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सीट VIP की, उम्मीदवार RJD-कांग्रेस का...बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग डन! जानें किसे क्या मिला

Bihar Chunav Mahagatbandhan Seat Sharing: बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग लगभग-लगभग हो गई है. कहा जा रहा है कि तेजस्वी-लालू के दिल्ली से लौटने के बाद बंटवारे को अंतिम रूप दिया गया है. इस डील के तहत कांग्रेस को उसके दावे से कम सीटें दी गईं हैं. वहीं मुकेश सहनी के साथ भी खेला हो गया है. तमाम वामपंथी दलों को साझा तौर पर कुल 31 सीटें दी गई हैं. हालांकि कुछ सीटों पर तमाम पार्टियों के दावों के कारण इसका ऐलान नहीं हो पाया है.

Bihar Mahagathbandhan Seat Sharing

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर महागठबंधन ने अब तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. वहीं सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है कि लालू-तेजस्वी की पटना वापसी के बाद सीट बंटवारे पर फंसा पेंच अब सुलझा लिया गया है. खबर के मुताबिक तेजस्वी ने अपने घटक दलों के साथ बातचीत के बाद सीटों को लेकर आम सहमति बना ली है, बस ऐलान बाकी है. सूत्रों की मानें तो दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से बातचीत में सीट शेयरिंग फाइनल की गई. इसके तहत आरजेडी को 135, कांग्रेस को 61, वीआईपी को 16 और वामपंथी दलों को 31 सीटें मिली हैं. 

महागठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल!

हालांकि कांग्रेस को उसके दावे से इतर करीब 9 सीटें कम दी गईं है. वो अब तक 70 सीटों पर अपना दावा ठोक रही थी, वहीं राजद का कहना था कि वो इतनी सीटें हारने के लिए नहीं दे सकते. कहा जा रहा है कि सीटों की संख्या से इतर क्षेत्र विशेष, सीटिंग सीट और वोट बैंक वाले सीटों पर कांग्रेस और राजद के अपने-अपने दावे से मामला फिलहाल अटका हुआ है. कहा जा रहा है कि देर शाम तक सीट शेयरिंग पर ऐलान संभव है.

उम्मीदवार कांग्रेस-राजद का, चुनाव चिन्ह मुकेश सहनी का!

सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक महागठबंधन ने मुकेश सहनी की VIP को उनके करीब 30-40 सीटों पर दावे से इतर महज 16 सीटें ही दी हैं. हालांकि इसमें भी सहनी के साथ खेला हो सकता है. कहा जा रहा है कि दी गईं इन सीटों में से आधे से अधिक पर उम्मीदवार कांग्रेस और आरजेडी का होगा, जबकि चुनाव चिह्न वीआईपी का होगा. इसके अलावा उपमुख्यमंत्री के नाम पर भी सहमति नहीं बन पाई है. इस पर फैसला सरकार बनने से पहले लिया जाएगा. हालांकि ये करीब-करीब स्पष्ट होता दिख रहा है कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के चेहरे होंगे और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. कांग्रेस भी इस पर मानती हुई दिख रही है, हालांकि वो अब भी CWC का हवाला दे रही है.

क्यों फंसा है अब तक पेंच?

आपको बताएं कि बिहार विधानसभा की कई ऐसी सीटें हैं जिन्हें आरजेडी और कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट कहती आई है, जिनमें कई सीटिंग सीट है, कई में दूसरे नंबर पार्टी रही थी तो कई ऐसे इलाके हैं जहां दोनों दलों को लगता है कि उनका वोट बैंक है, उम्मीदवारों का दावा दमदार है इसलिए ये सीट उन्हें ही मिलनी चाहिए. इसी को देखते हुए कुछ सीटों पर विशेषाधिकार को लेकर पेंच फंसा हुआ है. यानी की आरजेडी के कब्जे वाली मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस अपना दावा ठोक रही है. वहीं, कांग्रेस के कब्जे वाली कुछ सीटों पर आरजेडी को संगठन के दबाव का प्रेशर आ रहा है और उनके नेता वहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं. वामपंथी दलों की कुछ सीटों पर तीनों दल अपना दावा कर रहे हैं.

दिल्ली में हुई महागठबंधन की बैठक

सीट बंटवारे पर भारी गहमागहमी के बीच राजद के नेता लालू परिवार की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे थे. यहां उनकी राहुल-खड़गे की मौजूदगी में बातचीत की संभावना थी, लेकिन दिल्ली में हुई महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल नहीं हुए. कहा जा रहा है कि कांग्रेस इसे बिहार कांग्रेस के स्तर तक ही रखना चाह रही थी क्योंकि उसके दावे के अनुसार सीटें मिल नहीं रही थीं. अगर आलाकमान भी इसमें शामिल होता तो उनके लिए असहज स्थिति हो सकती थी. हालांकि माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव से फोन पर बात हुई है. हां, तेजस्वी यादव की मुलाकात कांग्रेस के संगठन महासचिव और राहुल गांधी के सबसे करीबी नेता केसी वेणुगोपाल से जरूर हुई है.

बिना सीट बंटवारे के राजद ने बांटे सिंबल!

लालू यादव दमखम वाले नेता माने जाते हैं. गठबंधन को वो अपने हिसाब से चलाने के लिए जाने जाते हैं. लोकसभा चुनाव में भी सीट बंटवारे के ऐलान से पहले ही उन्होंने पार्टी का सिंबल बांट दिया था. जब पूर्णिया से पप्पू यादव दावा कर रहे थे, कांग्रेस आलाकमान पर इस सीट को अपने कोटे में लेने का दबाव था तब उन्होंने बीमा भारती को अपने निवास पर बुलाकर सिंबल दे दिया था. इसके बाद दावा ही खत्म हो गया था.

कुछ यही हो रहा है बिहार चुनाव में भी. अभी तय भी नहीं हो पाया है कि कौन सी पार्टी किस सीट से चुनाव लडे़गी, लेकिन आरजेडी और माले ने अपने कुछ उम्मीदवारों को पार्टी के सिंबल पहले ही बांट दिए. अब इन्हें पटना  वापस बुलाया गया है.कहा जा रहा है कि शायद सीट बंटवारे के सिलसिले में इन्हें राजधानी में मौजूद रहने के लिए कहा गया है.

NDA में हो चुकी है सीट शेयरिंग

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने सीट शेयरिंग फाइनल कर दिया है. इस फॉर्मूले के तहत भाजपा और जद(यू) 101-101 सीटों, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटों, जबकि आरएलएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

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