‘हाथ में हथकड़ी, जमीन पर सिर, ऊपर पुलिस वाले...', अमेरिका में भारतीय छात्र के साथ अपराधी जैसा बर्ताव, VIDEO वायरल
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन कथित तौर पर आए अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. उन्हें निकाल रही है, उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है. इसी क्रम में एक भारतीय छात्र के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया उस पर बवाल मचा हुआ है. छात्र के साथ बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
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अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए अब वहां रहना मुश्किल होता जा रहा है, वहां उनके साथ किस तरह की बदसलूकी होती है उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दरअसल अमेरिका इन दिनों कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे लोगों को डिपोर्ट किया जा रहा है. इसी क्रम में न्यू जर्सी के नेवार्क एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र को निर्वासित करने से पहले बदसलूकी की, उसको हथकड़ी लगाया गया और उसे जमीन पर पटका गया, जिसे वायरल हो रहे वीडियो में देखा भी जा सकता है. इसी घटना को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है.
इस पूरे प्रकरण के गवाह बने भारतीय-अमेरिकी उद्यमी, कुणाल जैन. उन्होंने खुद इस वीडियो को रिकॉर्ड किया और मामले में बीच बचाव या मदद की पेशकश की लेकिन अधिकारियों ने साफ इनकार कर दिया गया. फुटेज में अमेरिकी अधिकारियों को छात्र के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार करते हुए देखा जा सकता है.
‘हाथ में हथकड़ी, जमीन पर सिर, ऊपर पुलिस वाले’
कुणाल जैन द्वारा शेयर किया गया काफी विचलित कर देने वाला है. यह दृश्य ठीक उसी तरह का है जब दरअसल, 25 मई 2020 को अमेरिका में एक गोरे पुलिस वाले ने अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड को कैब से उतारकर जमीन पर लिटाकर घुटनों से उसकी गर्दन को दबा दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई. तब भी राष्ट्रपति ट्रंप ही थे और आज भी राष्ट्रपति ट्रंप ही हैं.
कुणाल जैन ने X पर लिखा: "कल रात मैंने नेवार्क एयरपोर्ट पर एक युवा भारतीय छात्र को निर्वासित होते देखा- उसके हाथ में हथकड़ियां थीं, वह रो रहा था, और उसके साथ वैसे व्यवहार किया जा रहा था जैसे कि वो कोई अपराधी हो. वह तो बस अपने सपनों का पीछा करते हुए यहां आया था, किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहा था. एक NRI होने के नाते मैं खुद को बेबस और टूटा हुआ महसूस कर रहा हूं. ये एक मानवीय त्रासदी है. मैंने अमेरिका में भारतीय दूतावास से अपील की है कि वे इस मामले की जांच करें और उस छात्र को सहायता दें."
'मैं पागल नहीं हूं, ये मुझे पागल साबित कर रहे हैं.
मौके पर मौजूद कुणाल जैन के अनुसार, पुलिस वाले भारतीय छात्र को "चुप रहने" के लिए कह रहे थे, जबकि भारतीय छात्र चिल्ला-चिल्ला कह रहा था कि "मैं पागल नहीं हूं, ये मुझे पागल बना रहे हैं. मैं पागल नहीं हूं, ये मुझे पागल साबित कर रहे हैं."
जैन ने पूरे मामले के बारे में कहा कि "समस्या कम्यूनिकेशन (बात समझाने) की थी. यह विश्वास करना बहुत कठिन है कि यह आदमी अंग्रेजी नहीं समझ सकता था, निश्चित रूप से, वह समझ सकता था. ऐसा है कि वह तनावग्रस्त था और इसीलिए वह हरियाणवी में बोल रहा था.
इस घटना से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की डिपोर्टेशन की सख्त कार्रवाई के बीच जिस तरह से सैकड़ों भारतीयों को अमेरिका से भारत भेजा गया था, उसकी भयावह यादें ताजा हो गईं. फरवरी में, जब 100 से अधिक भारतीयों को भारत वापस लाया गया, तो यूएस बॉर्डर पेट्रोल द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में प्रवासियों को हथकड़ी और उनके पैरों में बेड़ियां डालते हुए देखा गया था. इन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर उतारा गया था, बाद में अन्य राज्यों में भी भेजा गया था.
दूतावास का भी आया बयान
कुणाल ने पूरे घटनाक्रम को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया और अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास को टैग कर दिया. इस पर एंबेसी का बयान सामने आया, जिसमें कहा गया है कि न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास ने इस घटना को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट देखे हैं जिनमें दावा किया गया है कि एक भारतीय नागरिक को नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इसमें कहा गया, "हम इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं. वाणिज्य दूतावास भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है."
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