परिवार के खात्मा के बाद बहन की भी 'बलि' देगा मसूद अजहर! जैश में हुई लड़ाकों की कमी, वूमन ब्रिगेड से चलाएगा काम
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए "जमात-उल-मोमिनात" नाम से अपनी पहली महिला शाखा के गठन की घोषणा की है.
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‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया’ ये लाइन पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर सटीक बैठता है. ऑपरेशन सिंदूर में बर्बाद होने वाला जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर फन उठाने की कोशिश में है. दरअसल IANS के सूत्रों ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए "जमात-उल-मोमिनात" नाम से अपनी पहली महिला शाखा के गठन की घोषणा की है. JeM प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर के नाम से जारी एक पत्र के माध्यम से इस फैसले की घोषणा की गई. पत्र के अनुसार, इस नवगठित इकाई के लिए भर्ती अभियान 8 अक्टूबर को पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित मरकज़ उस्मान-ओ-अली में शुरू हो गया है.
ऑपरेशन सिंदूर में JeM का मुख्यालय तहस-नहस
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब के बहावलपुर स्थित JeM के मुख्यालय को निशाना बनाया था. पिछले महीने, JeM कमांडर इलियास कश्मीरी ने एक वीडियो में कहा था कि बहावलपुर में हुए हमले में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजहर के परिवार के सदस्य मारे गए थे. जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार मंच अल-क़लम मीडिया द्वारा प्रसारित नवीनतम पत्र के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद की महिला ब्रिगेड का नाम 'जमात-उल-मोमिनात' रखा जाएगा और इसकी भर्ती 8 अक्टूबर, 2025 से शुरू होगी.
महिला शाखा का मसूद अज़हर की बहन करेगी नेतृत्व
सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद की इस महिला ब्रिगेड का नेतृत्व मसूद अज़हर की बहन सादिया अज़हर करेगी, जिसका पति यूसुफ़ अज़हर 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था, जब भारतीय सेना ने मरकज़ सुभानअल्लाह स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर हमला किया था.
सूत्रों से पता चलता है कि इस आतंकी संगठन ने अब अपने कमांडरों की पत्नियों के साथ-साथ बहावलपुर, कराची, मुज़फ़्फ़राबाद, कोटली, हरिपुर और मनसेहरा स्थित अपने केंद्रों में पढ़ रही आर्थिक रूप से कमज़ोर महिलाओं को भी भर्ती करना शुरू कर दिया है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद JeM के रुख में बदलाव
देवबंदी विचारधारा वाला यह संगठन, जिसने पारंपरिक रूप से महिलाओं को सशस्त्र जिहाद या युद्ध अभियानों में भाग लेने से प्रतिबंधित किया है, पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने रुख में बदलाव करता दिख रहा है.
खुफिया सूत्रों से पता चलता है कि मसूद अजहर और उसका भाई तल्हा अल-सैफ ने संयुक्त रूप से जैश-ए-मोहम्मद के परिचालन ढांचे में महिलाओं को शामिल करने के फैसले को मंजूरी दी है, जिसके परिणामस्वरूप इस विशेष महिला ब्रिगेड की स्थापना हुई है.
महिलाओं को आत्मघाती हमलावरों के रूप में करेगा इस्तेमाल!
ISIS, बोको हराम, हमास और लिट्टे जैसे आतंकवादी समूहों का महिलाओं को आत्मघाती हमलावरों के रूप में इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है, जबकि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठन ऐसा करने से काफी हद तक बचते रहे हैं, लेकिन अब सूत्रों का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद का यह नया कदम भविष्य के आतंकवादी अभियानों में महिला आत्मघाती हमलावरों को प्रशिक्षित करने और उनका इस्तेमाल करने की उसकी मंशा का संकेत देता है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाक से शिफ्ट हुए आतंकवादी संगठन
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जैश-ए-मोहम्मद (JeM), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) रणनीतिक रूप से पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र, खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत में ट्रांसफर हो गए हैं. गौरतलब है कि अब पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नष्ट किए गए इन आतंकवादी ढांचों के पुनर्निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है और आम लोगों से दान मांग रहा है.
अगस्त में IANS द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान में 313 नए मरकज के निर्माण के लिए 3.91 अरब रुपये इकट्ठा करने के लिए ईजीपैसा के माध्यम से एक ऑनलाइन धन उगाहने वाला अभियान भी शुरू किया है.
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