Advertisement

गाजा प्लान पर फिलिस्तीनी बांट रहे मिठाई, पाकिस्तानी अपने यहां लगा रहे आग, इस्लामाबाद पर TLP की कब्जे की तैयारी!

मान ना मान मैं तेरा मेहमान... ये ही है पाकिस्तानियों की हालत. एक ओर जहां गाजा पीस प्लान को लेकर फिलिस्तीनी मिठाई बांट रहे हैं, युद्वविराम को लेकर जश्न मना रहे हैं, वहीं पाकिस्तानी इसी मुद्दे को लेकर अपने ही देश में आग लगा रहे हैं. करीब 11 प्रदर्शनकारियों की मौत और 100 से ज्यादा घायल लोगों के बीच इस्लामाबाद पर कब्जे के उद्देश्य से कट्टरपंथी संगठन TLP भारी संख्या में आगे बढ़ रहे हैं.

Image: TLP Protest / X

पाकिस्तान इन दिनों अपनी ही लगाई आग में जल रहा है. जिन संगठनों को उसने कभी दूध पिलाया और जिनका पालन-पोषण किया, वे आज उसी को डस रहे हैं. एक तरफ उसे अफगानिस्तान की ओर से मार पड़ रही है, तो दूसरी ओर कट्टरपंथी उसे गहरा दर्द दे रहे हैं. इसी बीच, पाकिस्तान गाजा के मुद्दे पर भी जलने लगा है. मजहबी जमातों और कट्टरपंथियों ने पंजाब को घेरने के साथ-साथ अब इस्लामाबाद पर भी धावा बोल दिया है.

इस्लामाबाद की ओर बढ़ा कट्टरपंथी TLP का मार्च

इसी बीच खबर सामने आई है कि मौलाना खादिम हुसैन रिजवी के बेटे साद रिजवी के नेतृत्व में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का जुलूस अपने "गाजा मार्च" के तहत मुरिदके पहुंच गया है. शनिवार तड़के हुई भीषण हिंसा के कुछ ही घंटों बाद कट्टरपंथी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की सभी सुरक्षा व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया और बैरिकेड्स तोड़ डाले. जानकारी के अनुसार, हिंसा में चार दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है.

रातों-रात बना कैंप

कहा जा रहा है कि टीएलपी के समर्थकों ने पंजाब के शेखूपुरा में रातोंरात कैंप बना लिए हैं. वहीं लाहौर पुलिस के साथ टीएलपी कार्यकर्ताओं की हिंसक झड़पें भी हुईं. इस कारण सुरक्षाबलों ने सड़कों पर आवाजाही रोक दी और इंटरनेट सेवाओं पर भी पाबंदी लगा दी गई.

पुलिस की गोली में मारे गए 11 प्रदर्शनकारी

लाहौर के बाहरी इलाके शाहदरा में ताज़ा झड़पें हुईं, जहां हिंसक टीएलपी समर्थकों ने पुलिस पर हमला किया, जिससे लगभग 50 पुलिस अधिकारी घायल हुए, जिनमें कई गंभीर रूप से घायल हैं. दूसरी ओर, संगठन ने दावा किया है कि पुलिस की गोलीबारी में उसके 11 समर्थक मारे गए और 50 से अधिक घायल हुए हैं.

सूत्रों के अनुसार, घंटों चली झड़पें तब शुरू हुईं जब पुलिस ने शाहदरा में कुछ पुलिसकर्मियों के कथित अपहरण और उनके साथ मारपीट की खबरों के बाद कार्रवाई की. इसके बाद दोनों ओर से तनाव बढ़ गया. पुलिस की कार्रवाई के बाद, ट्रॉलियों और ट्रकों पर लदे डंडों व टूटी ईंटों से लैस प्रदर्शनकारियों ने दंगा-रोधी बलों पर जोरदार हमला किया.

कब शुरू हुआ गाजा मार्च?

इस दौरान टीएलपी समर्थकों ने जमकर बवाल काटा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सड़कों व स्थानीय बाजारों में खड़े वाहनों को तोड़फोड़ कर दिया. टीएलपी का 'गाजा मार्च' लाहौर में मुल्तान रोड स्थित पार्टी मुख्यालय से जुमे की नमाज के बाद शुरू हुआ. साद रिजवी के नेतृत्व में इस जुलूस में हजारों समर्थक शामिल हुए, जो धार्मिक नारे लगा रहे थे.

मेट्रो ट्रैक पर हुआ प्रदर्शनकारियों का कब्जा

इतना ही नहीं, कुछ टीएलपी समर्थकों ने ऑरेंज लाइन मेट्रो ट्रैक पर भी कब्जा जमा लिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव किया. पुलिस ने मेट्रो स्टेशनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भारी मात्रा में आंसू गैस के गोले दागे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारी आसपास की गलियों में बिखर गए और घरों, दुकानों व चौकों की छतों से पुलिस पर हमला किया, जिससे कई अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए.

पुलिस के मुताबिक, टीएलपी कार्यकर्ता पूरी तैयारी के साथ आए थे और संगठित रूप से हमला कर रहे थे. उनके पास ईंटों और धारदार हथियारों से भरे बैग थे, जिनका इस्तेमाल पुलिसकर्मियों को घायल करने के लिए किया गया. इसी बीच, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोले वापस फेंक दिए और सुरक्षाबलों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया.

पुलिस को भी होना पड़ा पीछे हटने पर मजबूर

घंटों तक चले इस टकराव के दौरान टीएलपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस को पीछे धकेल दिया और शाहदरा की मुख्य सड़क पर कब्जा कर लिया. सोशल मीडिया पर सामने आए विचलित करने वाले वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ द्वारा पीटे गए पुलिसकर्मी खून से लथपथ पड़े हैं.

भारी संख्या में TLP के कब्जे में पुलिसवाले

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिसकर्मियों का अपहरण कर लिया, जिनमें से कुछ अभी भी लापता हैं. उन्होंने पुलिस और सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर छीन लिया. इतना ही नहीं, उन्होंने पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ नारे भी लगाए. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस भवनों पर हमला किया, उन पर कब्जा किया और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया.

पंजाब पुलिस के डीआईजी कामरान ने कहा, “हमने कई लोगों को गिरफ्तार किया है जो घातक हथियारों से लैस थे. टीएलपी प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं, परिवहन बाधित किया और मेट्रो बस ट्रैक व स्टेशनों पर कब्जा कर लिया, जिससे जनता को भारी असुविधा हुई.” उन्होंने बताया, “हमें नागरिकों से कम से कम 15 कॉल मिलीं, जिनमें बताया गया कि प्रदर्शनकारियों ने उनके वाहन छीन लिए हैं.”

सुलह का प्रस्ताव देते हुए, डीआईजी कामरान ने कहा, “पुलिस बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन अगर आप जनता को असुविधा पहुंचाना और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना जारी रखते हैं, तो राज्य स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.”

'जिसके लिए प्रदर्शन वो बांट रहे मिठाई और अपने देश में लगा रहे आग'

इसी बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक्स (X) पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें फ़िलिस्तीनी लोगों को मिठाई बांटते और गाजा युद्धविराम का जश्न मनाते दिखाया गया है. उन्होंने इस क्लिप के माध्यम से पूछा है कि, “एक ओर जिनके लिए पाकिस्तान में प्रदर्शन हो रहे हैं, वे खुद युद्धविराम का जश्न मना रहे हैं, और हमारे यहां लोग हिंसा कर रहे हैं, इसका क्या औचित्य है?”

इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे टीएलपी कार्यकर्ताओं पर टिप्पणी करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा, “अब जब इज़राइल और हमास दोनों ने युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और लड़ाई रुक गई है, तो ये प्रदर्शनकारी जीटी रोड पर आ गए हैं और इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे हैं. यह अनुचित है कि किसी ने उन्हें बताया तक नहीं कि युद्ध समाप्त हो गया है. अब वे किस बात का विरोध कर रहे हैं? घर जाओ. फ़िलिस्तीनी मिठाई खा रहे हैं और हम विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.”

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →