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भारत ने NATO चीफ की अक्ल लगा दी ठिकाने, सख्त वॉर्निंग के बाद बदले सुर, अब दे रहे दोस्ती और अच्छे रिश्ते की दुहाई

भारत की कड़ी फटकार के बाद NATO चीफ मार्क रुट के सुर बदलने लगे हैं. पीएम मोदी को लेकर गलतबयानी का उन्हें अंजाम भुगतना पड़ रहा है. इसी कारण वो बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. अब हिंदुस्तान से अच्छे रिश्तों और नई दिल्ली को अपने साथ बनाकर रखने की दुहाई दे रहे हैं.

Image: NATO Secretary General Mark Rutte (File Photo)

NATO के सेक्रेटरी जनरल ने खुद को अपने संगठन में रिलेवेंट रखने और अपनी वैश्विक पहचान बनाने के लिए भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर गलतबयानी और टार्गेट करने का रास्ता चुना है. टैरिफ वॉर शुरू होने के बाद से ही वो नई दिल्ली को धमका रहे थे, रूस से तेल और हथियार खरीदने को लेकर चेतावनी दे रहे थे, लेकिन जब उनकी बदजुबानी बढ़ गई तो हिंदुस्तान ने कड़ी फटकार लगाई और तगड़ा चेताया. अब इसके बाद नाटो महाचिव रुट के सुर नरम पड़ गए हैं.

NATO महासचिव के बदले भारत को लेकर सुर!

जब हिंदुस्तान की तरफ से लताड़ लगाई गई तो रुट के सुर बदल गए. उन्होंने अपनी एक हालिया  इंटरव्यू के दौरान भारत से अच्छे संबंध बनाए रखने की इच्छा जताई. उन्होंने कहा कि वो NATO नई दिल्ली से फ्रुटफुल रिलेशन रखने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा नहीं है कि उन्होंने भारत को चीन या रूस के हाथों खो दिया है. नाटो महासचिव ने कहा, "नरेंद्र मोदी चीन में शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के साथ थे. लेकिन हमने अभी तक मोदी को नहीं खोया है और हम अभी भी भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हुए हैं."

भारत के विदेश मंत्रालय ने रुट की टिप्पणियों पर कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि उनके बयान अस्वीकार्य हैं. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के टैरिफ के कारण हो रही दिक्कतों को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया था और पूछा था कि यूक्रेन में युद्ध और शांति को लेकर  उनकी रणनीति क्या है. इसे सिरे से खारिज करते हुए MEA ने कड़ी आपत्ति जताई थी.

रुट ने क्या कहा था?

आपको बता दें कि  नाटो चीफ मार्क रुट ने 25 सितंबर को एक बे सिर पैर का दावा किया, जिसके बाद बवाल मच गया. उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर CNN को बताया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का रूस पर "बड़ा प्रभाव" पड़ रहा है. और तो और उन्होंने ये भी कहा कि इन्हीं प्रभावों के मद्देनजर नई दिल्ली की पुतिन से फोन पर बात हो रही रही है. नाटो प्रमुख ने आगे दावा किया कि , "और नरेन्द्र मोदी उनसे यूक्रेन पर अपनी रणनीति स्पष्ट करने के लिए कह रहे हैं क्योंकि भारत पर टैरिफ का असर पड़ रहा है."

भारत ने NATO महासचिव को चेताया

आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने NATO के महासचिव मार्क रुट के इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि 'उनका बयान पूरी तरह तथ्यों से परे और आधारहीन है.' MEA ने NATO प्रमुख को सख्त चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि 'भविष्य में वह इस तरह की टिप्पणी करने से पहले खास सावधानी बरतें.'

जायसवाल ने आगे कहा था कि नाटो प्रमुख का बयान “तथ्यात्मक रूप से गलत और पूरी तरह से बेबुनियाद हैं." उन्होंने कहा, “ जैसा कि दावा किया जा रहा है उस तरीके से प्रधानमंत्री मोदी की कभी भी राष्ट्रपति पुतिन से बात नहीं हुई. ऐसी कभी कोई बातचीत हुई भी नहीं." विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम नाटो जैसे महत्वपूर्ण संगठन के नेतृत्व से सार्वजनिक बयानों में अधिक जिम्मेदारी और सटीकता बरतने की उम्मीद करते हैं."

इससे पहले दी थी 100% टैरिफ ठोकने की धमकी

इससे पहले, नाटो महासचिव मार्क रूट ने रूस के साथ व्यापार जारी रखने पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. उन्होंने न केवल भारत, बल्कि चीन और ब्राज़ील समेत कई देशों को भी सीधी चेतावनी दी थी.

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