बिहार में मजदूरों पर मेहरबान नीतीश सरकार, न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का ऐलान, 1 अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें
बिहार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया है. बिहार सरकार ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ा दी है. अब ये नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो जाएंगी.
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बिहार सरकार ने श्रमिकों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. श्रम संसाधन विभाग ने न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने की अधिसूचना जारी की है. यह बढ़ोतरी श्रमिकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है. नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगी. इस फैसले से लाखों श्रमिकों को फायदा होगा, खासकर ग्रामीण और शहरी इलाकों में काम करने वालों को. सरकार का कहना है कि महंगाई के दौर में यह कदम श्रमिकों के लिए राहत लेकर आएगा.
अब प्रतिदिन कामगारों को मिलेंगे 660 रूपए
श्रम संसाधन विभाग की अधिसूचना के अनुसार, बिहार में काम करने वाले श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में काफी इजाफा किया गया है. अतिकुशल कामगारों को अब प्रतिदिन 660 रुपये मिलेंगे, जो पहले से अधिक है. कुशल कामगारों की मजदूरी 541 रुपये प्रतिदिन तय की गई है. अर्धकुशल श्रमिकों को 444 रुपये और अकुशल मजदूरों को 428 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे. ये दरें सभी क्षेत्रों-जैसे निर्माण, कृषि, उद्योग-में लागू होंगी. विभाग ने सभी नियोक्ताओं को निर्देश दिया है कि वे इन दरों का पालन करें. उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मजदूरों के लिए वरदान साबित होगा नीतीश सरकार का यह फैसला
यह बढ़ोतरी श्रमिक परिवारों के लिए वरदान साबित होगी. महंगाई बढ़ने से राशन, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च ज्यादा हो रहा था. अब अधिक मजदूरी से वे बेहतर जीवन जी सकेंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे श्रमिकों का मनोबल बढ़ेगा और काम की गुणवत्ता सुधरेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां मजदूरी कम होती थी. वहां यह बदलाव बड़ा असर डालेगा. सरकार ने वादा किया है कि समय-समय पर मजदूरी की समीक्षा की जाएगी.
सरकार गरीब और मजदूर वर्ग को दे रही प्राथमिकता
नीतीश सरकार इस समय श्रमिकों के हित पर काम कर रही है. इसके पहले भी कई योजनाएं शुरू की गईं, जैसे दुर्घटना बीमा और आवास सुविधा. इस फैसले से साबित होता है कि सरकार गरीब और मजदूर वर्ग को प्राथमिकता दे रही है. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अधिसूचना सभी जिलों में प्रचारित की जा रही है. श्रमिकों को जागरूक करने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. यह कदम बिहार की आर्थिक प्रगति को गति दे सकता है.
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