शेखी बघारने की बजाय सीधी बात करो... तालिबान ने PAK के 'इस्लामी भाईचारे' की निकाली हवा, कहा- जुबान पर लगाम लगाओ, नहीं तो...
तालिबान ने पाकिस्तान के युद्धोन्मादी नेताओं को तगड़ा हड़काया है और कहा है कि जुबान पर लगाम लगाओ, नहीं तो अच्छा नहीं होगा. पाक की धमकियों पर सीधा जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान की ही शांति से कोई लेना-देना नहीं है, शेखी बघारने की जगह सीधी वार्ता करो तो अच्छा है.
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं. न पड़ोसी एंगल, न मुस्लिम उम्मा वाला फैक्टर और ना ही ऐतिहासिक हावाला, किसी भी तरह से दोनों देशों के रिलेशन मधुर नहीं हो पा रहे हैं. बीते दिनों TTP के हमलों में पाकिस्तानी सेना के एक दर्जन से ज्यादा जवान मारे गए थे, जिसका जिम्मा अफगानियों पर मढ़ दिया गया. इसी को लेकर तालिबान भड़क गया है और उसे अपनी जुबान पर लगाम लगाने की सलाह दी है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने चेतवनी भरे लहजे में सलाह दी है कि पाकिस्तानी नेता आए दिन भड़काऊ बयान दे रहे हैं और काबुल पर आरोप मढ़ रहे हैं, इस से उन्हें बचना चाहिए.
तालिबान के प्रवक्ता ने आगे कहा कि पाकिस्तान में हो रहे हर हमले के लिए उनके देश यानी कि अफगानिस्तान को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता. ऐसी कोशिश नहीं होनी चाहिए. इससे दोनों देशों के रिश्ते खराब हो सकते हैं, जो कि किसी भी लिहाज से सही नहीं है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते है.
ये कोई पहला मौका नहीं है जब तालिबानी सरकार ने पाकिस्तानी सेना को आयना दिखाया है. उन्होंने ये बयान देकर एक तरह से साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में हो रहे हमलों के लिए वही जिम्मेदार है. उसी ने ऐसे तबकों को लंबे समय तक शरण दी है और पाला है. अब उन पर पाकिस्तानी सेना का भी कंट्रोल नहीं रह गया है. वो अब हमले कर रहे हैं. यानी कि खुद को पाक आवाम का मुहाफिज कहने वाली आर्मी इन्हें संभाल नहीं पा रही है.
'आरोप लगाना बंद करो, नहीं तो भीषण अंजाम होगा'
अफगानिस्तान तालिबान ने आगे कहा कि पाकिस्तान की सेना और उसकी सरकार अपनी हर गलती और तबाही के लिए अफगानिस्तान की तरफ उंगली उठाना बंद कर देना चाहिए. जबीउल्लाह मुजाहिद ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा होना जारी रहता है तो इसके दोनों देशों के रिश्तों में भीषण परिणाम हो सकते हैं. तालिबान प्रवक्ता मुजाहिद ने ये बातें एक इंटरव्यू में कही हैं.
आपको बता दें कि उनका ये बयान ऐसे समय आया है जब पाक आर्मी और टीटीपी के लड़ाकों के बीच भीषण झड़प हुई और दोनों तरफ से कई जानें गईं. इसी के बाद पाकिस्तानी सरकार ने इसका आरोप अफगान तालिबान पर लगा दिया. आपको बता दें कि बकौल पाक आर्मी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) यानी कि पूर्ववर्ती तालिबान का वो हिस्सा जो कथित तौर पर अफगानिस्तान में बैठकर पाकिस्तान पर हमले कर रहा है और सीमावर्ती इलाकों को पाक से अलग करना और अपना राज चाहता है.
युद्धोन्मादी नेेताओं पर अंकुश लगाए पाक: तालिबान
मुजाहिद ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर उसके नेता ऐसी ही धमकी भरी बयानबाज देते रहे तो टीटीपी पर लगाम लगाना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि 'पाकिस्तानी अधिकारियों की युद्धोन्मादी भाषा से दोनों देशों के संबंधों को नुकसान होगा.
मीडिया में माहौल बिगाड़ने की बजाय सीधी बात करे पाकिस्तान
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी नेताओं को चाहिए कि मीडिया में बड़ी-बड़़ी बातें बोलकर माहौल बिगाड़ने या सैन्य कार्रवाई की धमकी देने की बजाय वार्ता के जरिए समाधान निकाला जाना चाहिए.' उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान में उग्रवादियों और आतंकवादियों के हमले नए नहीं है, वो हमें दोष देने की बजाय इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करे औक कोई कदम उठाए. उन्होंने साफ कहा कि इस्लामाबाद को काबुल के साथ भी हमलों और अन्य जानकारी साझा करनी चाहिए ताकि हम इन खतरों का मुकाबले करने के लिए साझा प्रयास कर सकें. मुजाहिद ने आगे कहा कि हम शांति के पक्षधर हैं लेकिन पाकिस्तान की ही इसमें दिलचस्पी नहीं.
शहबाज ने अफगानिस्तान पर लगाया था TTP को शह देने का आरोप
आपको बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता के इस बयान को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को सीधा जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. शहबाज शरीफ ने हाल ही में कहा था कि अफगान तालिबान अगर टीटीपी का समर्थन जारी रखेगा तो हम काबुल से संबंध तोड़ लेंगे. उन्होंने आगे कहा था कि अफगान तालिबान को इस्लामाबाद और टीटीपी में से किसी एक को चुनना होगा.
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