चौखट पर रोका, फिर सभी पुरूषों ने लड़की के पैर पर मत्था टेका… बेटी के पहले पीरियड्स का परिवार ने मनाया अनोखा जश्न, Video Viral
इंस्टाग्राम पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एख परिवार अपनी बेटी के पहले पीरियड्स का जश्न मनाते दिख रहा है. वीडियो भावूक कर देने वाला है.
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जो समाज जो मासिक धर्म(Periods) को लोग हीन भावना से देखता है और मासिक धर्म के दौरान महिला को अछूत समझता है. उसी समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इसे भगवान का दिया हुआ वरदान मानते हैं और ऐसा ही एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ है जिसने नेटिजन्स का दिल छू लिया. इस वीडियो में एक परिवार ने अपनी बेटी के पहले पीरियड्स को किसी जश्न की तरह मनाया.
क्या है वीडियो में?
इंस्टाग्राम अकाउंट @its_aayushaaa से आयशा नाम की एक लड़की ने यह वीडियो शेयर किया है, जिसे अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग देख चुके हैं और 10 लाख से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक किया है. जिसमें हम देख पाएंगे कि आयशा अपने घर की चौखट पर खड़ी है और उसे एक कपड़े के माध्यम से छूपा रखा है. इसके बाद परिवार के सभी पुरुष सदस्य, जिसमें बड़े-बूढ़े और बच्चे भी शामिल हैं. सभी एक-एक करके आयशा के पैरों को छूकर और पैसे रखकर उसे सम्मान देते हैं. यह देखकर आयशा की आंखों में आंसू आ जाते हैं और जैसे ही कपड़ा हटाया जाता है आयशा अपने पिता को पकड़ कर फूट-फूटकर रोने लगती है.
कुछ ही सेकंड के इस वीडियो ने सोशल मीडिया यूजर्स का दिल जीत लिया है. एक यूजर ने कमेंट किया, अमीर परिवार का असल मतलब यही है. दूसरे ने कहा, हर लड़की इस तरह से सम्मान की हकदार है. एक अन्य यूजर ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि कैसे उनके पिता ने उनके पहले पीरियड्स के समय उनका हौसला बढ़ाया था.
दक्षिण भारत में पहले पीरियड्स का जश्न मनाने की परंपरा
बता दें कि भारत में खासकर दक्षिण भारत में जब किसी लड़की को पहली बार मासिक धर्म (पीरियड्स) आता है, तो परिवार इसे महत्वपूर्ण मानकर जश्न मनाता है. इसे लड़की के शारीरिक और सामाजिक रूप से महिला बनने का संकेत के रूप में देखा जाता है. इसे तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मनाया जाता है और हर जहग इसके अलग-अलग नाम हैं.
कैसे मनाते है पीरियड्स का जश्न?
- लड़की को 7-11 दिन तक घर में विशेष देखभाल दी जाती है.
- पहले दिन परिवार के सदस्य और रिश्तेदार इकट्ठा होकर उसे उपहार (कपड़े, आभूषण) देते हैं.
- घर में पूजा, हवन और हल्दी स्नान कराया जाता है.
- जश्न के दिन लड़की को पहली बार पारंपरिक साड़ी पहनाई जाती है.
- परिवार रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भोज के लिए बुलाता है.
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