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कुवैत की इस महिला योग ट्रेनर को मोदी ने दिया सम्मान, फिर जले कट्टरपंथी !

भारत और कुवैत के बीच रिश्ता मज़बूत रहा पीएम ने वहां जाकर भारतीय कामगारों के बीच समय बिताया उनके साथ खाना खाया और ये बताया कि वो अकेले नहीं हैं लेकिन इस दौरान मोदी ने कुवैत की एक ऐसी ताकतवर महिला से मुलाक़ात की जिसने कट्टरपंथियों को मिर्ची लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी…और अब इस महिला को भारत की तरफ़ से पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.

पिछले साल के आख़िर में पीएम मोदी ने मुस्लिम मुल्क कुवैत का जब दौरा किया तब पूरी दुनिया में ये चर्चा बनी रही कि आख़िर 43 साल बाद भारत से कोई प्रधानमंत्री कुवैत पहुंचा तो क्या ख़ास बात है। लेकिन ये कम ही लोग जानते हैं कि इतने सालों में भी भारत और कुवैत के बीच रिश्ता मज़बूत रहा पीएम ने वहां जाकर भारतीय कामगारों के बीच समय बिताया उनके साथ खाना खाया और ये बताया कि वो अकेले नहीं हैं लेकिन इस दौरान मोदी ने कुवैत की एक ऐसी ताकतवर महिला से मुलाक़ात की जिसने कट्टरपंथियों को मिर्ची लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब इस महिला को भारत की तरफ़ से पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।जब इस महिला ने पीएम से मुलाक़ात की तब कट्टरपंथियों ने हड़बड़ाहट में इस महिला का विरोध किया ना जाने क्या क्या बुरा भला कहा। कहा गया कि कैसे एक मुस्लिम महिला होते हुए वो सीधा पीएम मोदी से मिलने मॉर्डन कपड़े पहन कर पहुंच गईं।लेकिन क्या आप जानते है कि ये महिला कौन है और क्यों भारत से इसे ये सम्मान मिला है तो हम आपको बताते हैं।


अब ये महिला कोई और नहीं बल्कि शेखा अल सबा है जिन्होंने कुवैत में देश में पहला लाइसेंसी योग और वेलनेस स्टूडियो स्थापित किया है। शेखा अल सबा का योग के प्रति जुनून देखकर पीएम मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी। शेखा अल सबा के योग सेंटर का नाम dar atma है। dar atma का मतलब वो घर जहां आत्मा से जोड़ा जाता है।कुवैत में शेखा अल-सबा से मुलाकात को पीएम ने अहम बताया था।शेखा अल सबा योग के ज़रिए देश के लिए काफ़ी कुछ कर भी चुकी हैं।योग का भारत से क्या नाता ये दुनिया जानती है।भारत से ही दुनिया में योग पहुंचा और इसके लिए काम करने वाली कुवैत की मशहूर इंफ्लूएंसर शेखा अल सबा को सम्मानित कर पीएम मोदी ने कट्टरपंथियों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।शेखा अल सबा की योग के प्रति काम और उनके जुनून के बारे में बात की जाए तो ।

कुवैत में योग शिक्षा लाइसेंस शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे योग को आधिकारिक तौर पर मान्यता मिली। यह लोगों के लिए आसान बन सका।
शेखा ने शेम्स यूथ योग (2015-2021) की सह-स्थापना की। इसमें 0-14 साल के बच्चों को योग की शिक्षा दी जाती है।
2015 से यूएई में विपश्यना मौन रिट्रीट का आयोजन किया।
2021 में योमनक लिल यमन की शुरुआत की। इससे यमनी शरणार्थियों और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की मदद के लिए धन जुटाया गया।
2020 में कुवैत में वंचित बच्चों को शिक्षा से जुड़े सामान देने के लिए महामारी राहत का समर्थन किया।
2008-2014 तक कुवैत में रेकी जिन केई डो मास्टर ट्रेनिंग का आयोजन किया।
2011 में अमेरिका में मोनरो इंस्टीट्यूट में चेतना प्रशिक्षण आयोजित किया।
2001 में अफगानिस्तान के काबुल में महिला और बच्चों के एक केंद्र की स्थापना की।
2014-2017 में शम्स कॉन्सेप्ट डिजाइन स्टूडियो की स्थापना की।
2008-2011 में अल-वतन टीवी पर केननिज टीवी शो के लिए एक रचनात्मक निर्माता के रूप में काम किया।

पीएम मोदी का ऐसे इंफ्लूएंसर से मिलना जो कुवैत में रहकर योग को बढ़ावा दे रही हैं। अपने आप में एक बड़ी बात है। ऐसे इंफ्लूएंसर्स से उन कट्टरपंथी सोच रखने वाले देशों को भी सीखना चाहिए जो महिलाओं पर हिजाब थोपकर उनकी प्रतिभाओं को दबा देना चाहते हैं। अब ये सीखे या ना सीखें लेकिन भारत हर उस शख़्सियत को सम्मान देना जानता है जो कुछ अच्छा करने की चाहत रखता है।

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