रघुनाथपुर की रैली में गरजे CM सरमा, ‘हम हिंदू हैं, गर्व से कहो’; कांग्रेस शासन में हुआ था असम की जमीन पर अतिक्रमण
सीएम सरमा ने कहा कि असम की बड़ी मात्रा में जमीन पर बांग्लादेश से आए लोगों ने कब्जा कर लिया है और यह समस्या कांग्रेस शासन के दौरान पनपी थी. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अधिकारियों से इस बड़े पैमाने पर हुई जमीन कब्जे की वजह पूछी तो उनसे एक चौंकाने वाला जवाब मिला.
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बिहार के रघुनाथपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदुओं को बस गर्व से दहाड़कर कहना है, 'हम हिंदू हैं.' एक बार जब हम साहस के साथ ऐसा कह देते हैं तो सब कुछ संभव हो जाता है. और जब प्रधानमंत्री मोदी हमारे साथ हों तो कुछ भी असंभव नहीं है.
"PM मोदी हमारे साथ हों तो कुछ भी असंभव नहीं"
सरमा ने सभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "ये लोग, जो सीमा पार बांग्लादेश से आए हैं, उन्होंने असम की जमीन पर कब्जा कर लिया है. करीब 1 लाख एकड़ भूमि पर उन्होंने अतिक्रमण कर लिया है."
सीएम सरमा ने कहा कि असम की बड़ी मात्रा में जमीन पर बांग्लादेश से आए लोगों ने कब्जा कर लिया है और यह समस्या कांग्रेस शासन के दौरान पनपी थी. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अधिकारियों से इस बड़े पैमाने पर हुई जमीन कब्जे की वजह पूछी तो उनसे एक चौंकाने वाला जवाब मिला.
कांग्रेस सरकार में हुआ अतिक्रमण
सरमा ने कहा कि अधिकारियों ने साफ तौर पर बताया कि यह अतिक्रमण कांग्रेस सरकार के समय में हुआ और तब कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने कहा, "मैंने पूछा कि इतनी जमीन पर कब्जा कैसे होने दिया गया? अधिकारियों ने कहा कि यह सब कांग्रेस शासन के समय हुआ और अब उनके पास कोई प्रभावी उपाय नहीं है. उन्होंने बताया कि इस समय वे कुछ खास नहीं कर सकते."
असम में घुसपैठ और अतिक्रमण एक गंभीर समस्या
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि असम में घुसपैठ और अतिक्रमण की समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि यह सिर्फ जमीन का सवाल नहीं, बल्कि असम की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बन गया है.
उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि अवैध कब्जे हटाए जाएं, लेकिन पहले की सरकारों की लापरवाही के कारण चुनौती और कठिन हो गई है.
सीएम सरमा ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
सरमा ने कहा कि वर्तमान प्रशासन इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए कदम उठा रहा है, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें राजनीतिक इच्छाशक्ति की सबसे ज्यादा जरूरत है.
उन्होंने कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि घुसपैठियों को संरक्षण देने का परिणाम आज असम भुगत रहा है. सरमा ने कहा कि अगर पहले की सरकारें सख्त रुख अपनातीं तो आज असम को इतना बड़ा नुकसान नहीं झेलना पड़ता.
उन्होंने कहा कि असम की जमीन, संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए कड़े कदम उठाना जरूरी है और उनकी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है.
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