'एक पर हमला माना जाएग दोनों पर अटैक', PAK को सऊदी अरब से मिला 'सुरक्षा कवच'; भारत बोला- हमारी इस पर नजर है
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को 'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत किसी एक देश पर हमला दोनों देशों पर हमला माना जाएगा. इसको लेकर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इस समझौते के राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा. प्रवक्ता ने यह भी दोहराया कि भारत हर परिस्थिति में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
Follow Us:
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका नाम 'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' रखा गया है. इस समझौते की सबसे खास बात यह है कि अगर दोनों में से किसी एक देश पर हमला होता है, तो उसे दोनों पर हमला माना जाएगा. इस डील को दोनों देशों की दशकों पुरानी साझेदारी का नया अध्याय बताया जा रहा है. यह समझौता तब हुआ है जब पाकिस्तान और भारत के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण बने हुए हैं. ऐसे हालात में सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकी कई रणनीतिक सवाल खड़े कर रही है.
रियाद में हुआ हस्ताक्षर समारोह
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस समझौते के लिए सऊदी अरब पहुंचे. उनका स्वागत क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने अल-यमामा पैलेस में किया. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह डील लगभग आठ दशकों पुरानी साझेदारी पर आधारित है, जिसे भाईचारे, इस्लामिक एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों ने मजबूत बनाया है. ‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से यह भी कहा गया कि समझौते के तहत अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों पर हमला माना जाएगा. हस्ताक्षर के बाद जारी संयुक्त बयान में इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा गया कि यह रिश्तों को नई ऊंचाई देगा.
सऊदी अरब ने दिया था न्योता
पाकिस्तान सरकार ने जानकारी दी थी कि यह यात्रा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के न्योते पर हुई. शहबाज शरीफ के साथ विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब, सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार, पर्यावरण मंत्री मुसादिक मलिक और विशेष सहायक तारिक फातमी भी शामिल हुए. रियाद पहुंचने पर प्रधानमंत्री शरीफ का स्वागत वहां के उप-गवर्नर मुहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन अब्दुलअजीज ने किया. इस मौके पर दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा देने की बात कही गई.
भारत ने दी प्रतिक्रिया
भारत ने इस समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इस घटनाक्रम से अवगत है और इसकी बारीकी से समीक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत इस समझौते के राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा. प्रवक्ता ने यह भी दोहराया कि भारत हर परिस्थिति में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
क्यों है यह समझौता अहम
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच संबंध लंबे समय से धार्मिक और आर्थिक आधार पर मजबूत रहे हैं. सऊदी अरब ने पाकिस्तान की आर्थिक मुश्किलों में भी मदद की है. अब यह रक्षा समझौता दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई मजबूती देगा. वहीं, भारत के लिए यह डील एक चुनौती की तरह देखी जा रही है क्योंकि इसका असर दक्षिण एशिया और खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ सकता है.
बता दें कि यह समझौता केवल सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं है बल्कि इसके जरिए पाकिस्तान और सऊदी अरब ने यह संदेश दिया है कि वे क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना मिलकर करेंगे. आने वाले दिनों में इसका असर पश्चिम एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप की कूटनीतिक समीकरणों पर साफ दिखाई दे सकता है.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement