भारत दुनिया की अगली महाशक्ति, मिले UNSC सीट... इस देश के राष्ट्रपति ने UN को चेताया, पश्चिमी देशों को भी घेरा
फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने UNSC के स्थाई सदस्य के रूप में भारत को शामिल नहीं किए जाने को लेकर पश्चिमी देशों को तगड़ा सुनाया है. उन्होंने कहा है कि भारत जैसे देशों को सिस्टम के अंदर होना जरूरी है. उन्होंने ना सिर्फ हिंदुस्तान के कार्यों को दुनिया के लिए जरूरी बताया बल्कि UN को चेतावनी भी दी है.
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भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी है और जल्द तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है. ना सिर्फ विकास, व्यापार, बाजार, बल्कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी, एशिया और ग्लोबल साउथ की सबसे बड़ी आवाज है, और तो और UN के शांति मिशनों, प्रयासों का सबसे बड़ा समर्थक, कंट्रीब्यूटर भी है फिर भी उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता नहीं मिल पाई है. हालांकि, अब इसकी चौतरफ़ा मांग उठने लगी है. इस बीच हिंदुस्तान की ताजा पैरोकारी की है फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने.
स्टब ने UNSC यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को परमानेंट सीट दिए जाने की वकालत की है. उन्होंने तमाम स्टेक होल्डर्स और पश्चिमी देशों को चेताया है कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो UN की स्थित दिन प्रतिदिन कमजोर होती जाएगी.
'वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका अहम'
स्टब ने वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका विशेषकर स्थिरता और विकास को लेकर खूब तारीफ की और इसे अहम बताया. स्टब यहीं नहीं रुके, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की भी तारीफ की.
'भारत बनेगा अगला सुपरपॉवर'
आपको बताएं कि फ़िनिश राष्ट्रपति ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं और मुझे लगता है कि और अमेरिका और चीन के साथ भारत हमारा अगला सुपरपॉवर होगा.
'पीएम मोदी और जयशंकर की झलकती है रणनीतिक सोच'
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो स्टब ने भारत की नीतियों, प्रयासों, कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत जो अभी कर रहा है, उससे रणनीतिक सोच झलकती है, जिससे दुनियाभर में सम्मान मिलता है.'
भारत को हर हाल में UNSC में करें शामिल!
UNSC में विस्तार की वकालत करते हुए स्टब ने आगे कहा कि, 'मैंने महासभा में दो बार यह बात कही है. मैं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार चाहता हूं. इसकी सदस्यता कम से कम दोगुनी होनी चाहिए. यह गलत है कि भारत जैसे देश सुरक्षा परिषद में नहीं हैं.' उन्होंने सुझाव दिया है कि लैटिन अमेरिका से एक, अफ्रीका से दो और एशिया से दो सदस्यों को शामिल करना चाहिए.
भारत की अनदेखी की तो UN होता रहेगा कमजोर: फिनिश राष्ट्रपति
स्टब ने UN को चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर भारत जैसे खिलाड़ियों को लगेगा कि वह खेल में नहीं हैं, नीतियों के निर्धारण में उन्हें शामिल नहीं किया जाता, तो ये संस्थान ऐसे ही कमजोर होता रहेगा.' उन्होंने भारत को वैश्विक विकास में जरूरी बताया है.
उन्होंने भारत के कामों की उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि 'भारत जो भी करता है, वह दुनिया के लिए जरूरी हैं.' इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि 'अंतराष्ट्रीय व्यवस्था यानी कि वर्ल्ड ऑर्डर को आकार देने में फिनलैंड भारत को एक अहम साझेदार के रूप में देखता है.'
भारत का सिस्टम के बाहर नहीं, अंदर होना जरूरी: स्टब
स्टब ने भारत की तरह वैश्विक स्तर पर कई शक्तियों वाली व्यवस्था की वकालत करते हुए कहा कि 'वह मल्टीलेटरलिज्म में भरोसा करते हैं और इस काम को करने के लिए भारत को सिस्टम में बाहर से नहीं, बल्कि अंदर शामिल होना जरूरी है.'
आपको बताएं कि मल्टीलेटरलिज्म का मतलब उस सिद्धांत से है, जहां तीन से ज्यादा देश एक साझा मकसद को हासिल करने के लिए आपसी सहयोग से काम करते हैं.
यह पहला मौका नहीं है. जब स्टब ने भारत की तारीफ की है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि आप कतई भारत को रूस और चीन के साथ एक ही श्रेणी (बास्केट) में नहीं रख सकते. इतना ही नहीं उन्होंने पश्चिनी देशों, यूरोप और अमेरिका से अपील की है कि वो हिंदुस्तान के साथ संबंधों को और मजबूती प्रदान करे.
इसके अलावा उन्होंने कहा था कि भारत जैसे देशों के साथ अधिक सम्मानजनक विदेश नीति अपनाने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले दिनों में यूरोप पीछे रह जाएगा. उन्होंने कहा था कि ग्लोबल वेस्ट का भविष्य भारत और ग्लोबल साउथ (भारत) के साथ सहयोग पर निर्भर करता है. भारत के बिना पश्चिम हार जाएगा. बीते दिनों संपन्न हुए चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से सामने आई तस्वीरों पर उन्होंने चिंता जताई थी और यूरोप-अमेरिका को सलाह दी थी.
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