BJP की सहयोगी सुभासपा ने खोला मोर्चा, राजभर का बिहार चुनाव में उतरने का फैसला, 53 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
यूपी में बीजेपी की सहयोगी भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने बिहार में बगावती सुर अपना लिया है. पार्टी ने बिहार में NDA की सीट शेयरिंग में सीटें ना मिलने का ठीकरा बिहार बीजेपी पर फोड़ते हुए अपने बल पर चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है. सुभासपा ने 53 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी कर दिया है.
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उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बिहार में 53 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने पहले चरण के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इसका NDA की सत्ता में पुन: वापसी के प्रयासों पर कितना प्रभाव पड़ेगा ये तो नतीजों के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इसने फिलहाल गठबंधन को अपनी राणनीति को फिर से संगठित करने पर मजबूर तो कर ही दिया है.
क्या बोली सुभासपा?
सुभासपा के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव अरविंद राजभर ने कहा कि बिहार में हमारी पार्टी की स्थिति बहुत मजबूत है. हमारे कार्यकर्ता काफी समय से तैयारी कर रहे हैं. राजग से सीटें मांगी गई थीं, लेकिन हमारे हिस्से में एक भी सीट नहीं आई है. उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के लिए 53 प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं, जबकि कुल 132 सीट पर पार्टी मैदान में प्रत्याशी उतारेगी. इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गठबंधन धर्म न निभाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अब अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी. हम एक मोर्चा बनाएंगे और सभी 153 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. पहले चरण की 53 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए गए हैं.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर ने कहा कि अभी हमारी पार्टी ने 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, आगे चलकर और प्रत्याशी चुनाव में उतरेंगे. हमारी भाजपा से बातचीत हुई थी. प्रदेश नेतृत्व के गलत फीडबैक के कारण हमको सीटें नहीं मिली हैं. इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना होगा. ये लोग कम से कम 50 सीटों पर हारेंगे. हम लोग एक मोर्चा बना रहे हैं. उसकी भी लगभग बातचीत हो चुकी है, जो जल्द घोषित होगा.
NDA में सीट शेयरिंग फाइनल
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने सीट शेयरिंग फाइनल कर दिया है. इस फॉर्मूले के तहत भाजपा और जद(यू) 101-101 सीटों, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटों, जबकि आरएलएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि पार्टी पूर्वी यूपी से सटे बिहार के जिलों जैसे बलिया, गाजीपुर और पूर्वांचल सीमा वाले इलाकों में मजबूत है, जहां राजभर समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है.
क्या हम सिर्फ वोट दिलाने की मशीन हैं?
वहीं इससे पहले बीते दिन हुए NDA में सीट शेयरिंग के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटें नहीं मिलने पर अफसोस जाहिर किया था. उन्होंने कहा था कि हम तीन-चार सीटें ही मांग रहे थे, लेकिन हमें एक भी सीट नहीं दी गई. क्या हम सिर्फ वोट दिलाने की मशीन हैं? उपचुनाव में तो मैंने वोट दिला दिया था. लेकिन, इस बार ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है.
बिहार बीजेपी पर राजभर ने फोड़ा सीटें ना मिलने का ठीकरा!
NDA की सीट शेयरिंग में सीटें ना मिलने का ठीकरा बिहार बीजेपी पर फोड़ते हुए ओपी राजभर ने कहा कि बिहार में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व को सही जानकारी नहीं दी, जिसका खामियाजा मौजूदा समय में बिहार की जनता को भुगतना पड़ रहा है. लेकिन, कोई बात नहीं है. हमारी बिहार में क्षेत्रीय दलों से बातचीत हो रही है. आगे चलकर हम बिहार में अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ सकते हैं.
उन्होंने कहा कि जब हमने बिहार में बीते दिनों दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, तो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने हमें आश्वस्त किया था कि हम आगामी दिनों में बिहार में एक साथ चुनाव लड़ेंगे. लेकिन, अफसोस लोग ये सब बातें भूल चुके हैं. खैर, कोई बात नहीं. हमें इसका कोई मलाल नहीं है. मैं आपको बता दूं कि हम लोग 153 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
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