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पासवान और कुशवाहा ने जिन 50 सीटों पर JDU को दिया था घाव, इस बार नीतीश की पार्टी कर रही खास तैयारी

जदयू ने इस बार अपनी 50 विधानसभा सीटों के लिए खास रणनीति बनाई है. इन सीटों को जीतने के लिए पार्टी ने सभी पदाधिकारियों व प्रकोष्ठों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.

इस बार बिहार में जदयू उन सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है जिनपर पिछली बार उसके उम्मीदवारों की साजिश तथा भीतरघाट के चलते हार हुई थी. पार्टी ने कई स्तरों पर समीक्षा के बाद इन सीटों की पहचान की है. 

पासवान-कुशवाहा दोनों NDA के घटक दल 

2020 के विस चुनाव में जदयू के लिए अपने ही पुराने सहयोगी चिराग पासवान की लोजपा और उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा ने कई सीटों पर हार का रास्ता प्रशस्त किया. दोनों ने जदयू के आधारवोट में सेंधमारी की थी. इससे जदयू को नुकसान हुआ था. ऐसी सीटों की संख्या 40 से अधिक है. इस समय बदली परिस्थिति में चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा दोनों जदयू के सहयोगी दल हैं और एनडीए के घटक दल हैं. ऐसे में आधारवोट में सेंधमारी का तो खतरा नहीं है, लेकिन इन सीटों पर पुराने सहयोगियों के बागी होकर मैदान में उतरने का खतरा अवश्य है. लिहाजा, पार्टी इनके लिए अपने स्तर से कोई कोताही नहीं करना चाहती.

हर बूथ पर लक्ष्य से अधिक लोग तैयार 

पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा व प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने संगठन की बैठक में सभी सीटों को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों को टास्क सौंपा. इसके बाद प्रदेश कमेटी ने उन सीटों की पहचान शुरू की. पार्टी ने हर बूथ पर 10-10 लोगों को तैयार करने की योजना पर काम किया, लेकिन बाद में इसका स्वत: विस्तार हो गया. पार्टी का दावा है कि हर बूथ पर उसने लक्ष्य से अधिक लोग तैयार किये हैं. हर प्रकोष्ठ की अपनी तैयारी है ताकि एनडीए जीत सुनिश्चित की जाए.

पिछला विधानसभा चुनाव हमारे लिए बीती बात 

प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि हमने कुछ सीटों की पहचान कर वहां अधिक ध्यान देने की योजना बनायी है. पार्टी कार्यकर्ताओं को कई जिम्मेदारी दी गयी है. यहां बूथ मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. बूथ के हर लोगों से संपर्क किया जा रहा है. यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदाताओं से बेहतर समन्वय स्थापित कर काम करने को कहा गया है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी कहते हैं कि पिछला विधानसभा चुनाव अब हमारे लिए बीती बात है. हम आगे बढ़ चुके हैं. पार्टी हर सीट पर मेहनत कर रही है. कुछ सीटों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और हम ऐसा कर भी रहे हैं. इस बार सहयोगी दलों के साथ एनडीए एकजुट है. कहीं कोई दिक्कत नहीं, कोई विवाद नहीं सब मिलकर लड़ेंगे. हमारी सम्मलित मेहनत का लाभ पूरे एनडीए को होगा. परिणाम एनडीए के पक्ष में होगा. सबकी सीटें बढ़ेंगी.

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