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'घर में नहीं एकता, चले हैं बिहार जोड़ने…’, सीमांचल से ओवैसी की हुंकार, लालू परिवार पर किया तीखा प्रहार

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज में सीमांचल की उपेक्षा का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि सीमांचल के लोगों को घुसपैठिया बताकर बदनाम किया जा रहा है, जबकि क्षेत्र बाढ़, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. तेजस्वी यादव के ‘कट्टरपंथी’ बयान पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसी भाषा नफरत दर्शाती है और वे अपनी आस्था पर आख़िरी सांस तक बोलते रहेंगे.

Asaduddin Owaisi (File Photo)

बिहार का विधानसभा चुनाव अब अपने समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में सियासी दलों के नेता ताबड़तोड़ जनसभा और चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं. इस बीच हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM)  प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के किशनगंज से आईएएनएस से बोले गए इंटरव्यू में राज्य की राजनीति, सीमांचल के मुद्दे और विपक्षी नेताओं पर तीखे आरोप लगाए. ओवैसी ने कहा कि सीमांचल के लोग उपेक्षित हैं और उन्हें अनावश्यक रूप से घुसपैठिया करार दिया जा रहा है. बातचीत के प्रमुख अंश निम्न हैं.

सीमांचल को किया जा रहा है बदनाम

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि बिहार में असली समस्या सीमांचल की उपेक्षा है. यहाँ के लोग बाढ़, भूमि कटाव और बेसहारा स्थिति से पीड़ित हैं, फिर भी उन्हें मुआवजा नहीं मिलता और स्वास्थ्य-शिक्षा सुविधाएँ नाकाफी हैं. उन्होंने कहा 'सीमांचल की जनता से नफरत की जा रही है, उन्हें बदनाम किया जा रहा है और उन्हें घुसपैठिया कहा जा रहा है.'

राहुल के ‘वोट चोरी’ आरोप पर क्या कहा

राहुल गांधी के 'वोट चोरी' वाले बयान पर सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि असली मुद्दे पर ध्यान दिया जाना चाहिए. सीमांचल की भलाई और बुनियादी समस्याओं का समाधान. उन्होंने कहा कि इन व्यापक समस्याओं पर राजनीति नहीं हो रही है.

तेजस्वी के 'कट्टरपंथी' आरोप पर तीखा पलटवार

तेजस्वी यादव द्वारा उन्हें ‘कट्टरपंथी’ कहे जाने पर ओवैसी ने कहा कि ऐसी भाषा का प्रयोग नफरत दिखाती है. 'अगर कोई मुख्यमंत्री बनने का सपना देखता है, तो उसे ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए.' उन्होंने कहा और तेजस्वी से कटु भावनाओं को निकालने की अपील की. इसके साथ ही ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ वाले बयान पर कहा कि वे न आख़िरी सांस तक बोलना बंद करेंगे और अपनी आस्था पर बोले बिना नहीं रहेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपने धार्मिक विश्वास के लिए मुखर रहेंगे.

अखिलेश-मायावती की तुलना और अफजल अंसारी पर तंज

अखिलेश यादव के शासनकाल में मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि उस वक्त भी सरकार की प्राथमिकता पर सवाल उठते थे. समाजवादी पार्टी के नेता अफजल अंसारी पर भी ओवैसी ने परिवारवादी राजनीति का आरोप लगाया और उनकी राजनीतिक यात्रा पर सवाल खड़े किए. वहीं, लालू यादव के परिवारिक विवादों पर ओवैसी ने कहा, 'जिस घर में खुद एकता नहीं है, वह बिहार की जनता को क्या एकजुट करेगा?' उन्होंने लालू परिवार पर परिवारवाद और अंदरूनी कलह के चलते जनता की भलाई पर प्रश्न उठाया.

ओवैसी ने बताई गठबंधन की प्राथमिकता

ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी के साथ नहीं बल्कि चंद्रशेखर आजाद की पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ‘लोकतांत्रिक गठजोड़’ के तहत चुनाव लड़ रही है. बिहार में उनकी प्राथमिकता सीमांचल का विकास, शिक्षा व स्वास्थ्य सुधार और स्थानीय लोगों को सम्मान दिलाना होगा. उन्होंने भरोसा जताया कि सीमांचल की जनता उन्हें समझ रही है और वे चुनावी मोहरा नहीं बल्कि काम के जरिए जवाब देंगे. ओवैसी का दावा है कि उनकी राजनीति डराने-धमकाने की नहीं, बल्कि इंसाफ और सेवा की राजनीति है. उन्होंने कहा कि सीमांचल के लिए वे 'आख़िरी सांस तक' लड़ेंगे.

बताते चलें कि ओवैसी के इस बयानबाजी से साफ है कि सीमांचल और बिहार की राजनीति में उन्होंने फिर से नया सियासी रंग भर दिया है. जहाँ एक ओर उन्होंने विपक्षी दलों पर सीधा हमला बोला, वहीं सीमांचल के विकास को अपनी प्राथमिकता बताकर स्थानीय मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की है. अब देखना यह होगा कि उनकी ये रणनीति बिहार चुनाव में कितनी असरदार साबित होती है.

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