोर्ट में भारत का नाम शामिल होना कहीं न कहीं उसके छवि पर सवाल खड़े करता है. ऐसे में जब प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप रिश्तों को बेहतर बनाने की बात कर रहे हैं, तब यह रिपोर्ट भारत के लिए असहज करने वाली कही जा सकती है.

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