भारत के एक्शन से सूखा पाकिस्तान का हलक! पाक विदेश मंत्री ने गीदड़भभकी देते हुए की सिंधु जल समझौते की बहाली की मांग
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने एक फिर गीदड़भभकी देते हुए कहा कि अगर सिंधु जल संधि का मुद्दा नहीं सुलझा तो भारत और पाकिस्तान के बीच लागू संघर्ष विराम खतरे में पड़ सकता है. इशाक डार ने इस ओर भी इशारा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली अगली बैठक में सिंधु जल समझौते पर चर्चा होनी चाहिए.
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भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो चुका है. अब धीरे-धीरे दोनों देशों में आम जन-जीवन सामान्य होने की संभावना है. लेकिन इसी बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को गीदड़भभकी देने की कोशिश की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर सिंधु जल संधि का मसला हल नहीं हुआ तो सीजफायर ख़तरे में है. इशाक डार का कहना है कि हमने भारत के खिलाफ परमाणु हथियार तैनात करने के बारे में कभी नहीं सोचा था. पाक विदेश मंत्री ने दावा किया कि हम भारत से जमीन और आसमान दोनों जगह लड़ने में सक्षम हैं, जबकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पैदा हुए युद्ध जैसे हालात में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि हमने भारत के खिलाफ परमाणु हथियार तैनात करने के बारे में कभी नहीं सोचा था. इशाक डार ने आगे कहा कि कभी-कभी ऐसी गंभीर परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं कि आपको कुछ फैसले लेने पड़ते हैं, लेकिन हम परमाणु हथियार तैनात किए बिना भी तनाव को संभालने में सक्षम हैं.
सिंधु जल समझौते को लेकर डार की डिमांड
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने एक और धमकी देते हुए कहा कि अगर सिंधु जल संधि का मुद्दा नहीं सुलझा तो भारत और पाकिस्तान के बीच लागू संघर्ष विराम खतरे में पड़ सकता है. इशाक डार ने इस ओर भी इशारा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली अगली बैठक में सिंधु जल समझौते पर चर्चा होनी चाहिए.
इशाक डार ने कहा कि अगर जल संधि का मुद्दा नहीं सुलझा तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा. इतना ही नहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा क्षेत्रीय शांति के लिए अहम है. अगर कश्मीर मुद्दा नहीं सुलझा तो स्थायी शांति भी मुश्किल में पड़ सकती है. पाकिस्तानी मंत्री के बयान से यह बात तो साफ है कि सिंधु जल संधि का रुकना उनके लिए बेहद दुखद साबित हो रहा है.
सिंधु नदी का पानी क्यों है अहम?
जानकारी दे दें कि पाकिस्तान में पंजाब से लेकर सिंध तक सिंधु नदी का पानी खेतों की सिंचाई से लेकर पीने तक के लिए इस्तेमाल होता है. पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता रोकने का सिर्फ ऐलान किया है और जमीन पर इसका कोई असर नहीं है. लेकिन जिस तरह से भारत सरकार ने हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट्स पर बांधों के निर्माण में तेजी लाने के प्रयास शुरू किए हैं, उससे पाकिस्तान में डर का माहौल है. उन्हें लगता है कि अगर भारत सिंधु का पानी मोड़ने में सफल हुआ तो उन्हें पीने का पानी तक नसीब नहीं होगा.
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