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Tarapur Election Results 2025 Live: तारापुर सीट पर प्रचंड जीत की ओर सम्राट चौधरी, MLC नहीं अब MLA कहलाएंगे डिप्टी CM!

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA बड़ी जीत की ओर बढ़ता जा रहा है. एक तरह से उसकी महासुनामी चल रही है. वहीं महागठबंध को बुरा प्रदर्शन जारी है. ऐसे में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी तारापुर से बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं.

बिहार में NDA की महासुनामी, चुनाव आयोग के मुताबिक बीजेपी-नीतीश के नेतृत्व वाला गठबंधन करीब 201 सीटों पर आगे चल रही है. ऐसे में जिन सीटों पर सबसे ज्यादा आम लोगों की नजर है वो है मुंगेर की तारापुर विधानसभा सीट जहां से बीजेपी के कद्दावर नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी उम्मीदवार हैं. तारापुर विधानसभा सिर्फ चुनावी एक सीट नहीं, बल्कि परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ी भूमि है. और इस बार वो इस सीट पर बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं. वो आरजेडी के अरूण कुमार से करीब 25 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं. उनके लिए इस बार इलेक्ट्रोरल पॉलिटिक्स आसान नहीं थी. बीजेपी आलाकमान के कहने पर वो चुनावी मैदान में उतरे और रुझानों के अनुसार वो इस बार बाजी मारते दिख रहे हैं.

सम्राट चौधरी के पिता के अलावा उनकी मां भी इस सीट से विधानसभा पहुंच चुकी हैं. बता दें कि मौजूदा वक्त में सम्राट चौधरी विधान परिषद के सदस्य हैं.

तारापुर सीट से बड़ी जीत की ओर सम्राट चौधरी

तारापुर में बहुकोणीय मुकाबले में सम्राट चौधरी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आरजेडी के अरूण कुमार से काफी और निर्णायक वोटों से आगे हो गए हैं. वहीं जन सुराज के संतोष सिंह भी तीसरे नंबर पर चल रहे हैं. 

सम्राट चौधरी की राजनीतिक यात्रा 

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की राजनीतिक यात्रा काफी दिलचस्प रही है. वह हमेशा से विधान परिषद के सदस्य नहीं रहे, बल्कि बीजेपी में आने से पहले वह RJD से 2 बार विधायक बन चुके हैं. सम्राट चौधरी पहली बार साल 2000 में खगड़िया जिले की परबत्ता सीट से चुनाव जीत कर विधायक बने थे, दूसरी बार 2010 में विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने जेडीयू नेता रामानंद प्रसाद सिंह को हराया था. रामानंद परबत्ता सीट से 4 बार विधायक रहे हैं. रामानंद के बेटे संजीव सिंह 2020 में जेडीयू से विधायक बने थे, लेकिन वर्तमान में वह तेजस्वी के साथ हैं और आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. 

प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर लगाया था आरोप

बता दें कि प्रशांत किशोर ने हाल ही में सम्राट चौधरी को निशाना बनाते हुए साल 1995 में 'तारापुर हत्याकांड' का जिक्र किया था और उनकी रिहाई पर सवाल उठाए थे. चुनावी विशेषज्ञ बताते हैं कि तारापुर के चुनावी माहौल से इस केस को जोड़ा गया है. सम्राट के पिता शकुनी चौधरी उस दौरान चुनाव जीतकर विधायक बने थे.

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