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झारखंड के CM हेमंत सोरेन क्या सच में BJP के साथ मिलाने जा रहे हैं हाथ? JMM का बड़ा बयान आया सामने, जानें क्या कहा

Political Turmoil In Jharkhand: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन की दिल्ली यात्रा ने कई अटकलों को हवा दी. सोशल मीडिया पर कहा गया कि वे बीजेपी आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन झामुमो ने इन अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यात्रा निजी थी और बीजेपी के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.

Source: X/ @HemantSorenJMM

झारखंड की राजनीति इन दिनों लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. बिहार विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को एक भी सीट नहीं मिलने के बाद से ही गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठने लगे थे. इसी बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दिल्ली यात्रा ने इन अटकलों को और हवा दे दी. राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं थीं कि हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) की दिल्ली में कुछ ‘महत्वपूर्ण मुलाकातें’ हुई हैं और इसका असर झारखंड के राजनीतिक समीकरणों पर देखने को मिल सकता है. लेकिन अब पार्टी ने इन सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि न तो गठबंधन में कोई दरार है और न ही बीजेपी के साथ जाने की कोई संभावना है.

सोशल मीडिया पर खूब हुई चर्चा 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) 28 नवंबर की देर शाम दिल्ली पहुंचे थे. जैसे ही यह खबर बाहर आई, सोशल मीडिया पर सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया. कुछ पोस्ट में दावा किया गया कि हेमंत सोरेन दिल्ली में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मिलने गए हैं और राज्य में आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. हालांकि, एक दिन के भीतर ही स्थिति स्पष्ट होने लगी. बुधवार शाम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन रांची लौट आए. 4 दिसंबर को सीएम विधानसभा सत्र को लेकर आयोजित स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो की सर्वदलीय बैठक और सत्ता पक्ष की बैठक में शामिल होंगे. यानी दिल्ली यात्रा पहले से तय कार्यक्रम का हिस्सा था.

कैसे और कब शुरू हुई यह सियासी अटकलें

अटकलों की शुरुआत तब हुई जब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे में जेएमएम को एक भी सीट नहीं दी गई. झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी को कुछ सीटें दी गई थीं, लेकिन बिहार में जेएमएम को मौका नहीं मिला. इस फैसले से पार्टी के भीतर नाराजगी की खबरें सामने आईं और इसी माहौल में सीएम का दिल्ली दौरा कई सवाल खड़ा कर गया. विपक्ष ने इसे तुरंत राजनीतिक मुद्दा बना लिया और दावा किया कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. लेकिन अब झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने साफ शब्दों में कहा है कि मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा पूरी तरह निजी था. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ साजिश रचना है और इस बार भी वही किया जा रहा है. पांडेय ने कहा कि झामुमो के तीन शब्द ‘झारखंड झुकेगा नहीं’ इन अफवाहों का जवाब हैं. जनता सब देख रही है और बीजेपी को जनादेश का सम्मान करना चाहिए. झामुमो यूथ विंग ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हेमंत सोरेन नाम ही काफी है. संघर्ष से सीखा है. सेवा से जीता है. और न्याय के लिए लड़ना आता है.’

BJP ने दी प्रतिक्रिया 

वहीं बीजेपी (BJP) ने भी अपनी तरफ से बयान जारी करते हुए किसी भी संभावित गठबंधन की बात पूरी तरह खारिज कर दी है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि बीजेपी और झामुमो नदी नहीं, समुद्र के दो अलग-अलग किनारे हैं. इनका मिलन संभव नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो नेतृत्व वाली सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती है और दोनों दलों की विचारधाराएं बिल्कुल विपरीत हैं. इसलिए भविष्य में भी किसी तरह का राजनीतिक सहयोग नहीं हो सकता.

कांग्रेस ने जारी की बयान 

कांग्रेस ने भी इस पूरे विवाद पर अपना रुख साफ किया है. झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बीजेपी के साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता. उनका कहना है कि बीजेपी अफवाहों के सहारे राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है, क्योंकि उसके पास झारखंड में कोई सक्षम नेता मौजूद नहीं है. कांग्रेस ने दावा किया कि गठबंधन एकजुट है और विपक्ष की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम का सच्चाई से कोई संबंध नहीं है.

बहरहाल, दिल्ली दौरे को लेकर उठी सियासी चर्चा अब थमती दिख रही है. जेएमएम, कांग्रेस और खुद बीजेपी तीनों ने ही किसी संभावित गठबंधन की संभावना से इनकार कर दिया है. ऐसे में साफ है कि झारखंड का राजनीतिक माहौल भले ही गर्म हो, लेकिन मौजूदा समीकरण बदलने वाले नहीं हैं. अब सबकी निगाहें आने वाले विधानसभा सत्र और राजनीतिक गतिविधियों पर रहेंगी, जहां यह और साफ होगा कि राज्य की सियासत किस दिशा में आगे बढ़ेगी.

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