Advertisement

‘अभी तो 25 सीटें हैं, अब 5 पर आओगे…’, तेजस्वी पर फिर भड़के तेज प्रताप ने, कहा- पूरा बिहार हंस रहा है

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की हार ने लालू परिवार के अंदरूनी विवाद को उजागर कर दिया है. तेज प्रताप यादव ने अपने भाई तेजस्वी यादव और परिवार के कुछ सदस्यों को निशाने पर लिया है और सवाल उठाया है कि 'सबको निकालोगे तो रहेगा कौन?'

Tej Pratap Yadav/ Tejashwi Yadav (File Photo)

Lalu Family Controversy: बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की हार ने केवल पार्टी के प्रदर्शन को प्रभावित नहीं किया, बल्कि लालू यादव परिवार के अंदर चल रही उथल-पुथल और घमासान को भी खुलकर उजागर कर दिया है. चुनाव परिणामों के बाद पार्टी में असंतोष और मनमुटाव की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. अब तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को फिर से निशाने पर लिया है. उनका आरोप है कि पार्टी और परिवार में गलत लोगों की मौजूदगी के कारण आरजेडी लगातार गिरावट की ओर बढ़ रही है.

तेज प्रताप ने किया लंबा-चौड़ा पोस्ट 

तेज प्रताप ने इस बार सीधे तौर पर रोहिणी आचार्य के पार्टी और परिवार से नाता तोड़ने पर सवाल उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इंस्टाग्राम पर एक डिटेल पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने पूछा- 'सबको निकालोगे तो रहेगा कौन?' यह सवाल अब केवल परिवार का नहीं बल्कि जनता के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है. पोस्ट में तेज प्रताप ने अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल के इंस्टा अकाउंट पर लिखा कि जब उन्हें आरजेडी से बाहर किया गया था, तो लोग सोचते थे कि 'तेज प्रताप तो फ़ालतू है, इससे क्या फ़र्क पड़ेगा?' उन्होंने बताया कि उस समय उनकी आवाज़ दबाई गई, लेकिन वे पूरी मेहनत और लगन के साथ पार्टी में जुड़े रहे. तेज प्रताप का कहना है कि जब उन्होंने बाहर जाकर आरजेडी की वास्तविक स्थिति जनता के सामने रखी, तभी लोग समझ पाए कि पार्टी ने क्या खोया है.

तेज प्रताप ने साझा किया आँकड़ा 

तेज प्रताप ने आंकड़े भी साझा किए. 2015 में आरजेडी के पास 80 सीटें थीं, जो 2020 में घटकर 75 रह गईं और हालिया चुनाव में केवल 25 सीटों पर टिक गई है. उनका कहना है कि इस तरह की राजनीति जारी रही तो यह गिरावट और भी तेज होगी और 25 से 5 सीटों तक आना मुश्किल नहीं है. उन्होंने कहा कि यह गिरावट केवल उनके द्वारा नहीं बल्कि जनता द्वारा देखी जा रही है. 'आज वही लोग पूछ रहे हैं कि सबको निकालोगे तो रहेगा कौन? अफसोस वही सवाल जनता पूछ रही है कि पार्टी बची कहाँ है,' तेज प्रताप ने लिखा. उन्होंने परिवार के भीतर अपने अलगाव का भी जिक्र किया और कहा कि पहले उन्हें और फिर उनकी बहन रोहिणी को बाहर किया गया. उनका कहना है कि पूरा बिहार यह देखकर हैरान था कि जिस परिवार ने लोगों को हंसाया और रुलाया, वही अब खुद मज़ाक का पात्र बन गया है.

राजनीति चरित्र की होती है: तेज प्रताप 

तेज प्रताप का मानना है कि आरजेडी अब लालू जी की विचारधारा वाली पार्टी नहीं रही. उनका आरोप है कि पार्टी में सिद्धांत की जगह चाटुकार और समर्पण की जगह षड्यंत्र ने ले ली है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी किसी को बाहर नहीं किया, बल्कि उन्हें उनके ही परिवार और करीबी लोगों ने दूर किया. तेज प्रताप का कहना है कि राजनीति कुर्सी की नहीं, बल्कि चरित्र की होती है. जानकारों का मानना है कि लालू परिवार के अंदर यह मनमुटाव और पार्टी की हार ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है. जनता अब यह देखने के लिए उत्सुक है कि क्या तेज प्रताप अपने आरोपों और चेतावनी के साथ आरजेडी में बदलाव ला पाएंगे या फिर पार्टी और परिवार की लड़ाई और गहराती जाएगी.

बताते चलें कि बिहार की राजनीति में अब सवाल यही है कि अगर परिवार के भीतर ही विवाद और आरोप-प्रत्यारोप जारी रहे, तो भविष्य में आरजेडी की स्थिति कितनी मजबूत रह पाएगी. तेज प्रताप का यह बयान सिर्फ परिवार के लिए नहीं बल्कि पार्टी और बिहार की जनता के लिए भी चेतावनी जैसा है.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →