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'मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूं...', नोबेल पुरस्कार न मिलने पर फिर छलका ट्रंप का दर्द, कहा- मैंने रुकवाईं कई जंग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग टैरिफ लगाकर 24 घंटे में रोक दी थी. ट्रंप ने खुद को युद्ध सुलझाने में माहिर बताया, जबकि भारत ने उनके इस दावे को पूरी तरह खारिज किया है.

Donald Trump (File Photo)

अमेरिकी राष्ट्रपति हमेशा से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. इस बार एक बार फिर राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने दुनिया के कई देशों के बीच चल रहे युद्धों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग भी टैरिफ के दम पर 24 घंटे के भीतर रोक दी थी. हालांकि, भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है.

दरअसल, रविवार को मिडिल ईस्ट की यात्रा पर रवाना होते समय ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अब तक आठ बड़े युद्धों को सुलझाया है. गाजा में हाल ही में हुए संघर्षविराम (सीजफायर) को उन्होंने अपना आठवां सुलझाया गया युद्ध बताया. ट्रंप ने कहा, 'यह मेरा आठवां युद्ध होगा जिसे मैंने हल किया है. अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी संघर्ष चल रहा है. मैं लौटकर इसे भी सुलझाऊंगा. मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूं.'

भारत-पाकिस्तान का दिया उदाहरण

अपनी वाहवाहि करते हुए ट्रंप यहीं नहीं रुके. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने आर्थिक कदमों और व्यापारिक टैरिफ के जरिए इस युद्ध को रोका. ट्रंप ने दावा किया, 'सोचिए भारत और पाकिस्तान. कुछ युद्ध 30 साल से भी ज्यादा चले और लाखों लोग मारे गए. मैंने उनमें से ज्यादातर मामलों को एक दिन में सुलझा दिया.' उन्होंने आगे कहा, 'मैंने दोनों देशों से कहा कि अगर आप लोग युद्ध करेंगे तो मैं आप पर 100%, 150% और 200% तक टैरिफ लगा दूंगा. और जब मैंने टैरिफ लगाए, तो सिर्फ 24 घंटे में मामला सुलझ गया. अगर ऐसा नहीं किया होता, तो यह युद्ध शायद कभी नहीं रुकता.' ट्रंप के इस बयान के बाद एक बार फिर वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई है. कई विशेषज्ञों ने उनके दावे पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को अमेरिका ने नहीं बल्कि दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व ने सुलझाया था.

भारत ने किया साफ इनकार

भारत ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि 2025 में हुए “ऑपरेशन सिंदूर” और उसके बाद की सीजफायर में किसी भी तीसरे देश, खासकर अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा था कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से जुड़े मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता. विदेश मंत्रालय ने भी यह बयान जारी किया कि अमेरिका के साथ व्यापार या टैरिफ से जुड़ी कोई भी चर्चा “ऑपरेशन सिंदूर” से संबंधित नहीं थी.

क्या था भारत-पाकिस्तान संघर्ष

दरअसल, अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और हवाई हमले किए. पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन दोनों देशों के बीच 10 मई को सीजफायर लागू हो गया. यह पूरा मामला केवल दोनों देशों की बातचीत और सैन्य स्तर के संवाद से सुलझा. भारत ने बार-बार कहा कि यह संघर्ष आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा था, इसलिए किसी तीसरे देश की भूमिका का सवाल ही नहीं उठता.

नोबेल के लिए नहीं, लोगों की जान बचाने के लिए किया काम

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ये सभी कदम किसी पुरस्कार के लिए नहीं उठाए. 'मैंने ये सब नोबेल के लिए नहीं किया. मैंने यह सब लोगों की जान बचाने के लिए किया.' उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह सम्मान नहीं मिला, लेकिन उनके लिए असली पुरस्कार लोगों की सुरक्षा है. ट्रंप ने कहा, 'कई लोग कहते हैं कि 2025 में भी दुनिया के कई हिस्सों में मैंने महत्वपूर्ण काम किए. लेकिन मैंने यह सब नोबेल पाने के लिए नहीं किया. मेरे लिए असली सम्मान तब है जब युद्ध रुकता है और लोग सुरक्षित रहते हैं.'

गाजा संघर्ष पर भी जताई संतुष्टि

ट्रंप ने गाजा युद्ध के खत्म होने पर भी संतोष जताया. एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'यह बहुत खास समय है. हर कोई इस पल को लेकर उत्साहित है. पहली बार ऐसा हुआ है कि सभी पक्षयहूदी, मुसलमान और अरब देशखुश हैं. हम इजरायल के बाद मिस्र जाएंगे और कई बड़े व अमीर देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे. यह एक ऐसा पल होगा जो इतिहास में याद रखा जाएगा.'

क्या ट्रंप के दावे में सच्चाई है?

ट्रंप के बयान हमेशा सुर्खियां बटोरते रहे हैं, लेकिन कई बार वे तथ्यों से परे भी साबित हुए हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष में अमेरिका की कोई आधिकारिक भूमिका सामने नहीं आई. भारत की नीति हमेशा से रही है कि वह अपने पड़ोसी देशों के साथ किसी तीसरे पक्ष के बिना ही मुद्दे सुलझाए. ट्रंप का यह दावा चाहे राजनीतिक रणनीति हो या लोकप्रियता पाने की कोशिश, लेकिन इसने एक बार फिर भारत-पाक रिश्तों और वैश्विक कूटनीति को चर्चा के केंद्र में ला दिया है.

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