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मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन पर नशे में धुत जवान ने दौड़ाई कार, प्लेटफॉर्म पर मची अफरा-तफरी, वीडियो वायरल

वायरल वीडियो में साफ दिखाई देता है कि एक व्यक्ति जो सेना का जवाब भी था ने अपनी कार लेकर मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुंच गया. सेना के जवान की पहचान संदीप ढाका के रूप में हुई है.

मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक नशे में धुत व्यक्ति ने अपनी कार सीधे प्लेटफॉर्म पर चढ़ा दी. हैरान करने वाली यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है. इस घटना ने रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

सेना के जवान ने रेलवे स्टेशन पर दौड़ाई कार

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति जिसकी पहचान सेना के जवान संदीप ढाका के रूप में हुई है. प्लेटफॉर्म पर अपनी कार लेकर पहुंचता है. कार झारखंड नंबर की थी और उस समय प्लेटफॉर्म पर एक ट्रेन खड़ी थी. गाड़ी ट्रेन के बेहद करीब आ गई, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

मामला दर्ज कर आरोपी को किया हिरासत में

घटना के तुरंत बाद जीआरपी और आरपीएफ मेरठ सिटी ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया. मुरादाबाद जीआरपी के एसपी ने जानकारी दी कि आरोपी नशे की हालत में था और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. कार को भी जब्त कर लिया गया है. पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपी का उद्देश्य क्या था.

वीडियो वायरल होने के बाद लोगों का फूटा गुस्सा

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्सा जताते हुए रेलवे सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. एक यूजर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "हमेशा की तरह, आरपीएफ नदारद थी. यह एक आतंकी हमला भी हो सकता था, लेकिन किसी को परवाह नहीं." वहीं एक अन्य ने लिखा, "इसे बलपूर्वक रेलवे लाइन से बाहर कर देना चाहिए."

गौरतलब है कि यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले, पिछले महीने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर भी एक व्यक्ति – नितिन राठौर – ने नशे में कार को प्लेटफॉर्म पर दौड़ा दिया था. उसने कथित तौर पर ट्रेन से 'रेस' लगाने की कोशिश की थी. आरपीएफ ने उसे तत्काल हिरासत में लिया और भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत कार्रवाई की गई थी.

रेलवे प्रशासन के लिए यह एक चेतावनी है कि स्टेशनों पर सुरक्षा के नाम पर केवल औपचारिकता न निभाई जाए, बल्कि गंभीर और व्यावहारिक कदम उठाए जाएं, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें.

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