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आरजेडी को चुनौती देगी जनशक्ति जनता दल... लालू के बड़े 'लाल' तेज प्रताप यादव ने नई पार्टी का किया ऐलान, जानें क्या है चुनाव चिन्ह

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने नई पार्टी जनशक्ति जनता दल का ऐलान कर हलचल मचा दी है. उनका चुनाव चिह्न ब्लैक बोर्ड तय हुआ है. सोशल मीडिया पोस्टर में उन्होंने सामाजिक न्याय और संपूर्ण बदलाव का नारा दिया है और दावा किया है कि उनकी पार्टी बिहार के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित होगी.

Source: X/ @TejYadav14

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए अब महज दो से तीन महीने का समय बचा है. ऐसे में सत्ताधारी एनडीए के विजय रथ को रोकने के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लगातार मेहनत कर रहे हैं. इसमें उन्हें कांग्रेस का भी पूरा साथ मिल रहा है. इसी बीच विपक्ष के लिए एक नई चुनौती बनकर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव सामने आए हैं. उन्होंने दमदार राजनीतिक वापसी करते हुए अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ के गठन का ऐलान किया है. सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में उन्होंने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी सार्वजनिक किया है.

बिहार की राजनीति में हलचल तेज

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सबको चौंका दिया है. उन्होंने अपनी पार्टी का नाम 'जनशक्ति जनता दल' रखा है और चुनाव चिह्न 'ब्लैक बोर्ड' रखा गया है. सोशल मीडिया पर जारी किए गए पोस्टर में तेज प्रताप यादव की तस्वीर के साथ लिखा गया है की, 'सामाजिक न्याय, सामाजिक हक और संपूर्ण बदलाव.' पोस्टर में यह भी लिखा गया है, 'जन-जन की शक्ति, जन-जन का राज, बिहार का विकास करेंगे तेज प्रताप.' इसके साथ ही तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी से जुड़ने के लिए एक मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक किया है. उनका कहना है कि उनकी पार्टी बिहार के संपूर्ण विकास के लिए पूरी तरह समर्पित होगी. वे राज्य में नई व्यवस्था लाने और बड़े बदलाव करने का दावा कर रहे हैं. तेज प्रताप का कहना है कि वे लंबी राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं और आने वाला समय बिहार की राजनीति में उनकी ताकत को साबित करेगा.

तेज प्रताप की राजनीतिक यात्रा

तेज प्रताप यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से की थी. महागठबंधन सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनने का मौका मिला था. लेकिन उनकी राजनीतिक यात्रा हमेशा सुर्खियों और विवादों से घिरी रही. हाल ही में सोशल मीडिया पर किए गए एक विवादित पोस्ट की वजह से उन्हें आरजेडी और परिवार से उनके पिता लालू यादव ने निकाल दिया था. इस पोस्ट में निजी रिश्तों का खुलासा हुआ था, जिसके बाद पार्टी में हलचल मच गई. तेज प्रताप ने सफाई देते हुए दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हुआ था और बाद में उन्होंने पोस्ट डिलीट भी कर दिया. लेकिन इस विवाद ने उनकी राजनीतिक जमीन को हिला दिया. तेज प्रताप का करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. कई बार वे अपने छोटे भाई और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से मतभेदों के कारण सुर्खियों में आए हैं. यही कारण है कि अब उन्होंने अपनी अलग राह चुन ली है.

पांच पार्टियों का गठबंधन

जानकारी देते चलें कि इससे पहले अगस्त में तेज प्रताप यादव ने पांच छोटी पार्टियों के साथ मिलकर गठबंधन बनाने का ऐलान किया था. इनमें विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP), भोजपुरिया जन मोर्चा (BJM), प्रगतिशील जनता पार्टी (PJB), वाजिब अधिकार पार्टी (WAP) और संयुक्त किसान विकास पार्टी शामिल हैं. तेज प्रताप ने इन दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि यह गठबंधन सामाजिक न्याय, अधिकार और बिहार के संपूर्ण विकास को आगे बढ़ाएगा. उनका कहना था, 'मैं अपनी राह खुद तय करूंगा और बिहार में सामाजिक बदलाव लाऊंगा.' इसके साथ ही उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों को खुला न्योता भी दिया था कि उनके गठबंधन के साथ जुड़कर चुनाव लड़े. 

महुआ से चुनाव लड़ेंगे तेज प्रताप 

तेज प्रताप यादव ने यह भी घोषणा की है कि वे महुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. वे 2020 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इसके बाद आरजेडी ने उन्हें हसनपुर से उम्मीदवार बनाया था. अब एक बार फिर वे महुआ से अपनी किस्मत आजमाने को तैयार हैं. तेज प्रताप का कहना है कि अगर जनता उन्हें मौका देती है तो वे राज्य के विकास के लिए काम करेंगे. उन्होंने राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और जयप्रकाश नारायण के सपनों को पूरा करने का भी वादा किया है.

आरजेडी के लिए नई चुनौती

तेज प्रताप यादव का यह कदम सीधे तौर पर आरजेडी के लिए चुनौती बन सकता है. अगर वे चुनाव में कुछ सीटें जीतने में कामयाब होते हैं तो एनडीए को रोकने की रणनीति पर असर पड़ सकता है. पिछली बार सीमांचल की कुछ सीटों पर आरजेडी को बड़ा झटका लगा था. इस बार भी तेज प्रताप का यह नया राजनीतिक सफर महागठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

ऐसे में तेज प्रताप यादव ने नई पार्टी बनाकर साफ कर दिया है कि वे अपने दम पर बिहार की राजनीति में पहचान बनाना चाहते हैं. उनके इस कदम से राज्य की राजनीति और ज्यादा दिलचस्प हो गई है. अब देखना होगा कि जनता का कितना भरोसा उन्हें मिलता है और क्या वे वाकई बिहार के राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव ला पाएंगे.

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