मेरे ढोलना सुन…. हार के बाद तेज प्रताप का हैरान कर देने वाला अंदाज, बांसुरी पर बजाई ऐसी धुन, लोगों ने कहा- गजब
हार के बाद तेज प्रताप यादव ने किसी पर ठीकरा नहीं फोड़ा, बल्कि उन्होंने परिणामों को स्वीकार किया. उल्टा ऐसा लग रहा है कि तेज प्रताप यादव अपनी हार पर दुखी होने से ज्यादा RJD की हार से खुश हैं.
Follow Us:
‘मैं तो बाजी हार कर, बे-फिक्र हो कर चल दिया
जीतने वालों को चस्का लग गया अच्छा नहीं’
पॉलिटिक्स एक गेम है और गेम में हार जीत लगी रहती है. बिहार चुनाव के नतीजों के बाद महागठबंधन हार के सदमे में है, लेकिन एक नेता हैं तेज प्रताप यादव, जो हार के बाद भी चैन की बांसुरी बजा रहे हैं. जो वफा सिद्दीकी के इस शेर को चरितार्थ कर रहे हैं. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप पहले पार्टी और परिवार से बेदखल हुए, फिर अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाकर कैंडिडेट उतारे लेकिन एक भी सीट जीत न सके, और तो और अपनी सीट भी गंवा बैठे.
हार के बाद तेज प्रताप यादव ने किसी पर ठीकरा नहीं फोड़ा, बल्कि उन्होंने परिणामों को स्वीकार किया. अब तेज प्रताप का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह बांसुरी बजाते दिख रहे हैं. बांसुरी पर वह भूल-भुलैया फिल्म का गाना मेरे ढोलना सुन की धुन बजा रहे हैं और आस-पास बैठे नेता बड़े ध्यान से सुन रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो नतीजे वाले दिन यानी 14 नवंबर का है जब रुझानों में तेज प्रताप हार रहे थे. हालांकि कुछ लोग इसे पुराना वीडियो बता रहे हैं. NMF NEWS वीडियो के समय की पुष्टि नहीं करता है.
तेज प्रताप के वीडियो में क्या है?
एक्स यूजर @Lotus_indrajit ने तेज प्रताप का ये वीडियो शेयर किया है. इस पोस्ट के साथ लिखा, ‘महुआ में अपनी हार से दुखी न होकर, तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी के व्यथित कार्यकर्त्ताओं को अपनी मधुर मुरली सुनाकर उनके अश्रु थाम दिए. तेज प्रताप यादव जैसे कोमल हृदय वाले व्यक्ति हजारों वर्षों में केवल एक बार ही धरती पर अवतरित होते हैं.’
इस पोस्ट पर लोगों ने तरह-तरह के कमेंट किए. इनमें से कई लोगों ने उन्हें क्रिएटिव भी बताया. @SompalS00268757 नाम के यूजर ने लिखा, ‘गजब लालू जी जैसे अनुभवी नेता इस नायाब हीरे को क्यो नहीं जान पाये? इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी उन्होंने या फिर मैं ही नहीं समझ पा रहा हूं कि राजनीति एक बहुकोणीय और बहुआयामी विषय है जिसे विलक्षण व्यक्ति ही समझ पाता है.
यूजर ने PM मोदी को टैग करते हुए तेज प्रताप को BJP में शामिल करने की रिक्वेस्ट भी कर डाली. वहीं, एक दूसरे यूजर ने तेज प्रताप की हार के बाद उन पर तंज कसा. शख्स ने लिखा, तेज प्रताप को अब बांसुरी ही बजानी चाहिए.
महुआ सीट से हार के बाद क्या बोले तेज प्रताप?
तेज प्रताप की पार्टी जनशक्ति जनता दल को एक भी सीट नहीं मिली. डेब्यू मैच में ही तेज प्रताप क्लीन बोल्ड हो गए. उन्होंने खुद महुआ सीट से दावेदारी की थी. ऐसा लग रहा है तेज प्रताप यादव अपनी हार से ज्यादा RJD की हार से खुश हैं. उन्होंने भाई तेजस्वी यादव पर सीधा हमला करते हुए कहा, ‘बिहार ने यह साफ संदेश दे दिया है कि अब राजनीति परिवारवाद की नहीं, सुशासन और शिक्षा की होगी. ये जयचंदों की करारी हार है, हमने पहले ही कहा था कि इस चुनाव के बाद बिहार से कांग्रेस ख़त्म हो जाएगी और आज कहना नहीं, साफ़-साफ़ दिख भी गया. मैं तो हारकर भी जीता हूं, इन जयचंदों ने RJD को भीतर से खोखला कर दिया, बर्बाद कर दिया. इसी वजह से आज तेजस्वी फेलस्वी हो गया. जिन्होंने अपनी कुर्सी और अपनी राजनीति बचाने के लिए अपने ही घर को आग लगा दी- इतिहास उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा.’
NDA की जीत पर तेज प्रताप ने क्या कहा?
तेज प्रताप यादव ने NDA को बड़ी जीत की बधाई दी. उन्होंने इस जीत का क्रेडिट अमित शाह को दिया और कहा, इस विजय का सबसे बड़ा कारण NDA की अटूट एकता है. NDA गठबंधन की सभी पांचों पार्टियों ‘पांच पांडवों’ ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा. जनता ने अपना विश्वास, मत और भरपूर समर्थन देकर इस एकता को विजय की शक्ति में बदल दिया. यह जीत बिहार की जनता की है, यह जीत विश्वास की है. यह जीत विकास और सुसाशन के संकल्प की है.
तेज प्रताप ने अमित शाह को चाणक्य बताते हुए कहा, यह ऐतिहासिक जीत भारत के गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य अमित शाह और भारत सरकार में मंत्री और बीजेपी बिहार के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की कूटनीति, दूरदृष्टि और दिन-रात किए गए परिश्रम का परिणाम है.
महुआ सीट पर किसने मारी बाजी?
‘हम तो डूबेंगे ही सनम, तुम्हे भी ले डूबेंगे’ महुआ सीट पर तेज प्रताप का दांव उन्हें ही नहीं RJD को भी ले डूबा. किसी पुरानी प्रेमिका की तरह तेज प्रताप ने मानों RJD से बदला लिया हो. महुआ विधानसभा सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रत्याशी संजय कुमार सिंह ने 87,641 वोट हासिल कर जीत दर्ज की है.
वहीं, RJD प्रत्याशी मुकेश कुमार रौशन को 42,644 वोट मिले. जबकि तेज प्रताप यादव को 35,703 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. इन आंकड़ों से साफ है कि तेज प्रताप यादव महुआ सीट पर वोटों के बंटवारे की बड़ी वजह बने. अगर तेज प्रताप महुआ सीट पर दावेदारी नहीं करते तो RJD शायद बाल-बाल बच जाती या जीत के करीब होती.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement