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PM Modi का वो 5 साल पुराना फैसला जो CM Nitish को जिताएगा Bihar, सुनिए क्या कह रही जनता?

Bihar Election: विपक्ष को लगता है कि मोदी सरकार कभी ईवीएम में छेड़छाड़ करके सत्ता में आती है तो कभी वोट चोरी करके लेकिन ये बात स्वीकार नहीं कर पाती कि पीएम मोदी वोट नहीं चुराते जनता का दिल चुराते हैं तब जाकर चुनाव जीतते हैं, यकीन नहीं तो बिहार की जनता को सुन लीजिये !

देश की सत्ता संभाल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो कभी चुनाव नहीं हारे… पहली बार साल 2002 में गुजरात की राजकोट सीट से चुनाव लड़ कर मोदी ने जो जीत हासिल की थी… जीत का वो सिलसिला आज भी बरकरार है... और अब तो नरेंद्र मोदी राजनीति के एक ऐसे ब्रांड बन गये हैं जिनके नाम पर बीजेपी चुनाव दर चुनाव जीतती जा रही है... कांग्रेस कुछ नहीं कर पा रही है… और अब तो लगता है मोदी के चेहरे पर इस बार बीजेपी बिहार में जीत का परचम लहराने जा रही है… जहां पीएम मोदी के पांच साल पुराने फैसले का ऐसा असर दिख रहा है जो बता रहा है मोदी के दम पर पच्चीस से तीस फिर से नीतीश आने वाले हैं…

दरअसल पांच साल पहले जब साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव हुआ था… उस वक्त बीजेपी और JDU मिलकर चुनाव लड़ी थी… और जीत हासिल कर गठबंधन की सरकार बनाई थी… बीच में कुछ समय के लिए सीएम नीतीश कुमार भटक कर लालू यादव के साथ जरूर चले गये थे… लेकिन अब वो एक बार फिर मोदी के साथ आ गये हैं और इस बार तो उन्होंने मोदी से वादा भी किया है कि अब वो उन्हें छोड़ कर इधर-उधर नहीं जाएंगे… 

सीएम नीतीश कुमार भी जानते हैं कि मोदी के बिना वो सत्ता में नहीं आ सकते… इसीलिये लौट के मोदी के पास आ गये… और लगता है अब मोदी के पांच साल पुराने फैसले पर वो एक बार फिर बिहार की सत्ता में आने वाले हैं… क्योंकि साल 2020 में कोरोना काल के दौरान मोदी सरकार ने फ्री राशन देने का जो ऐलान किया था… बिहार की जनता में मोदी सरकार के इस फैसले का दमदार असर देखने को मिल रहा है... यकीन नहीं तो बिहार के इस बुजुर्ग को सुन लीजिये… जो डंके की चोट पर कह रहा है कि मोदी जी का गेहूं-चावल खाते हैं उन्हें जिताएंगे…

ये सिर्फ एक बुजुर्ग की बात नहीं है… मोदी सरकार ने फ्री राशन बांटने का जो फैसला लिया है… उसका सबसे ज्यादा असर बिहार के गांवों में देखने को मिल रहा है… जिन्हें मोदी राज में फ्री राशन मिल रहा है… और नीतीश राज में पेंशन का पैसा सीधे खाते में मिल रहा है... इसलिये लोग अब दोबारा लालटेन सरकार नहीं लाना चाहते हैं… क्योंकि उनके मन में आज भी जंगलराज का खौफ जिंदा है…

बात यहीं खत्म नहीं होती… मोदी सरकार राशन भेजती है तो सीधे गरीबों की झोपड़ी तक जाता है… मोदी सरकार योजना चलाती है तो उसका लाभ भी समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक पहुंचता है… और ये बात गरीब झाड़ू वाला भी जानता है…

कांग्रेस नेता राजीव गांधी को भले ही डिजिटल क्रांति का जनक कहा जाता हो… लेकिन सही मायने में असली डिजिटल क्रांति तो मोदी सरकार के राज में आई… जब घर-घर मोबाइल पहुंचा... बैंकों में लोगों के खाते खुलवाए गये… उन्हें डिजिटल प्रणाली से जोड़ा गया… और आज दिल्ली से भेजा गया एक-एक रुपया डिजिटल माध्यम से सीधे जनता के बैंक अकाउंट में पहुंच रहा है... जिसे एक बड़ा क्रांतिकारी बदलाव माना जा रहा है… क्योंकि एक वक्त था जब खुद प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी कहा करते थे कि हम दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं तो लोगों तक केवल 15 पैसे ही पहुंच पाते हैं… यानि बाकी के 85 पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते थे… यकीन नहीं तो उदाहरण भी देख लीजिये…

बात फ्री राशन बांटने की हो या फिर सीधे बैंक अकाउंट तक लाभार्थियों को योजना का पैसा भेजना हो... मोदी सरकार की ऐसी तमाम योजनाओं का असर बिहार में भी देखा जा रहा है... सही मानें तो यही मोदी की सबसे बड़ी ताकत है जिसके दम पर वो साल 2014 से सत्ता में बने हुए हैं... और विपक्ष को लगता है कि मोदी सरकार कभी ईवीएम में छेड़छाड़ करके सत्ता में आती है तो कभी वोट चोरी करके... लेकिन ये बात स्वीकार नहीं कर पाती कि पीएम मोदी वोट नहीं चुराते जनता का दिल चुराते हैं तब जाकर चुनाव जीतते हैं… वैसे आपको क्या लगता है… बिहार की सत्ता में कौन आएगा... मोदी सरकार पर वोट चोरी के आरोप लगाने वाले तेजस्वी और राहुल गांधी या फिर जनता तक योजनाएं पहुंचाने वाली बीजेपी…

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