'JDU अब ललन सिंह चला रहे…', राघोपुर सीट से नामांकन कर तेजस्वी यादव ने साधा CM नीतीश पर निशाना, लालू-राबड़ी भी रहे मौजूद
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट से बुधवार को नामांकन दाखिल किया. दोपहर 1:20 बजे हाजीपुर समाहरणालय पहुंचे, उनके साथ लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती भी मौजूद रहीं. जबकि महागठबंधन में कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे को लेकर अभी भी तनातनी जारी है.
Follow Us:
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में चल रही हलचल के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट से बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया. दोपहर लगभग 1:20 बजे वे हाजीपुर समाहरणालय परिसर पहुंचे, उनके साथ पार्टी सुप्रीमो और उनके पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी भी मौजूद रहीं. इस मौके पर उनकी बहन मीसा भारती भी उनके साथ थीं. इस सबके के बीच महत्वपूर्ण बात यह है कि महागठबंधन में अभी भी कांग्रेस और आरजेडी के बाद सीट बंटवारे को लेकर तनातनी जारी है.
राघोपुर सीट बनी तेजस्वी की परंपरागत सीट
राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव ने पहले भी दो बार जीत दर्ज की है, साल 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में. इस बार भी उनके नामांकन के समय समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी, जो उनकी लोकप्रियता का सबूत थी. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव अब हर दिन कम से कम 15 चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. और पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में माहौल तैयार करते दिखाई देंगे. वे सिर्फ आरजेडी के नहीं बल्कि महागठबंधन के सभी सहयोगी दलों के बीच बिहार में सबसे लोकप्रिय चेहरे हैं.
CM नीतीश पर साधा निशाना
नामांकन करने के बाद तेजस्वी यादव ने केंद्र और बिहार सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा दोनों सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है. उन्होंने आगे कहा, 'अब जेडीयू नीतीश कुमार नहीं ललन सिंह, संजय झा और विजय चौधरी चला रहे हैं. जेये तीनों नेता भाजपा के हाथों बिक गए हैं और इन्होंने नीतीश कुमार को बर्बाद कर दिया है.'
महागठबंधन में सीट बंटवारा अभी उलझन भरा
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. कांग्रेस पार्टी 60 से अधिक सीटों की मांग कर रही है, जबकि राजद 55 सीटें देने के लिए तैयार है. इसके बावजूद गठबंधन में शामिल अन्य दल अपने कुछ प्रत्याशियों को पार्टी का सिंबल भी दे रहे हैं, ताकि चुनावी ताकत और मजबूत हो सके और उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल करे पाएं.
तेजस्वी यादव की चुनावी रणनीति
आरजेडी और घटक दलों के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि तेजस्वी यादव का प्रचार उनके अपने विधानसभा क्षेत्रों में होना चाहिए. इसी रणनीति के तहत नेता प्रतिपक्ष अधिकतम विधानसभा क्षेत्रों में जाकर अपने दल और गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेंगे. इससे न केवल राजद बल्कि महागठबंधन के अन्य दलों को भी फायदा मिलेगा. हाजीपुर समाहरणालय परिसर में माहौल साफ दिखा कि तेजस्वी यादव का नामांकन सिर्फ एक औपचारिक कदम नहीं, बल्कि चुनावी जंग में एक जोश और ऊर्जा का प्रतीक है. उनके समर्थकों की भीड़ और उत्साह इस बात का संकेत दे रहा है कि इस बार राघोपुर सीट पर मुकाबला रोचक होने वाला है.
बताते चलें कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर 6 और 11 नवंबर को मतदान होने हैं जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी. तब जाकर पता चलेगा कि जनता के बीच तमाम वादें करने वाले सियासी दलों में किसका जादू चलेगा और जनता किसे बिहार की मुखिया की कुर्सी पर विराजमान करेगी.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement