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पाकिस्तानी सेना है सबसे बड़ी दुश्मन, शरिया की खाता है कसम…कौन है नूर वली महसूद, जिसके ठिकाने पर पाक ने बरसाए बम

9 अक्टूबर की देर रात अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दो बड़े धमाके हुए. जिसमें कई लोगों के मारे जाने की खबर है. पाकिस्तान ने TTP चीफ नूर वली महसूद के ठिकानों को टारगेट किया. नूर वली ने पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करने और सेना को सजा देने की कसम खाई थी.

इधर अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने भारतीय धरती पर कदम रखा था उधर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर बम बरसा दिए. 9 अक्टूबर को काबुल के हक स्क्वायर के पास जोरदार धमाके हुए. पाकिस्तानी सेना का टारगेट आतंकी संगठन TTP का गेस्ट हाउस था. 

पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने काबुल के अंदर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP के ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि, पाकिस्तान ने TTP चीफ नूर वली महसूद की लैंड क्रूजर कार और गेस्ट हाउस को निशाना बनाया था. जिसमें TTP के 19 लड़ाकों के मारे जाने की खबर है. हालांकि TTP ने हमले में नुकसान से इंकार किया है. तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि विस्फोट में किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है. 

क्या आप जानते हैं जिस नूर वली महसूद के पीछे पाकिस्तान पड़ा है उसका पाकिस्तान से गहरा नाता है. कौन है नूर वली महसूद और क्या है उसकी हिस्ट्री, जानते हैं. 

कौन है नूर वली महसूद?

देवबंदी मदरसों में पढ़ने वाले नूर वली का जन्म पाकिस्तान के दक्षिण वजीरिस्तान में हुआ था. पाकिस्तान में महसूद एक जनजाति है. कट्टर विचारधारा वाला नूर वली बेहद कम उम्र में ही जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम में शामिल हो गया था. 

9/11 हमले ने कैसे बदली नूर वली महसूद की सोच? 

नूर वली महसूद तब और कट्टरता से उभरकर आया जब अलकायदा ने अमेरिका पर 9/11 हमला किया था. उस समय जब पाकिस्तान का झुकाव अमेरिका की ओर होने लगा तो नूर वली अहमद ने इसे इस्लाम के खिलाफ विश्वासघात माना और पाकिस्तान को मौका परस्त बताया. इस घटना के बाद नूर वली ने अफगानिस्तान में तालिबान को पश्तून और इस्लाम का असली पहरेदार माना. 

शरिया कानून को लागू करने की खाई कसम 

नूर वली को पाकिस्तान के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में गिना जाता है. हालांकि ये सुनने में थोड़ा हैरतअंगेज लग सकता है कि पाकिस्तान भी आतंकियों को आतंकी मान सकता है. साल 2007 में महमूद वली तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान में शामिल हुआ था. उस समय आतंकी बैतुल्लाह महसूद तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान बनाने के लिए कई आतंकी समूहों को एक कर रहा था. नूर वली उस समय TTP के सबसे भरोसेमंद कमांडर में से एक बन गया. ये संगठन कट्टरवाद का खतरनाक चेहरा बनकर उभरा. TTP ने पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करने और सेना को सजा देने की कसम खाई.

नूर वली महसूद कब बना TTP चीफ? 

TTP ने पाकिस्तान में कई बड़े आतंकी हमले किए. पिछले 12 साल में पाकिस्तान के लिए ये संगठन सबसे बड़ा आतंकवादी खतरा बन गया है. 
पाकिस्तान का आरोप है कि TTP के लड़ाके सीमा पार अफगानिस्तान से ट्रेनिंग लेकर पाकिस्तान लौटते हैं और हमला करते हैं. TTP ने पाकिस्तान में कई बड़े हमले किए. TTP ने पाकिस्तान के कबायली इलाकों में शरिया कानून लागू किया. इस संगठन ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों पर हमले किए. TTP ने शिक्षा संस्था और धार्मिक नेताओं और रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया. 

जब साल 2018 में मुल्ला फजलुल्लाह मारा गया, तो नूर वली ने TTP चीफ का पद संभाला और उसने TTP को पहले से भी ज्यादा पावरफुल बना दिया. बताया जाता है कि नूर वली महसूद को अल कायदा और उससे जुड़ी संस्थाओं से फंड और समर्थन मिला है. साल 2020 में उसे संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.

काबुल में पाकिस्तान के हमलों की टाइमलाइन और नुकसान 

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के हमले में TTP के 19 लड़ाके मारे गए हैं. जबकि 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई है. इस बीच पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग ने भारत पर ही तालिबान समर्थन के आरोप लगा दिए. जबकि अभी तो भारत ने तालिबान को मान्यता तक नहीं दी. पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (ISPR) ने आरोप लगाया कि हमलावरों को भारत का समर्थन मिल रहा है. 

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