भारत पर झूठ फैलाने को लेकर बेनकाब हो चुके ट्रंप के बेलगाम 'तोते' पीटर नवारो को एलन मस्क ने दिया करारा जवाब, कहा- X सबका सच दिखाता है
ट्रंप के बड़बोले और बेलगाम तोप, ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारत पर झूठा आरोप लगाते हुए X पर भ्रामक पोस्ट किया, जिसे कम्युनिटी नोट्स ने तुरंत फैक्ट चेक कर खारिज कर दिया. सच उजागर होने पर नवारो ने गलती मानने की बजाय X और उसके मालिक एलन मस्क पर ही हमला बोल दिया. अब इसका जवाब देते हुए मस्क ने बिना नाम लिए ही नवारो पर पलटवार किया है.
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भारत में एक कहावत है कि अगर "आप सांप पालेंगे और चाहेंगे कि वो सिर्फ आपके पड़ोसियों और दुश्मनों को ही डसेगा तो ऐसा नहीं हो सकता, एक दिन वो आपको ही पलटकर डस लेगा." ये बहुत हद तक ट्रंप पर फिट बैठता है कि उन्होंने पीटर नवारो जैसे ट्रेड हॉक्स को अपने साथ मिला लिया और वो लगातार ऐसे बेतुके बयान दे रहे हैं जिसे अमेरिका और ट्रंप प्रशासन लाख ठीक करने की कोशिश करे, वो उस पर पानी फेर देते हैं. ऐसा हो भी रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ टैरिफ को लेकर मोर्चा तो खोल दिया, लेकिन अब उनसे ये मामला संभल नहीं रहा. घर के अंदर से उठ रही आवाजें ट्रंप को कह रही हैं, जितनी जल्दी बैकआउट कर लो उतना अच्छा. इसी कारण उन्होंने बीते दिनों पीएम मोदी को ग्रेट और भारत को अच्छा दोस्त कहा था. शायद अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश हो. हांलांकि ऐसा लगता है जैसे नवारो और हॉवर्ड लुटनिक जैसे बड़बोले नेता और एडवाइजर उनसे संभाले नहीं संभल रहे हैं. इसलिए तो पहले उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि यूक्रेन में शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है, फिर ब्राह्मणों को लपेटने की कोशिश की. जब उनका रूसी तेल खरीद को लेकर फैक्ट चेक किया गया तो वो बुरी तरह भड़क गए. अब इसी मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है.
आपको बताएं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो भारत के रूसी तेल खरीद को लेकर एक बार फिर अपने विवादित बयानों और तीखी प्रतिक्रियाओं के चलते सुर्खियों में हैं. नवारो ने हाल ही में सोशल मीडिया मंच X पर भारत के खिलाफ एक तथ्यहीन पोस्ट साझा किया, जिसे कम्युनिटी नोट्स ने तुरंत खारिज करते हुए झूठा करार देते हुए उन्हें एक्सपोज कर दिया था. इसके बाद नवारो का पारा हाई हो गया. उन्होंने अपने बेलगाम तोप यानी कि जुबान का रुख X और इसके मालिक एलन मस्क की ओर कर दिया और अपनी गलती स्वीकारने के बजाय उन पर ही हमला बोल दिया.
अब मस्क ने नवारो का नाम लिए बिना अपने जवाब में यह स्पष्ट किया कि X का कम्युनिटी नोट्स फीचर सभी के लिए निष्पक्ष रूप से काम करता है और झूठी सूचनाओं को सुधारने में किसी के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाती. मस्क ने पोस्ट में लिखा, “इस मंच पर नैरेटिव जनता तय करती है. आप सभी पक्षों के विचार सुनते हैं. कम्युनिटी नोट्स सभी को सही करते हैं, कोई अपवाद नहीं होता. इसके नोट्स, डेटा और कोड ओपन-सोर्स हैं. ग्रोक उससे आगे जाकर तथ्य जांचता है.”
मस्क पर पीटर नवारो का गुस्सा किस बात पर भड़का था?
दरअसल, अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए विरोधाभासी रणनीतियों पर काम कर रहा था. WP की इस खबर में दावा किया गया है कि वाशिंगट नई दिल्ली के लिए जो भड़काऊ भाषा इस्तेमला कर रहा है, उससे रिश्ते में संकट गहरा रहा है. इसी रिपोर्ट को कोट करते हुए जब नवारो ने जवाब दिया कि "फैक्ट: भारत में सबसे अधिक टैरिफ लगने से अमेरिका में नौकरी जाती है. भारत रूसी तेल पूरी तरह से सिर्फ लाभ कमाने के लिए खरीदता है/ उससे मिलने वाला राजस्व रूस के युद्ध मशीन को चलाता है. यूक्रेनियन/रूसी लोग मारे जाते हैं. अमेरिका के टैक्सपेयर्स को और अधिक भुगतान करना पड़ता है. भारत सच्चाई/ स्पीन को संभाल नहीं सकता. द वाशिंगटन पोस्ट वामपंथी अमेरिकी फर्जी खबर चलाता है." इसी का जब X पर फैक्ट चेक हुआ तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.
नवारों के आरोपों पर X ने क्या फैक्ट चेक किया?
हालांकि, X के कम्युनिटी नोट्स ने उनकी इस पोस्ट पर तथ्य जांच का लेबल लगाते हुए उसे खारिज कर दिया. नोट्स में लिखा गया, “भारत की रूस से तेल खरीद उसकी ऊर्जा सुरक्षा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए है, न कि सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए. यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं करती. हालांकि भारत में कुछ टैरिफ मौजूद हैं, लेकिन अमेरिका के साथ सेवा व्यापार में भारत का अधिशेष (Surplus) है. इसके साथ ही अमेरिका खुद भी कुछ रूसी सामानों का आयात कर रहा है, जो पाखंड को दर्शाता है.”
इसके बाद नवारो ने अपनी गलती मानने की बजाय X और उसके मालिक पर ही आरोप लगाने शुरू कर दिए. उन्होंने कम्युनिटी नोट्स को "बकवास" करार देते हुए कहा कि एलन मस्क अपने प्लेटफॉर्म पर “प्रोपेगेंडा” को पनपने दे रहे हैं.
इस पूरे विवाद में नवारो की भूमिका अब “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” जैसी कहावत को चरितार्थ करती दिख रही है. जहां एक ओर पूरी दुनिया के सामने उनके तथ्य झूठे साबित हुए, वहीं दूसरी ओर वे माफी मांगने के बजाय आलोचना और आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हुए हैं.
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