बिहार में मखाना किसानों के साथ तालाब में उतरे राहुल गांधी, जानीं उनकी समस्याएं
राहुल गांधी ने मखाना किसानों के साथ तालाब में उतरकर उनकी परेशानियां सुनीं. लेकिन क्या उनकी इस कोशिश से किसानों की समस्याओं का समाधान हो पाएगा? जानिए क्या बोले किसानों ने और क्या रहेगा इस दौरे का असर!
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी वोटर अधिकार यात्रा के तहत मखाना किसानों से सीधे मिलने के लिए तालाब में उतरे. उनका उद्देश्य था किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझना और उनकी आवाज़ को राजनीतिक मंच तक पहुँचाना. यह कदम दिखाता है कि वे सिर्फ चर्चा या फोटो-ऑप के लिए नहीं, बल्कि असली मुद्दों को जानने के लिए किसानों के बीच पहुंचे.
मखाना किसानों की मुख्य समस्याएं क्या हैं?
किसानों ने कई समस्याओं का जिक्र किया:
- मखाना का सही मूल्य न मिलना
- तालाबों में पानी की कमी
- तकनीकी और आर्थिक मदद की कमी
कई किसानों ने बताया कि मौसम और सिंचाई की मुश्किलों के कारण मखाना की पैदावार प्रभावित होती है, जिससे उनकी आमदनी कम होती है.
राहुल गांधी ने किसानों संग की बात
राहुल गांधी ने किसानों की बात ध्यान से सुनी और उनकी परेशानियों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को सरकार के सामने रखा जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों की मेहनत का सही मोल मिले. साथ ही उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज़ को सुना जाएगा.
कटिहार के कोढ़ा में यात्रा का पड़ाव
यात्रा जब कटिहार के कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र में पहुंची, तब वे स्थानीय मखाना किसानों से मिले. इस दौरान वे किसानों के साथ तालाब में भी उतरे और मखाना निकाला. इस क्रम में उन्होंने किसानों से मखाना के तैयार होने की पूरी प्रक्रिया की भी जानकारी ली. राहुल ने किसानों की समस्याओं को भी जाना. इस क्रम में उनके साथ बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम भी थे.
इस दौरे से क्या संदेश मिलता है?
यह दौरा यह स्पष्ट करता है कि नेताओं को सिर्फ शहरों और शहरों के इवेंट्स तक सीमित नहीं रहना चाहिए. किसानों के बीच जाकर समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए कदम उठाना ही वास्तविक नेतृत्व है.
राहुल गांधी का जनसंपर्क अभियान जारी
राहुल गांधी यात्रा के दौरान लगातार लोगों से मिल रहे हैं. भीड़ को देखते हुए प्रशासन और पुलिस पहले से ही पूरी तरह से अलर्ट हैं. वोटर अधिकार यात्रा के सातवें दिन की शुरुआत आज नवगछिया से हुई है. यह यात्रा आज कटिहार से डुमर, भोला पासवान चौक, कोढ़ा होते हुए हसनगंज रोड, टिलास गाँव होते हुए पूर्णिया पहुंचेगी.
क्या किसानों की समस्याएं जल्द हल होंगी?
भले ही राहुल गांधी ने किसानों की समस्याएं सुनीं और उनका समर्थन जताया, लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार इनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएगी. किसानों की उम्मीदें और नेताओं की जिम्मेदारी अब आने वाले समय में सामने आएगी.
क्या यह दौरा ग्रामीण राजनीति पर असर डालेगा?
इस दौरे से स्पष्ट संदेश गया कि ग्रामीण और किसान मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. यह राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वोटर अधिकार यात्रा में किसानों की समस्याओं और उनकी मांगों को सामने लाया गया.
बता दें कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा 17 अगस्त को बिहार के सासाराम से शुरू हुई है. इस यात्रा में इंडिया ब्लॉक में शामिल राजद के नेता तेजस्वी यादव सहित घटक दलों के सभी नेता भी शामिल हैं. 16 दिन की यह यात्रा लगभग 20 जिलों से होकर गुजरेगी और 1,300 किलोमीटर का सफर पूरा करेगी. एक सितंबर को पटना में बड़ी रैली के साथ यात्रा का समापन होगा.
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