बिहार चुनाव को लेकर NDA में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय, JDU बड़े भाई की भूमिका में, BJP की घटी सीट, जानें गणित
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक की बड़ी खबर सामने आ रही है. NDA में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है. सूत्रों के मुताबिक JDU बड़े भाई की भूमिका में रहेगी. वहीं BJP का कोटा घटा दिया गया है. सहयोगियों की सीटें पर भी आम सहमति बनने की संभावना है. जानें किसके खाते में कितनी सीटें जा रही हैं.
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बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा दिख रहा था. वैसे तो सीटों को लेकर दोनों गठबंधनों में सबकुछ ठीक होने के दावे भले किए जा रहे हों, लेकिन सीटों की घोषणा अब तक नहीं हो पाई है. हालांकि कहा जा रहा कि एनडीए में सीट बंटवारे के फार्मूले पर लगभग सहमति बन गई है. बिहार से सूत्रों के हवाल से सामने आ रही खबरों के मुताबिक कुल 243 सीटों में से 203 सीटें जेडीयू और बीजेपी आपस में बांटेंगी, वहीं बाकी की बची 40 सीटें सहयोगी दलों के खाते में जाएंगी. NMF News के सूत्र के मुताबिक सीट शेयरिंग का तरीका और फॉर्मूला लोकसभा वाला अपनाया जाएगा. यानी कि किसी को सीटों से दिक्कत है तो उसे ऊपरी सदन यानी कि विधानपरिषद के जरिए एडजस्ट किया जाएगा.
बड़े भाई की भूमिका में जेडीयू
लोकसभा चुनाव से इतर विधानसभा चुनाव में जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में नजर आएगी और उसे बीजेपी से एक सीट ज्यादा मिलने की संभावना है. कहा जा रहा है कि सीएम नीतीश की अगुवाई में जेडीयू 102 सीटों, जबकि भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं अगर चिराग पासवान की पार्टी LJPR की बात करें तो उन्हें 24 सीटें दिए जाने की संभावना है. जबकि जीतन राम मांझी की हम पार्टी के खाते में 10 सीटें, और उपेंद्र कुशवाहा की RLM के खाते में 6 सीटें जाने की संभावना है.
कहां होगा सीटों का एडजस्टमेंट!
NMF News के सूत्र बता रहे हैं कि लगभग यही फॉर्मूला है जिसके इर्द-गिर्द ही बात होगी और मुहर भी लगेगी और सरकार बनने के बाद MLC में एडजस्ट करने की बात कही जाएगी. यही कुछ लोकसभा के दौरान भी बात की गई थी जब उपेंद्र कुशवाहा को काराकाट से हार के बाद राज्यसभा भेजा गया वहीं, विनोद तावड़े ने तब 1 MLC सीट भी देने का वादा किया था.
अब बड़ा सवाल ये है कि लोकसभा चुनाव में 100% स्टाइक रेट यानी की 5 की 5 सीटें जीतकर फुल ऑत्मविश्वास में नजर आ रहे, ज्यादा सीटों की मांग कर रहे चिराग पासवान इस प्रस्ताव से संतुष्ट होंगे या फिर कोई विकल्प तलाश करेंगे, हालांकि इसकी संभावना कम है.
क्या होगा बिहार NDA में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला?
कुल विधानसभा सीटें: 243
जेडीयू 102
बीजेपी 101
LJPR 24
HAM (S) 10
RLM 06
क्या होगा चिराग पासवान का रुख?
हालांकि NDA में सीट शेयरिंग को लेकर पेंच इतनी आसानी से नहीं सुलझने वाला है. वैसे तो कहा जा रहा है 203+40 का फॉर्मूला तय हो गया है लेकिन असली मामला चिराग पासवान पर अटक रहा है. बीते दिनों उन्होंने बगावती सुर अपनाए थे. बीते दिनों उन्होंने 25 से 30 सीटों की मांग रखी थी और कई खास विधानसभा क्षेत्रों को लेकर सख्त रुख अपनाया था.
इसी बीच लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी इशारों ही इशारों में अपने पिता रामविलास पासवान के कथनों को उद्धृत करते हुए एक्स पर पोस्ट पर लिखा, "पापा हमेशा कहा करते थे - "जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत. जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो."
जीतन राम मांझी का कविता के जरिए संदेश
वहीं HAM भी कुछ संकेत दे रही है. एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक कविता शेयर की है. माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने इस कविता के जरिए अपनी पार्टी के लिए 15 सीटों की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, 'हम' वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे." दरअसल, जीतनराम मांझी इससे पहले भी सम्मानजनक सीटों की मांग करते रहे हैं. इस बीच, उन्होंने कविता के जरिए सीटों की संख्या की ओर इशारा किया है.
बिहार NDA में बैठकों का दौर जारी
इससे पहले के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की थी और कहा जाता है कि उस समय सीट बंटवारे को लेकर ही सभी नेताओं में चर्चा हुई थी.
बता दें कि चुनाव आयोग ने छठ पूजा के बाद चुनाव की तारीखें तय की हैं. पहले चरण में बिहार में छह नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा और मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी. इससे पहले चुनाव आयोग की टीम के साथ बैठक में जदयू और राजद समेत कई राजनीतिक दलों ने चुनाव की तारीखें छठ पूजा के बाद रखने का आग्रह किया था.
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