Advertisement

नॉर्थ कोरिया में 'आइसक्रीम', 'बर्गर' बोला तो खैर नहीं… किम जोंग उन का नया फरमान, आखिर करना क्या चाहता है ये तानाशाह

उत्तर कोरिया में अब 'आइस क्रीम' शब्द पर बैन लग गया है क्योंकि तानाशाह किम जोंग उन को इस शब्द से नफरत हो गई है. अब ये फैसला उन्होंने क्यों लिया, जानिए इसके पीछे की वजह

X-@bel_is_A_ninja/Meta AI

जब भी अजीबो-गरीब फैसलों की बात याद आती है तो सबसे पहले उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ही दिमाग में आते हैं. अब इनके चौंकाने वाले फैसलों में एक और फैसला जुड़ गया है. ये फैसला है आइसक्रीम को लेकर, अब उत्तर कोरिया में  'आइस क्रीम' या 'हैमबर्गर' जैसे शब्द बैन हो गया क्योंकि इस शब्द से किम जोंग उन को नफरत हो गई है. किम का कहना है कि आइस क्रीम नाम में विदेशी प्रभाव नजर आता है. इसलिए अब इसे 'एसीयुकीमो या फिर इयूरियुंबोसेउंगी' के नाम से जाना जाएगा. इसका अर्थ बर्फ से बनी मिठाई होता है.

फैसले पर क्या कहती है रिपोर्ट

डेली एनके ने अपने रिपोर्ट में फैसले को लेकर लिखा कि दक्षिण कोरियाई और पश्चिमी शब्दावली को हटाने की चाहत में किम जोंग उन ने ये फैसला लिया है. किम चाहते हैं कि अगर विदेशी पर्यटक जब उत्तर कोरिया आए तो उनपर देश का प्रभाव पड़े न कि उनका प्रभाव देश पर पड़े. ऐसे में उन्होंने टूरिस्ट गाइड्स के लिए भी एक ट्रेनिंग अकैडमी बनाई है. यहां उन्हें बताया जाता है कि कुछ अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल उन्हें नहीं करना है बल्कि उनकी जगह पर पर्यटकों को भी उत्तर कोरिया के शब्द सिखाने हैं. 

रिपोर्ट में एक ट्रेनी गाइड के हवाले से कहा गया कि विदेशियों से बीतचीत आसान करने के लिए उन्हें अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ता है. किम जोंग उन के इस फैसले से परेशान होने के बावजूद किसी में आलोचना करने की हिम्मत नहीं है. वहीं एक अन्य ट्रेनी ने कहा, टूर गाइड होना एक अच्छा काम है. ऐसे में वह नहीं चाहता कि किसी बयानबाजी की वजह से मुसीबत में पड़े. बता दें कि दोनों में से किसी भी ट्रेनी गाइड का नाम नहीं लिखा गया क्योंकि उन्हें डर था कि वो मुसीबत में पड़ सकते हैं.

‘एसीयुकिमो’ का मतलब क्या है?

एसीयुकिमो शब्द आर्कटिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों से लिया गया है. अलास्का, कनाडा, ग्रीनलैंड और सर्बिया के बर्फीले इलाके में रहने वाले लोगों को एस्किमो के नाम से जाना जाता है. हालांकि एस्किमो नाम भी विवाद की वजह बन गया है. सांस्कृतिक पहचान को लेकर अलग-अलग समुदाय अलग-अलग नाम को पसंद करते हैं. वहीं भाषा विदों का कहना है कि किम जोंग उन केवल ड्रामा कर रहे हैं. जिस नए शब्द के इस्तेमाल की बात वह कर रहे हैं, वह शब्द भी अंग्रेजी भाषा से ही आया है.

भाषा से नियंत्रण करना है किम जोंग उन की रणनीति 

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों को ऐसी भाषा सिखाई जा रही है जो उत्तर कोरिया की पहचान को मजबूती दे. साथ ही दक्षिण कोरिया और पश्चिमी देशों से जुड़े शब्दों से बचने का निर्देश है.

इस नीति के पीछे उद्देश्य केवल शब्द बदलना नहीं बल्कि समाज और पर्यटकों के बीच संवाद को नियंत्रित करना है, ताकि बाहरी प्रभाव सीमित रहे और शासन की विचारधारा सुरक्षित बनी रहे.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →