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तेजस्वी की मेहनत या नीतीश का अनुभव... अगर अभी हों चुनाव तो बिहार में किसकी बनेगी सरकार? सर्वे में आया चौंकाने वाला नतीजा

बिहार चुनाव से पहले राज्य सियासी हलचल तेज है. इस बीच टाइम्स नाऊ नवभारत-जेवीसी के चुनावी सर्वे में एनडीए को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है. सर्वे के अनुसार एनडीए को 136 सीटें, महागठबंधन को 75 और अन्य को छह सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी को 64, जेडीयू को 29 और सहयोगी दलों को छह सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं, 26 सीटों पर कांटे का मुकाबला रहने की संभावना जताई गई है.

Nitish Kumar/ Tejashwi Yadav (File Photo)

बिहार अब पूरी तरह चुनावी मोड में प्रवेश कर चुका है. सत्ताधारी एनडीए से लेकर विपक्षी इंडिया गठबंधन तक सभी दल मैदान में उतर चुके हैं और तैयारियों में पूरी ताकत झोंक रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार पहुंचकर चुनावी शंखनाद कर चुके हैं, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के जरिए जनता से सीधा संपर्क साधने की कोशिश में हैं..इस बीच एक चुनावी सर्वे की रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें दावा किया है कि राज्य में एक बार फिर एनडीए सरकार की वापसी हो सकती है.

एनडीए को मिल सकती हैं 136 सीटें

टाइम्स नाऊ नवभारत और जेवीसी के सर्वे के मुताबिक, अगर बिहार में अभी चुनाव होते हैं तो एनडीए को सबसे ज्यादा फायदा मिलता दिख रहा है. सर्वे के अनुसार एनडीए 136 सीटें हासिल कर सकता है, जबकि महागठबंधन 75 सीटों तक सिमट सकता है. अन्य दलों के खाते में छह सीटें जाने का अनुमान है. वहीं, 26 सीटों पर कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है.

बीजेपी सबसे अधिक सीट मिलने का अनुमान 

वही इस सर्वे की रिपोर्ट में गर पार्टीवार आंकड़ों पर नजर डालें तो बीजेपी को सबसे ज्यादा 64 सीटें सीधे मिलने का अनुमान है. इसके अलावा 17 सीटों पर वह बढ़त बनाए हुए है. जेडीयू 29 सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है, जबकि दो सीटों पर लीड कर रही है. एनडीए के दूसरे दल छह सीटों पर जीत सकते हैं और 18 सीटों पर आगे हैं.

महागठबंधन में आरजेडी को आगे 

महागठबंधन की बात करें तो आरजेडी 37 सीटों पर जीत सकती है और 15 सीटों पर लीड बनाए हुए है. कांग्रेस आठ सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है, जबकि दो सीटों पर आगे है. सीपीआई (एमएल) सात सीटें जीत सकती है और दो सीटों पर लीड में है. गठबंधन के अन्य दल एक सीट पर जीत रहे हैं और तीन सीटों पर आगे हैं.

जाति जनगणना पर जनता की क्या है राय

सर्वे में यह भी पूछा गया कि जाति जनगणना से किसको फायदा मिलेगा. इस पर 47.1 फीसदी लोगों ने एनडीए का नाम लिया, जबकि 37.2 फीसदी ने महागठबंधन को लाभ मिलने की बात कही. वहीं 15.7 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना है कि इससे कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा और स्थिति वैसी ही बनी रहेगी.

बता दें कि बिहार की सियासत हमेशा से अप्रत्याशित मोड़ लेने के लिए जानी जाती है. ऐसे में यह सर्वे भले ही एनडीए की बढ़त दिखा रहा हो, लेकिन असली तस्वीर तो चुनावी मैदान में जनता ही तय करेगी. जाति समीकरण, नेतृत्व की विश्वसनीयता और स्थानीय मुद्दे, यही अंतिम नतीजों पर गहरा असर डालेंगे. फिलहाल इतना तय है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और भी गर्म होने वाली है और हर पार्टी जनता का भरोसा जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकेगी.

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