सरकार ने की 4,000 करोड़ की कमाई...', SIR की प्रक्रिया पर तेजस्वी यादव का बड़ा आरोप, कहा- चुनाव के लिए बीजेपी जुटा रही धन
कटिहार की रैली में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एसआईआर के दौरान आवासीय और जाति प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया में ही जनता से 4,000 करोड़ रुपये वसूले गए, जिसका इस्तेमाल भाजपा चुनाव में करेगी. तेजस्वी ने वादा किया कि सत्ता में आने पर वे भ्रष्टाचार-मुक्त और अपराध-मुक्त सरकार देंगे.
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही दिनों का समय बचा है. ऐसे में सत्ताधारी एनडीए से लेकर विपक्ष की इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों ने पूरी ताक़त के साथ अपने प्रचार अभियान को गति दी है. इस दौरान नेताओं के बीच ज़ुबानीजंग में काफी देखने को मिल रही है. वही चुनाव आयोग को भी विपक्ष की तरफ से लगातार निशाना बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में कटिहार की रैली में शनिवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार को सीधे-सीधे भ्रष्टाचार का जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर (विशेष समग्र समीक्षा) के दौरान आवासीय और जाति प्रमाणपत्र बनवाने की प्रक्रिया में ही जनता से करीब 4,000 करोड़ रुपये वसूले गए हैं.
इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि भाजपा इस पैसे का इस्तेमाल चुनावों में करेगी और इसी वजह से भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि अगर सत्ता बदली तो वे “भ्रष्टाचार-मुक्त और अपराध-मुक्त सरकार” देंगे.
राहुल गांधी ने भी चुनाव आयोग को घेरा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि देश का मीडिया आम जनता की आवाज़ नहीं दिखा रहा. उन्होंने नारे का जिक्र करते हुए कहा, “वोट चोर गड्डी छोड़” लेकिन आरोप लगाया कि यह नारा टीवी स्क्रीन पर नजर नहीं आएगा. राहुल ने दावा किया कि टीवी चैनल गरीबों, किसानों और मजदूरों की भीड़ को नहीं दिखाते. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष का मकसद सिर्फ एक है. “वोट चोरी नहीं होने देना.” राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एसआईआर की टाइमिंग बीजेपी और आयोग की मिलीभगत का नतीजा है.
विपक्षी एकजुटता से सरकार पर बढ़ा दबाव
बिहार चुनाव से पहले विपक्ष ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं. एक ओर तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार के मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं, वहीं कांग्रेस चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रही है. विपक्ष का कहना है कि सरकार और आयोग मिलकर मतदाताओं को गुमराह कर रहे हैं. अब देखना यह होगा कि क्या जनता इन आरोपों को गंभीरता से लेगी और विपक्ष को समर्थन देगी, या फिर एनडीए अपनी योजनाओं और रणनीति से मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में सफल होगी.
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