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BJP में शामिल हुईं मैथिली ठाकुर, दरभंगा की इस सीट से टिकट मिलना तय! विक्ट्री साइन से दिया बड़ा इशारा

मैथिली ठाकुर की गायकी को लोग काफी पसंद करते हैं. सोशल मीडिया पर भी उनका बड़ा फैन बेस है. BJP बिहार में मैथिली के इसी फैन बेस को वोटों में तब्दील करना चाहती है.

बिहार चुनाव में BJP के साथ नए चेहरे जुड़ते जा रहे हैं. पहले भोजपुरी गायक पवन सिंह और अब लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने BJP जॉइन कर ली है. उन्होंने बिहार BJP प्रमुख दिलीप जायसवाल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली. BJP में शामिल होते ही मैथिली ठाकुर ने विक्ट्री साइन बनाकर चुनाव लड़ने की ओर बड़ा इशारा किया. 

माना जा रहा है BJP मैथिली ठाकुर को दरभंगा की अलीनगर सीट से टिकट दे सकती है. इस सीट पर मौजूदा समय में BJP के मिश्रीलाल यादव विधायक हैं. हालांकि तीन दिन पहले ही मिश्रीलाल ने BJP से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद उनका टिकट कटना लगभग-लगभग तय है और पार्टी अलीनगर में नया, यंग और लोकप्रिय चेहरे को मौका देने के मूड में है. 

विनोद तावड़े से मुलाकात के बाद अटकलें तेज

हाल ही में मैथिली ठाकुर ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संगठन महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद ही BJP में शामिल होने की ओर इशारा मिल गया था. साथ-साथ अलीनगर से चुनाव लड़ने की चर्चा भी तेज हो गई थी. 

BJP में शामिल होने के बाद मैथिली ठाकुर ने क्या कहा? 

BJP में शामिल होने के बाद गायिका मैथिली ठाकुर ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी और बिहार के CM नीतीश कुमार से बेहद प्रभावित हूं. उनसे प्रेरणा लेते हुए, मैं उनका समर्थन करने के लिए यहां हूं. मेरा मानना ​​​​नहीं है कि किसी राजनीतिक दल में शामिल होने से आप राजनेता बन जाते हैं. मैं यहां समाज की सेवा करने और उनकी विचारधारा को हर शख्स तक ले जाने के लिए हूं. मैं मिथिला की बेटी हूं, मेरी आत्मा मिथिला में बसती है. चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा, पार्टी जो आदेश देगी, मैं वही करूंगी. 

क्या वोटों में तब्दील होगी मैथिली की लोकप्रियता? 

मैथिली ठाकुर की गायकी को लोग काफी पसंद करते हैं. भक्ति और संस्कृति से जुड़े गाने और अंदाज के चलते मैथिली का सोशल मीडिया पर भी बड़ा फैन बेस है. BJP बिहार में मैथिली के इसी फैन बेस को वोटर्स में तब्दील करना चाहती है. इसके साथ-साथ मैथिली BJP के चुनाव प्रचार अभियान का बड़ा चेहरा भी बन सकती हैं.

विनोद तावड़े ने दिया था टिकट मिलने का संकेत 

हालांकि BJP की ओर से मैथिली को कैंडिडेट बनाने की चर्चा के बाद वह लोगों के निशाने पर भी आई. सोशल मीडिया पर एक थ्योरी चल रही है कि, मैथिली दिल्ली में रहती हैं ऐसे में वह बिहार के विकास पर क्या ध्यान देंगी? हालांकि चुनाव लड़ने पर मैथिली ने कहा था कि,  दिल्ली में काम के लिए रहती हूं. मेरी आत्मा बिहार से जुड़ी है. बिहार रहकर लोगों की सेवा करना चाहती हूं, विकास में योगदान देना चाहती हूं. 

वहीं, मैथिली ठाकुर से मुलाकात के बाद विनोद तावड़े ने भी सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए उनके चुनाव लड़ने की ओर बड़ा इशारा किया था. तावड़े ने लिखा था कि, 1995 में लालू राज आने पर जो परिवार बिहार छोड़ गए थे, उस परिवार की बिटिया मैथिली ठाकुर अब बदलते बिहार की रफ्तार देखकर वापस आना चाहती हैं. अगर मैथिली ठाकुर को टिकट मिलता है, तो यह पहली बार होगा जब बिहार की लोक-संस्कृति से जुड़ा कोई कलाकार या गायिका चुनाव लड़ेगा. 

कौन हैं मैथिली ठाकुर? 

25 साल की मैथिली दरभंगा की रहने वाली हैं. मैथिली बिहारी और मिथिलांचल की संस्कृति का बड़ा चेहरा हैं. वह बिहार की मशहूर लोकगायिका हैं. मैथिली की पॉपुलैरिटी देश ही नहीं विदेशों तक हैं. वह विदेशों में भी कॉन्सर्ट करती हैं. वह बचपन से ही गाने की शौकीन हैं, क्योंकि घर में मैथिली को हमेशा क्लासिकल म्यूजिक का माहौल मिला. पिता रमेश ठाकुर और मां भारती ठाकुर दोनों संगीतकार हैं. दोनों बतौर म्यूजिक टीचर भी काम करते हैं. मैथिली के दोनों भाई भी संगीत की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहते हैं. ठाकुर परिवार को संगीत की तालीम विरासत में मिली. मैथिली के दादा-दादी ने भी संगीत कला में पारंगत थे. 

 

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