एडवाइजर नहीं बेलगाम तोप है पीटर नवारो, भारत की आलोचना करने पर अमेरिकी एक्सपर्ट ने सुनाई खरी-खरी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का बचाव किया और भारत पर निशाना साधते हुए कहा था कि रूस से तेल खरीदकर वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को भड़का रहा है. लेकिन अमेरिकी एक्सपर्ट ने ही नवारो को बेलगाम तोप बताते हुए भारत का समर्थन किया है.
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने हाल ही में भारत के खिलाफ कई विवादित बयान दिए हैं. उन्होंने भारत पर रूस से तेल खरीदने का आरोप लगाया कि वह यूक्रेन के युद्ध को बढ़ावा दे रहा है. इसके साथ ही नवारो ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले का बचाव भी किया.
बेतुका और इतिहास से परे नवारो का आरोप
एशिया विशेषज्ञ और पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्रियों के सलाहकार इवान ए. फेगेनबाम ने नवारो के भारत विरोधी बयानों की आलोचना की है. उन्होंने नवारो को ‘बेलगाम तोप’ कहा है जो बिना किसी संयम के बयानबाजी कर रहे हैं. फेगेनबाम के अनुसार नवारो के बयान अमेरिका-भारत संबंधों में दशकों की मेहनत से बने भरोसे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. उन्होंने नवारो के आरोपों को बेतुका और इतिहास से परे बताया.
These guys have tanked 25 years of painstaking and bipartisan work to build productive U.S.-India relations. "The road to peace in Ukraine" most certainly does not "run through New Delhi" and it is quite the deflection to say so. The President of the United States was smiling… https://t.co/NNljUpIzDv
— Evan A. Feigenbaum (@EvanFeigenbaum) August 29, 2025
फेगेनबाम ने चेतावनी दी है कि नवारो जैसे व्यक्तियों के कारण अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस रुख को नहीं बदला गया तो दशकों की कड़ी मेहनत बर्बाद हो सकती है. इसके लिए प्रशासन में बदलाव की जरूरत हो सकती है ताकि दोनों देशों के बीच सहयोग को फिर से मजबूती दी जा सके.
भारत रूस से प्रति दिन करता है 15 लाख बैरल तेल आयात - दावा
नवारो ने दावा किया कि भारत रूस से प्रति दिन 15 लाख बैरल तेल आयात करता है और उसका रिफाइनर 10 लाख बैरल से ज्यादा पेट्रोलियम निर्यात कर रहा है, जिससे रूस को युद्ध के लिए धन मिल रहा है. उन्होंने इसे ‘तेल का फंडिंग सेंटर’ कहा है. हालांकि भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि उसका तेल खरीदना आर्थिक जरूरतों पर आधारित है. साथ ही भारत ने अमेरिका के इस एकतरफा टैरिफ नीति को भी गलत बताया है.
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ट्रंप प्रशासन में वरिष्ठ व्यापार सलाहकार, नवारो ने भारत के खिलाफ नए सिरे से आक्रामक रुख अपनाया है और रूस से तेल खरीद को यूक्रेन में चल रहे युद्ध से जोड़ा है. एक इंटरव्यू और कई सोशल मीडिया पोस्ट सहित सार्वजनिक बयानों में, नवारो ने भारत पर क्रेमलिन के लिए खुद को तेल के फंडिंग सेंटर में बदलने का आरोप लगाया और दावा किया कि भारतीय रिफाइनर कालाबाजारी वाले तेल से मुनाफा कमा रहे हैं जबकि यूक्रेनी मर रहे हैं.
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