गोली-बम बेअसर चलता फिरता अभेद किला, जिस कार में एक साथ बैठे मोदी-पुतिन, जानें उसकी खूबियां
जिस कार में दो ताकतवर नेता PM मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन एक साथ सवार हुए. वो कार कोई आम कार नहीं है. इस कार को लग्ज़री सुविधाओं के साथ हाईटेक तकनीक से तैयार किया गया है. जानें रूस के पुतिन की इस आलीशान बुलेटप्रूफ़ कार के फ़ीचर्स.
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अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर के बीच चीन की धरती से एक ऐसी तस्वीर आई जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नींद उड़ा सकती है. ये तस्वीर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की. दोनों ने चीन के तियानजिन में SCO समिट के दौरान गर्मजोशी के साथ मुलाक़ात की. इसके बाद दोनों ग्लोबल लीडर एक साथ होटल कार्लर्टन भी पहुंचे. ख़ास बात ये रही कि मोदी और पुतिन एक ही कार से साथ होटल के लिए निकले. कार की बैक सीट पर बैठे दोनों नेताओं की तस्वीर जैसे ही सामने आई. कई ताकतवर देशों की निगाहें इस पर टिक गई. एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप भारत पर रूस से कच्चा तेल न ख़रीदने का दबाव बना रहे हैं दूसरी ओर PM मोदी दुनिया में भारत के बढ़ते कद की तस्वीर पेश कर रहे हैं और रूस से मज़बूत होती दोस्ती का संदेश दे रहे हैं.
दोनों नेताओं की ये तस्वीर वाक़ई में बेहद खास है. वहीं, जिस कार में दो ताकतवर नेता एक साथ सवार हुए थे वो कार भी कोई आम कार नहीं है. इस कार को लग्ज़री सुविधाओं के साथ हाईटेक तकनीक से तैयार किया गया है. चलिए जानते हैं रूस के राष्ट्रपति पुतिन की इस आलीशान बुलेटप्रूफ़ कार के फ़ीचर्स.
पुतिन की कार औरस सेनट की ताकत
औरस सेनट एक बख्तरबंद लिमोज़ीन कार है जिसे रूस के NAMI इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है. यह एक कस्टमाइज़ कार है जिसे खास तौर पर बड़े और पावरफुल पद पर आसीन नेताओं के लिए डिज़ाइन किया जाता है. ये बुलेटप्रुफ कार राष्ट्रपति को कई ख़तरों से बचाती है.
गोली-बम बेअसर
औरस सेनट कार का ढांचा स्टील से बनाया गया है. इसका कवच कई परतों से बना है. जो स्टील के साथ साथ सिरैमिक्स और एल्यूमिनियम जैसी धातुओं को मिलाकर तैयार किया गया है. इसका कवच इतना मज़बूत है कि ड्रैगुनोव स्नाइपर राइफल से निकली गोली 7.62 mm की गोली भी इसे भेद नहीं सकती. सुरक्षा में इस कार को रूस की BR5 मानक या यूरोप के VR10 मानक तक की रेटिंग मिली है.
- कार के शीशे बुलेटप्रूफ और 6 सेंटीमीटर से भी ज़्यादा मोटे हैं
- खास तौर पर गोली को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं
- ये शीशे BR5 लेवल की गोलियों को भी रोक सकते हैं
- खतरनाक हथियारों से फ़ायर भी इन शीशों को नहीं भेद सकती
- कार के दरवाजों को गोली और बम के टुकड़े भी नहीं भेद सकते
- कार की अंडरबॉडी और छत बम-रोधी प्लेटों से मजबूत की गई है
- औरस सेनट कार IED या ग्रेनेड से बचाने में भी सक्षम है
- यह कार पूरी तरह से बम-रोधी या विस्फोटक प्रूफ़ है
- औरस सेनट कार सीधे बम धमाकों को झेल सकती है
पावरफुल इंजन, हवा जैसी स्पीड
- कार का इंजन 4.4-लीटर का ट्विन-टर्बो V8 हाइब्रिड है
- कार का इंजन 598 हॉर्सपावर की ताकत देता है
- 6 सेकंड में भर सकती है 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार
कार का ये फ़ीचर मुश्किल समय में तुरंत भागने और बचाने में मदद करता है. जबकि कार का वजन क़रीब 6,200 से 7,200 किलोग्राम है. भारी भरकम होने के बावजूद कार की स्पीड होश उड़ाने वाली है.
टायर फटने के बाद भी फ़र्राटे भरती है औरस सेनट
कार के टायरों में भी ख़ास तरह के सपोर्ट लगाए गए है. ये सपोर्ट सिस्टम टायर फटने या खराब होने पर भी कार को 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाने में माहिर हैं. यानी कार के टायरों में गोली लग जाए तो भी वह सुरक्षित निकलने में कामयाब होगी.
ऑयल टैंक को सील करता है ख़ास सिस्टम
औरस सेनट कार का फ़्यूल टैंक सील भी किया जा सकता है. यह एक खास पॉलिमर से बना है. जो रिसाव को रोकता है. यानी गोली लगने या छेद होने के बाद भी इसमें रिसाव नहीं होगा और विस्फोट का ख़तरा दूर होगा.
रसायनिक हथियारों से सुरक्षा
कार में एक खास एयर प्यूरीफायर सिस्टम भी लगाया गया है जो केबिन में ज़हरीले कैमिकल को फैलने से रोकता है. ये सिस्टम बाहर की जहरीले गैसों, रासायनिक पदार्थों, बैक्टीरिया या वायरस को अंदर आने से रोकता है. ये सिस्टम ऑक्सीजन के ज़रिए अंदर बैठे लोगों को सुरक्षित करता है.
फायरप्रूफ सिस्टम निचले हिस्से को रखे सेफ
कार में ऑटोमेटिक आग बुझाने का फ़ीचर भी है. जो इंजन या कार के निचले हिस्से में लगने वाली आग को तुरंत बुझाता है. इसके अलावा कार में इमरजेंसी एग्जिट, स्पेशल इंटरकॉम सिस्टम सीसीटीवी इंटीग्रेशन भी है. इसके साथ साथ कार में कुछ छुपे हुए फ़ीचर्स भी हैं जिनके बारे में जानकारी किसी को नहीं दी जाती.
ड्राइवर को दी जाती है कमांडो लेवल की ट्रेनिंग
तकनीक से लैस औरस सेनट कार को ड्राइव करना किसी आम ड्राइवर के बस की बात नहीं है. कार को ड्राइव करने के लिए ख़ास कमांडो होते हैं जिन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि, तियानजिन में यह कार रूस की टीम अपने काफ़िले के साथ लेकर आई थी.
फ़िक्स नहीं था मोदी-पुतिन का एक कार में जाना!
रूसी पत्रकार के दावे के मुताबिक़, PM मोदी और पुतिन का एक कार में जाना तय कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था. दोनों नेताओं ने एक साथ सफर करने का फ़ैसला उसी वक़्त लिया था. अब मोदी और पुतिन का ये साथ सफ़र दुनिया की सुर्खियों का हिस्सा है. ये तस्वीर भारत की बढ़ती ताक़त का बड़ा उदाहरण है.
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