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बिहार में BJP के स्ट्राइक रेट देख कांग्रेस हैरान... पार्टी के दिग्गज नेता अजय माकन ने दिया बड़ा बयान, कहा- ऐसा तो हमारा 1984 में नहीं था

Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 61 प्रत्याशियों में केवल छह ही जीत पाए. अब पार्टी हार की समीक्षा कर रही है. इस बीच कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध थी और नतीजों की जांच जरूरी है. पार्टी डेटा और फॉर्म 17 सी के आधार पर तथ्यों के साथ सामने आएगी. बता दें साल 1984 के लोकसभा चुनाव की तुलना करते हुए माकन ने बताया कि उस समय भी कांग्रेस को इतनी सफलता नहीं मिली थी, जितनी इस बार बीजेपी का स्ट्राइक रेट रहा.

Rahul Gandhi/ Mallikarjun Kharge (File Photo)

Bihar Chunav Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा दिया है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 में से 202 सीटें जीतकर अप्रत्याशित प्रदर्शन किया है. इस ऐतिहासिक जीत ने विपक्षी गठबंधन इंडिया और कांग्रेस को करारी हार दी है. कांग्रेस के 61 प्रत्याशियों में केवल छह ही एनडीए की लहर में बचा पाए, जिससे पार्टी अंदर और बाहर से गंभीर विश्लेषण में जुट गई है.

कांग्रेस ने की चुनावी नतीजों की जांच की मांग 

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए नतीजों की जांच की मांग की है. वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू से ही संदिग्ध थी. उन्होंने कहा, 'शुरुआत से ही पूरी चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगा हुआ था. जब ऐसा है, तो परिणाम भी इस तरह अप्रत्याशित आएंगे. कभी ऐसा स्ट्राइक रेट नहीं रहा. 1984 में भी कांग्रेस का स्ट्राइक रेट ऐसा नहीं था, जैसा इन चुनावों में बीजेपी का है. बीजेपी का 90 प्रतिशत से भी ऊपर का स्ट्राइक रेट किसी को भी उम्मीद नहीं थी और इसमें दाल में काला नजर आता है.'

साल 1984 में कैसे रहे थे नतीजे?

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में है. बिहार भर से कार्यकर्ताओं के फोन आ रहे हैं कि चुनाव में अनियमितताएं हुई हैं. 'हम डेटा इकट्ठा कर रहे हैं, फॉर्म 17 सी और मतदाता सूची देखेंगे और तथ्यों के साथ सामने आएंगे,' माकन ने जोड़ा. 1984 का इतिहास भी इस संदर्भ में याद दिलाया जा रहा है. उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अभूतपूर्व जीत दर्ज की थी. पार्टी ने 533 में से 414 सीटें जीती थीं. यह जीत भारतीय चुनाव इतिहास में सबसे बड़ी मानी जाती है और इसे राजीव गांधी के नेतृत्व और सहानुभूति लहर से जोड़ा जाता है. कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी इस ऐतिहासिक संदर्भ की ओर इशारा करती है, जब वह वर्तमान में एनडीए की जीत को ‘ब्रैंड मोदी-नीतीश’ के रूप में देख रहे हैं.

पार्टी कर रही आंकड़े इकट्ठा 

वहीं, कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी चुनाव परिणामों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बिहार से आए नतीजे अविश्वसनीय हैं और उनके गठबंधन दल इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं. वेणुगोपाल ने बताया कि पार्टी आंकड़े इकट्ठा कर रही है और गहन विश्लेषण के बाद 1–2 हफ्तों के भीतर ठोस सबूत पेश किए जाएंगे. उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरी प्रक्रिया संदिग्ध और एकतरफा नजर आती है. इस बीच, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बिहार चुनाव नतीजों को चौंकाने वाला करार दिया. उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सका, जो शुरू से निष्पक्ष नहीं था.

कांग्रेस ने की समीक्षा बैठक 

राहुल गांधी ने मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठकों में बिहार में कांग्रेस और महगठबंधन के खराब प्रदर्शन की समीक्षा की. इस बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी शामिल थे. सत्ता में आए एनडीए के प्रदर्शन को राजनीतिक विशेषज्ञ ‘ब्रैंड मोदी-नीतीश’ का परिणाम बता रहे हैं. इसके उलट, इंडिया गठबंधन केवल 34 सीट पर सिमट गया. कांग्रेस की स्थिति और भी चिंताजनक है क्योंकि यह बिहार में 2010 के बाद का दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन माना जा रहा है. उस वर्ष कांग्रेस ने केवल चार सीटें ही जीती थीं.

बताते चलें कि इन नतीजों को देखकर जानकारों का कहना है कि इस बार बिहार की राजनीति में बीजेपी और नीतीश कुमार की जोड़ ने जनता में भरोसे का नया वातावरण बनाया. वहीं, विपक्षी दलों के लिए यह संदेश भी साफ है कि उन्हें अपनी रणनीति में बड़े बदलाव की आवश्यकता है. चुनाव नतीजों ने यह भी साबित किया कि बिहार के मतदाता अब लोकल मुद्दों के साथ-साथ नेतृत्व और विकास की बात को भी भारी मानते हैं. राजनीतिक हलकों में फिलहाल गहन चर्चा और समीक्षा जारी है. कांग्रेस गठबंधन आंकड़ों और फॉर्म 17 सी के आधार पर नतीजों की पड़ताल करने की तैयारी कर रहा है. बिहार के चुनाव नतीजों ने देश की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है और आने वाले समय में इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जाएगा.

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