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महक पारी के बाद अब अश्लील वीडियो पोस्ट करने वाला अमजद गिरफ्तार

उत्तराखंड के रुड़की जिले में पुलिस ने सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पठानपुरा इलाके के रहने वाले अमजद नाम के युवक को अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

रुड़की (उत्तराखंड): सोशल मीडिया पर अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ पुलिस अब सख्त रुख अपना रही है. ताज़ा मामला रुड़की के पठानपुरा इलाके से सामने आया है, जहाँ अमजद नामक युवक को सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले संभल की महक और परी को भी पुलिस ने अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था और उनकी आईडी को भी फ्रीज कर दिया गया था.

पुलिस के अनुसार, अमजद "9211 कॉमेडी रील्स" नाम से एक फेसबुक पेज और "अमजद 9211" नाम से यूट्यूब चैनल चलाता था, जहाँ वह लगातार गाली-गलौज, अश्लीलता और समाज-विरोधी विषयों पर वीडियो पोस्ट कर रहा था. उसकी सामग्री की भाषा और विषय-वस्तु समाज में गलत संदेश फैला रही थी, जिससे कई लोग आक्रोशित थे.

शिकायत के बाद पुलिस ने लिया एक्शन 

स्थानीय लोगों द्वारा की गई शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई. जांच के दौरान पाया गया कि अमजद द्वारा पोस्ट किए गए कई वीडियो सार्वजनिक शालीनता और मर्यादा के विरुद्ध थे. साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया.

एसपी ग्रामीण ने दी जानकारी

इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए एसपी ग्रामीण शेखर चंद्र सुयाल ने बताया, "सोशल मीडिया पर अश्लील, अपमानजनक या भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. समाज की मर्यादा और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी."

सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर पुलिस की नज़र

पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है. यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करता है, तो उसके खिलाफ भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी.

लोगों ने बताया सही कदम

इस कार्रवाई को लेकर आम जनता ने पुलिस की सराहना की है. सोशल मीडिया यूज़र्स का मानना है कि इस तरह की सामग्री युवाओं को गलत दिशा में ले जाती है, और समय रहते इसकी रोकथाम बेहद ज़रूरी है.

पुलिस की चेतावनी: ऑनलाइन भी कानून का पालन जरूरी

पुलिस का संदेश स्पष्ट है ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी कानूनी दायरे में आते हैं. यदि कोई व्यक्ति इंटरनेट का उपयोग सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ने और भड़काऊ सामग्री फैलाने के लिए करता है, तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है.

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