जब चाहें तब पुतिन से डायरेक्ट बात करती हैं ट्रंप की पत्नी! फर्स्ट लेडी मेलानिया ने खुद किया चौंकाने वाला खुलासा
मेलानिया ट्रंप ने सनसनीखेज खुलासा किया है. मेलानिया ने बताया कि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी सीधी बातचीत होती है. दोनों ‘open channel of communication’ के जरिए बातचीत करते हैं.
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कुछ समय से तनातनी चल रही है. ट्रंप यूक्रेन युद्ध के लिए लगातार पुतिन को जिम्मेदार मानते रहे हैं. इन दोनों ग्लोबल लीडर के बीच भले ही सीधी बातचीत बंद हो, लेकिन अमेरिका की फर्स्ट लेडी यानी ट्रंप की पत्नी मेलानिया और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच डायरेक्ट बात होती है. इस सीधे कम्यूनिकेशन की वजह बेहद चौंकाने वाली है.
मेलानिया ट्रंप ने सनसनीखेज खुलासा किया है. मेलानिया ने बताया कि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी सीधी बातचीत होती है. दोनों ‘open channel of communication’ के जरिए बातचीत करते हैं.
क्या है पुतिन और मेलानिया के बीच बातचीत का मकसद?
अमेरिकी फर्स्ट लेडी और रूसी राष्ट्रपति के बीच डायरेक्ट बातचीत का मकसद है यूक्रेन युद्ध में बिछड़े बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाना है. मेलानिया ने कहा कि पुतिन ने उनके लेटर का जवाब दिया है और बताया कि रूस ने कुछ यूक्रेनी बच्चों को उनके परिवारों के पास वापस भेज दिया है.
रंग लाई मेलानिया ट्रंप की मुहिम
मेलानिया और पुतिन के बीच इस सीधी बातचीत का नतीजा ये निकला कि, 24 घंटों में युद्ध प्रभावित आठ बच्चों को उनके परिवारों से फिर मिलाया गया है. मेलानिया ट्रंप का कहना है कि, हर बच्चा उसी प्यार और सुरक्षा का सपना देखता है जो किसी भी इंसान का हक होता है. इन बच्चों ने जंग की वजह से वो सब खो दिया जो उनके बचपन का हिस्सा था. मेलानिया ने इस कोशिश को गैर राजनीतिक और मानवीय पहल बताया.
मेलानिया के लेटर से निकला रास्ता
दरअसल, यूक्रेन के बिछड़े बच्चों के मुद्दे को लेकर मेलानिया ट्रंप ने पुतिन को एक लेटर लिखा था. यह लेटर अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन बैठक के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही पुतिन को सौंपा था. इस बैठक में मेलानिया खुद नहीं मौजूद थीं, लेकिन ट्रंप के हाथों पुतिन को मिले लेटर ने बच्चों के लिए नई उम्मीद जगा दी.
युद्ध के बीच यूक्रेन में कितने बच्चे हुए लापता?
साल 2022 में शुरू हुई यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष ने यूक्रेन में हजारों मासूमों का न केवल बचपन छीन लिया. साथ ही साथ उन्हें अपनों से भी दूर कर दिया. यूक्रेनी सरकार के मुताबिक, फरवरी 2022 में जंग शुरू होने के बाद से अब तक करीब 19,500 बच्चे रूस या उसके कब्जे वाले इलाकों में जबरन ले जाए गए. दावा है कि इन बच्चों में से कई को रूसी नागरिकता दे दी गई तो कुछ को रूस में गोद लेने के लिए रखा गया है. रूस के इस कदम की वैश्विक तौर पर आलोचना भी हुई थी.
मेलानिया ट्रंप ने बताया कि, इनमें से 8 बच्चे अपने माता-पिता के पास लौटे हैं. ये बच्चे फ्रंटलाइन लड़ाई के बीच परिवार से जुदा हो गए थे. फर्स्ट लेडी ने कहा, हर बच्चे की कहानी दर्द से भरी है, लेकिन अब उन्हें उनके परिवारों की गोद मिली है. मेलानिया ट्रंप ने इस पहल को पूरी तरह 'soft diplomacy' का हिस्सा बताया है. उन्होंने कहा, यह किसी सरकार के निर्देश पर नहीं बल्कि मानवीय आधार पर उठाया गया कदम है.
वहीं, मेलानिया की इस गैर राजनीतिक पहल का असर अमेरिका और रूस के बीच बातचीत का नया पुल बन सकता है. उनका ये कदम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है.
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