राशन और धान खरीद धान खरीद की परेशानियों से निजात : जल्द शुरू होने वाली हेल्पलाइन सेवा से मिलेगी मदद
राज्य सरकार ने राशन वितरण और धान खरीद में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए विशेष पहल की है. इसके तहत केंद्रीयकृत कॉल सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे जनता अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेगी और त्वरित मदद मिलेगी.
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पश्चिम बंगाल सरकार ने राशन वितरण और धान खरीदी प्रक्रिया में हो रही समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्रीय हेल्पलाइन सेवा शुरू करने का ऐलान किया है. यह सेवा किसानों और उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही परेशानियां कम होंगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग के तहत इस पहल को मंजूरी दी है. अगले सप्ताह से हेल्पलाइन चालू हो जाएगी. आइए जानते हैं इस योजना की पूरी डिटेल.
समस्याओं का तुरंत समाधान
पश्चिम बंगाल में धान खरीदी सत्र 2024-25 और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत राशन वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए यह हेल्पलाइन शुरू की जा रही है. किसान धान बिक्री की बुकिंग, भुगतान में देरी और राशन कार्ड संबंधी मुद्दों की जानकारी एक ही नंबर पर पा सकेंगे. विभाग के अनुसार, यह सेवा 24x7 उपलब्ध होगी और एआई-आधारित चैटबॉट से लैस रहेगी. इससे लाखों लाभार्थियों को स्थानीय दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी. एक अधिकारी ने बताया, "यह डिजिटल इंडिया का हिस्सा है, जो गरीबों की खाद्य सुरक्षा मजबूत करेगा. "
धान खरीदी में कैसे मिलेगा फायदा
राज्य में धान खरीदी का मौसम जोरों पर है, जहां सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 2.5 करोड़ मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है. हेल्पलाइन के जरिए किसान अपनी बुकिंग स्टेटस, वाहन व्यवस्था और वजन विवाद जैसी शिकायतें दर्ज कर सकेंगे. पिछले साल शिकायतों के कारण भुगतान में देरी हुई थी, लेकिन अब 72 घंटे के अंदर समस्या हल होने का वादा किया गया है. बर्धमान और हावड़ा जैसे धान उत्पादक जिलों में यह सेवा सबसे ज्यादा उपयोगी साबित होगी. किसान संगठनों ने इसका स्वागत किया है.
राशन वितरण प्रक्रिया को मजबूत करना
पीडीएस में राशन की कमी, कार्ड अपडेट और स्टॉक चेकिंग जैसी दिक्कतों को हेल्पलाइन दूर करेगी. सेवा दक्षिण 24 परगना और मुर्शिदाबाद जैसे जिलों में विशेष फोकस रखेगी, जहां आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय ज्यादा प्रभावित हैं. हेल्पलाइन हिंदी, बंगाली और उर्दू में सपोर्ट देगी. विभाग ने कहा कि जनभागीदारी ऐप के साथ इसे जोड़ा जाएगा. अगले हफ्ते से 50 विशेषज्ञ स्टाफ तैनात होंगे, और शुरुआत में -1967, 14445 और 18003455505 टोल-फ्री नंबर जारी किया जाएगा.
किसानों और उपभोक्ताओं की उम्मीदें
किसान यूनियनों ने इस कदम को सकारात्मक बताया है. नदिया जिले के एक किसान ने कहा, "धान बेचने में पहले महीनों लग जाते थे, अब फोन पर ही सब सुलझेगा. " वहीं, कोलकाता की एक महिला ने राशन शिकायतों पर राहत की उम्मीद जताई. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने ग्रामीण नेटवर्क सुधार की सलाह दी है.
भविष्य की योजना
डिजिटल सुधारों की लहरयह हेल्पलाइन राज्य की डिजिटल पहलों का हिस्सा है, जिसमें आगे ब्लॉकचेन ट्रैकिंग भी शामिल होगा. सरकार 2025 तक 85% शिकायतों को ऑनलाइन हल करने का लक्ष्य रखेगी. लाभार्थी wbpds.gov.in पर रजिस्टर कर सकेंगे. यह न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि उपभोक्ताओं का भरोसा भी कायम रखेगा.
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