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रूस से दूरी बना रहा भारत? ट्रंप के करीबी अमेरिकी राजदूत का बड़ा दावा, कहा- वैकल्पिक स्रोतों की ओर बढ़ रहा है देश

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमिसन ग्रीर ने कहा कि भारत ने 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ही रूस से तेल खरीद बढ़ाई थी, लेकिन अब वह धीरे-धीरे वैकल्पिक स्रोतों की ओर रुख कर रहा है.

PM Modi/Putin/Jamison Greer

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमिसन ग्रीर ने इकोनॉमिक क्लब में ट्रेड डील वार्ता के दौरान एक ऐसा बयान दिया जिससे हड़कंप मच गया. ग्रीर ने कहा है कि भारत ने रूस से ऊर्जा आपूर्ति पर निर्भरता कम करना शुरू कर दिया है और इस दिशा में उसकी कोशिशें स्पष्ट रूप से दिख रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक मतभेदों के समाधान की दिशा में सकारात्मक प्रगति हो रही है. उन्होंने कहा, “रूस से ऊर्जा खरीद भारत की अर्थव्यवस्था की कोई स्थाई नींव नहीं है. हमें लगता है कि भारत इसके बिना भी आगे बढ़ सकता है. वास्तव में, हम देख रहे हैं कि वे अब विविधीकरण शुरू कर चुके हैं.”

भारत रूस को छोड़  वैकल्पिक स्रोतों की ओर बढ़ रहा- ग्रीर 

ग्रीर ने कहा कि भारत ने 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ही रूस से तेल खरीद बढ़ाई थी, लेकिन अब वह धीरे-धीरे वैकल्पिक स्रोतों की ओर रुख कर रहा है. उन्होंने कहा, “यह कुछ ऐसा है जो हमें लगता है कि भारत कर सकता है और करना भी चाहिए. सच कहूं तो मुझे लग रहा है कि वे इसे समझ चुके हैं.”

अमेरिकी प्रतिनिधि ने जोर देते हुए दवा किया और कहा कि अमेरिका भारत के विदेशी संबंधों पर नियंत्रण या हस्तक्षेप नहीं चाहता, बल्कि केवल रूस की ऊर्जा बिक्री से मिलने वाले राजस्व को सीमित करना चाहता है, जिससे रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए वित्तीय मदद मिल रही है. उन्होंने कहा, “स्पष्ट रूप से भारत एक संप्रभु देश है, वह अपने निर्णय स्वयं लेगा.”

उन्होंने आगे कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप इस समय केवल रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के मुद्दे पर केंद्रित हैं. हमारा मकसद यह तय करना नहीं है कि भारत किसके साथ संबंध रखे या न रखे.” उन्होंने कहा, “हम बस यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि व्लादिमीर पुतिन पर अधिकतम दबाव बने.” ग्रीर ने भारत को व्यवहारिक देश बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ताएं ट्रंप प्रशासन की शुरुआत से ही चल रही हैं.

सितंबर में ग्रीर-गोयल की हुई थी मुलकात

बता दें कि इसी साल सितंबर में ग्रीर ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच 50% टैरिफ विवाद के समाधान पर चर्चा हुई थी. अमेरिकी राज्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ग्रीर और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भारत के साथ करीबी संवाद बनाए हुए हैं ताकि रूसी ऊर्जा इंपोर्ट में कमी लाने पर सहमति बन सके.

भारत झेल रहा 50% टैरिफ  

जानकारी देते चलें कि भारत इस समय अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% इंपोर्ट चार्ज झेल रहा है. भारत पर लगाए गए टैरिफ दुनिया में सबसे ऊंचे दरों में से एक है. इसमें 25% प्रतिशोधात्मक टैक्स और अतिरिक्त 25% दंडात्मक टैक्स शामिल है. दंडात्मक टैक्स रूस से तेल खरीदने के कारण लगाया गया है. यह टैरिफ भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट क्षेत्रों जिनमें टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण, झींगा और समुद्री उत्पाद शामिल है और ये टैक्स इसपर प्रभाव डाल रहे हैं.

व्यापार संतुलन और संभावित समझौता

2024 में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार 212.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत को लगभग 40–45 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष रहा. ट्रंप प्रशासन का लक्ष्य इस असंतुलन को कम करना है. अमेरिका के संभावित अगले भारत राजदूत सर्जियो गोर ने पिछले महीने संकेत दिया था कि दोनों देश एक व्यापार समझौते के अंतिम चरण में हैं. उन्होंने कहा था कि “वार्ताएं अब ‘निट्टी-ग्रिट्टी’ (सूक्ष्म विवरणों) के स्तर पर पहुंच चुकी हैं और समझौते की घोषणा जल्द की जा सकती है.”

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